रामप्यारी का सवाल - 1

rampyari-tdc हाय….आंटीज..अंकल्स एंड दीदी लोग..या..दिस इज मी..रामप्यारी..चौंक गये ना? अब आप कहोगे कि रामप्यारी यहां भी आगई पकाने? तो बात ऐसी है कि ताऊ और भतिजा दोनों  हां... आज दोनों के दोनों एक साथ छुट्टी पर है…तो यहां की इंचार्ज अब से रामप्यारी रहेगी.

पुराने कानून कायदे कैन्सिल…सब काम अब रामप्यारी के नये नियमों के हिसाब से होगा.  अब से यहां रोज शाम को 6:00  बजे नई पहेली पूछी जायेगी.

और उसका जवाब जो भी सबसे पहले देगा वही विजेता होगा.  जवाब रामप्यारी जब भी स्कूल से लौट कर आयेगी तब बता दिया करेगी.  यहां रिश्वत मे चाकलेट नही चलेगी. इज दैट क्लियर? और हां..एक बात और..यहां पहेली का कोई विषय नही है. कुछ भी पूछा जा सकता है. और बस आप तो जवाब देते रहिये. बाकी रामप्यारी सब देख लेगी.  तो आईये अब शुरु करते हैं आज की “कुछ भी-कही से भी – 1” 

 

आज का सवाल –

एक पेड पर ३४ कबूतर और ३१ कबूतरियां बैठी थी. अब अचानक से एक शिकारी आया और उसने आते ही तडातड गोलीबारी करदी. उस गोलीबारी में दो पक्षी मारे गये. तो अब आपको बताना है कि उस पेड पर कितने कबूतर और कितनी कबूतरियां बची?

है ना आसान सा सवाल? तो बस अब फ़टाफ़ट से भी फ़टाफ़ट जवाब दे दिजिये.  जब तक आज मैं सण्डे को थोडा घूम फ़िरकर आती हूं.

Promoted By : ताऊ और भतीजा

26 comments:

  Udan Tashtari

26 July 2009 at 18:14

Ek bhi nahi bacha.Sab ud gaye.

  Udan Tashtari

26 July 2009 at 18:14

Shahar bhar halla mach gaya ki goli bari chal rahi hai.

  संगीता पुरी

26 July 2009 at 18:16

कोई भी नहीं .. सारे उड गए !

  Udan Tashtari

26 July 2009 at 18:21

Waise to sab ud jayenge magar agar sab bahere honge to 63 bache rahenge. Jaroori ye hai ki wo bahere hon aur kuch sun na sake. :)

  विवेक सिंह

26 July 2009 at 18:26

ZERO

  hemendra mishra

26 July 2009 at 18:33

pade par koi bhi panchi nahi rahegi.sab to furrrrr se orrr jayegi

  अविनाश वाचस्पति

26 July 2009 at 19:11

पेड़ पर तो कोई नहीं बचा
और जिंदा का आपने हिसाब मांगा नहीं
जो मरे वे नीचे गिर गए
बता दिया हल और हम भी चल दिए घर।

  रंजन

26 July 2009 at 19:32

अण्डा बचा... सब भाग गये रामप्यारी...

  रंजन

26 July 2009 at 19:34

वैसे हमे तो २४x7 वाला तरीका अच्छा लगा था... कोई फिक्स टाइम नहीं जब आओ तब पहेली हाजिर है. जबाब दो नहीं तो अगली आने वाली है... पता नहीं जनता क्या चाहती है.. देख है.. एक ओपिनियन पोल करवा दे..

  Udan Tashtari

26 July 2009 at 19:49

Humare sote samay pucha to hulla machayenge chahe kitna bhi opinion poll kara lo. :)

  Udan Tashtari

26 July 2009 at 19:57

Bharat ke samayanusar subah 7.30 se sham 5 baje tak paheli puchna paap mana jayega. Is samay sab log office me man laga kar kaam kariye aur hum man laga kar soyenge.

Aisa tay paya gaya hai.. :)

  वन्दना अवस्थी दुबे

26 July 2009 at 20:38

रामप्यारी जी कबूतर और कबूतरियां तो सभी बच गये क्योंकि मारे जाने वाले पक्षी तो कोई और ही हैं.सो ३४ और ३१ की संख्या सलामत रहेगी.

  Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून

26 July 2009 at 20:46

इतनी गोलियां चलने पर भी वहां बाकी वही वचेंगे जो अंधे व बहरें होंगे...

  निर्मला कपिला

26 July 2009 at 21:46

राम प्यारी जी आपने तो मेरी समस्या ही खत्म कर दी अब सवाल नेहीम बूझना पडेगा क्यों कि 6.30 पर तो हम सैर को जाते हैं हा हा हा

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

26 July 2009 at 22:09

रामप्यारी पहेली के नियम कायदे जरा हम जैसों का ख्याल करके बनाना। ऎसा न हो कि पहेली का समय समीरलाल जी के हिसाब से तय किया जाए। पता चले कि हम तो सोते ही रह गये और समीरलाल जी पहेली बूझकर चलते बने:)
ऎसी कोई भी चीटिंग की तो हम सब लोग तेरे घर के बाहर धरना प्रदर्शन कर लेंगे...मुर्दाबाद,मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए:)
तेरी आज की पहेली का जवाब तो यो है कि न तो वहाँ कोई कबूतर बचा और न ही कबूतरी। सब के सब उड गये।

  समयचक्र

26 July 2009 at 22:14

उत्तर -दाऊ कुछ नहीं बची.पेड़ पे

ताऊ जी अब दाल बड़ी मंहगी हो गई है इसकी चर्चा न किया करे. बड़ी मुश्किल से बनियो ने मांग अचानक कम हो जाने के दस रुपये कम कर दी है जब बिलकुल चर्चा न करेंगे, तो रेट अपने आप घट जायेंगे. रामप्यारीजी अब दाल कलि भयो हा हा

  चंद्रमौलेश्वर प्रसाद

26 July 2009 at 22:38

पहले ही मेरा माथा ठनका था कि तुम यहां भी पहुंच जाओगी। हुआ ना वही:)

  Alpana Verma

26 July 2009 at 23:55

बहुत खूब रामप्यारी जी आप यहाँ भी....!
बहुत अच्छे से सञ्चालन करोगी मुझे पूरा विश्वास है...मेरी शुभकामनयें गुडिया रानी...ओल दी बेस्ट!

  Udan Tashtari

27 July 2009 at 06:09

रामप्यारी, क्लास, फिर ताऊ का क्लू, फिर बदमाशी, फिर ये...कितना थक जाती होगी न तू..आ जा यहाँ..बस, चिड़ियों से खेलना..और चाकलेट खाना..कहाँ ताऊ के पास बैठी है.बस, हमें जबाब बताती जाना!! :)

  दीपक "तिवारी साहब"

27 July 2009 at 08:13

रामप्यारी आ पहुंची यहां भी? हम तो तेरे को ताऊ डाट इन पर ढूंढ रहे थे.

  दीपक "तिवारी साहब"

27 July 2009 at 08:13

रामप्यारी आ पहुंची यहां भी? हम तो तेरे को ताऊ डाट इन पर ढूंढ रहे थे.

  जाट के ठाठ

27 July 2009 at 08:15

दो मे से एक एक नर मादा मरे होंगे? समानता का जमाना है तो ३३ कबूतर और ३० उनकी कबूतरियां बची होंगी? और क्या?

  जाट के ठाठ

27 July 2009 at 08:15

दो मे से एक एक नर मादा मरे होंगे? समानता का जमाना है तो ३३ कबूतर और ३० उनकी कबूतरियां बची होंगी? और क्या?

  जाट के ठाठ

27 July 2009 at 08:16

या फ़िर एक जवाब जीरो भी हो सकता है.

  seema gupta

27 July 2009 at 08:59

रामप्यारी रानी यहाँ भी हा हा हा हा हा अब तुम्हरी क्लास में हम बहुत कुछ सिख गये हैं.....वहां सिर्फ रामप्यारी बची होगी ये प्रश्न पूछने के लिए है न......

bye ya

  Anonymous

27 July 2009 at 18:24

रामप्यारी जी आपको जितने ठीक लगे उतने कबूतर बचा दीजिये। बाकी इनाम अपने आधा आधा कर लेते हें, क्यों?

Followers