हाय….आंटीज..अंकल्स एंड दीदी लोग..या..दिस इज मी..रामप्यारी.. आज शाम के नये सवाल मे आपका स्वागत है. तो आईये अब शुरु करते हैं आज का “कुछ भी-कही से भी” मे आज का सवाल.
सवाल है : यह क्या है? पहचानिये?
तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. तब तक रामप्यारी की रामराम.
Promoted By : ताऊ और भतीजा
79 comments:
26 October 2009 at 18:06
सर पर लदा भूसा
26 October 2009 at 18:07
joot ..........
26 October 2009 at 18:07
jute
26 October 2009 at 18:07
धान की बालियाँ
26 October 2009 at 18:09
English me ise 'Hay' kahte hain :)
26 October 2009 at 18:09
खेत से धान काट कर ले जाते हुए
धान की बालियाँ ही हैं
समीर भाई आप आज चूक गये
26 October 2009 at 18:11
समीर भाई हम तो आज घात लगा के बैठे थे
रोज लेट हो जाते हैं
धान की बालियाँ
उत्तर नही बदलेगा
26 October 2009 at 18:13
जय हो,धान की बालियाँ
26 October 2009 at 18:14
विशेषज्ञों की सलाह ली जाए
26 October 2009 at 18:16
Llama....
26 October 2009 at 18:16
ये तो दो खंबों पर जूट सूखने के लिये डाला हुआ है.
26 October 2009 at 18:20
aaj to pakka confirm hoon...........
jute hi hai .....
26 October 2009 at 18:22
कोई ज्ञानी जी को बुलवाओ.
26 October 2009 at 18:22
समीर लाल जी को एडवाँस में बधाई दे देते हैं ......अखिर अब की बार भी जीतना तो उन्होने ही है :)
26 October 2009 at 18:22
कहां गये ज्ञानी जी...आवो मदद करो.
26 October 2009 at 18:24
उपर धान का पैरा है
नीचे लटकती हुई बालियाँ दिख रही हैं
26 October 2009 at 18:27
"सर पर लदा भूसा "
@समीर जी, आपको ये बताना पडेगा कि ये भूसा किसके सिर पर लदा है..तभी विजेता माने जाएंगें..वर्ना आपका जवाब गलत माना जाएगा :)
26 October 2009 at 18:30
harvested jute plants hain.
26 October 2009 at 18:30
Jute hai 100%
26 October 2009 at 18:31
oye hoye ...........jeet gaya .....
26 October 2009 at 18:33
अगर भुसा है तो किसका
धान का या गेहुँ का
बताएँ?
26 October 2009 at 18:34
अरे अरे मुझ अज्ञानी की भी सुनो कोई...ये जूट नही है....हे भगवान ...हे रामप्यारी...समझा इनको..और ज्ञानी जी को बुलवाओ...
26 October 2009 at 18:40
वे लटें हैं जो
काली रही होंगी
लटके लटके
सफेद हो गई हैं
इसलिए यहीं पर
चकरोल कर दी गई हैं
कई सिरों से बटोर कर
एक सिर पर धर दी गई हैं।
26 October 2009 at 18:41
PATSAN
26 October 2009 at 18:41
alpnaa ji right joot aur patsan ek hi hai
26 October 2009 at 18:44
hmmmmmmmm...
Murari bhaiya aaj bhi late ...?
26 October 2009 at 18:46
Is baar to main dead sure hoon.....
ya to yeh dhaan ki baaliyan hain, ya jute hai, ya gehun ki baaliyan hain,ya patsan hai, ya phir Reindeer ke baal hain jo badh gaye hain.... ya phir wo jaanwar hai jiska naam main bhool raha hoon jo ki laddakh mein paya jata hai..... wahi hai uske bhi baal badh gaye hain.....
26 October 2009 at 18:50
MUJHE LAG RAHA HAI IS BAAR MERI JEET PAKKI HAI
26 October 2009 at 18:53
गोरी चमड़ी वाले के सिर के बाल
26 October 2009 at 18:53
ये जूट है, यह रुई है, यह भूसा है, यह हिमालय का प्राणी है जिसका नाम मैं भूल गया हूं..और इनमे से कुछ बःइ हो मेरी जीत पक्की है.:)
26 October 2009 at 18:55
आस पास मे नाई की कोई दुकान है
26 October 2009 at 18:56
जीत गये भई जीत गये....गोरी चमडी वाले जीत गये...गोदियाल जी की जय, आज के विजेता गोदियाल जी.
26 October 2009 at 18:57
अब भि मैं कह रहा हूं..ज्ञानी जी की सलाह लेलो..ज्ञानी जी कहां हो..आवो ना...आज क्या आपका ज्ञान बांट संस्थान बंद है?
26 October 2009 at 18:58
@समीर भाई लिंक ढुंढ रहे हैं
जवाब पक्का करने के लिए,
धान का पैरा और बालियाँ हैं
नही तो अवधिया जी को बुलाना पड़ेगा
"धान के देश से"
26 October 2009 at 18:59
हमारी तो ईश्वर में आस्था है चाहे जो जीते. प्रभु, आपका ही आसरा है.
-भक्त समीर लाल
26 October 2009 at 19:00
manne to yah oon si laag ri tau
26 October 2009 at 19:02
मग्गा बाबा के आश्रम में दिया जलाकर सवा पांच आने का प्रसाद बंटवा दिजिये समीरजी, जीत पक्की हो जायेगी. :)
26 October 2009 at 19:03
@किशोर जी, पत्तळ सी तन्ने ही पाड़नी सै भाई, थारा फ़ैसला सही सै। मान गे
26 October 2009 at 19:03
सारे जने जोर से बोलो मग्गा बाबा की जय! अरे मिलकर बोलो...जयकारा सुनते ही ज्ञानी जी आ जायेंगे...
26 October 2009 at 19:05
मैं शांति का उपासक हूँ. किसी भी तरह का विवाद नहीं चाहता इसलिए जीत कर भी चुपचाप बैठा हूँ.
शांति ... शांति... शांति!!
आप लोग कृप्या प्रयास जारी रखें.
26 October 2009 at 19:10
हा हा .. पहला जबाब सर पर लदा भूसा .. मेरे ख्याल से भूसा अनाज के छिल्के का डस्ट होता है .. सो गलत है .. धान भी नहीं .. क्यूंकि धान ऐसे ढोया नहीं जाता .. पुआल हो सकता है .. शायद उसे ही HAY कहते हैं .. यदि यह है तो मै जीती .. समीर जी ने अंग्रेजी में बोला है .. हिन्दी ब्लागिंग में अंग्रेजी नहीं चलेगी .. आदमी के सर पर तो है .. क्यूंकि दो ही पैर दिख रहे हैं .. जानवर के सर पर होते तो चार पैर दिखते !!
26 October 2009 at 19:13
जूट वूट नहीं .. यह पुआल ही है .. क्या मैं अपनी जीत पक्की समझूं ?
26 October 2009 at 19:14
जीत गई भई जीत गई...संगीता पुरी जी जीत गई...
26 October 2009 at 19:20
भाई कोई कितणा भी जोर लगा ले
आज जीतणा मन्ने ही सै,आज रोटी भी
"की बोरड" पै बैठ कै ही खाणी सै, मन्ने तो
धान की बाल देखके कह्या सै-आगे ताऊ ओर
रामप्यारी की मर्जी, कोई हिंट हो जाये तो
सुवाद आ जाए।
26 October 2009 at 19:21
वट वृक्ष की घनी जड़ें
26 October 2009 at 19:28
mujhe to YAK ke fibre lagte hai.
26 October 2009 at 19:29
Himalayan Yak
26 October 2009 at 19:31
मैने लिंक ढूंढ लिया है, सच में.
मगर यह पहेली के सिद्धांत के खिलाफ है कि लिंक दिया जाये. इसलिये नहीं दे रहा हूँ.
:)
-सत्य का पुजारी एवं सिद्धांतवादी समीर लाल
26 October 2009 at 19:34
@बधाई हो समीर भैया अब चलते हैं
अपणा काम खतम हो गया राम-राम
फ़िर भी अगर नम्बर आ जाये तो सुचीत
किया जाये-उम्मीद जारी है।
26 October 2009 at 19:42
अरे, ललित भाई
कहाँ चल दिये...आजकल के सत्य के पुजारी पर इतना भरोसा ठीक नहीं.. :)
कोशिश करते रहिये.
26 October 2009 at 20:06
Haan! wahi....yak.... yak... yaad aa gaya...thanx POTPOURRI ji
26 October 2009 at 20:38
समीर भाई आज आप हार गये-शभम जीत गये
शुभम को मेरी घणी बधाई-राम-राम
26 October 2009 at 20:41
कहीं चाउमीन तो नहीं हैं।
26 October 2009 at 20:43
ये सर पर लदा सन या पटसन तो है पर ये समझ में नहीं आ रहा कि ये हाथी पर है या किसी के सर पर । अभी हम कौशिश कर रहे हैं । अभी फैसला मत करना ।
26 October 2009 at 20:57
हिन्दी में अंग्रेजी लाने के जुर्म में श्री समीर लाल जी तो स्पर्धा से बाहर हो गये हैं। अब हमारी ही चलेगी......... लगता है ये हाथी के ऊपर लदा हुआ सन या पटसन है । ये पुआल नहीं हो सकती क्योंकि पुआल इतनी लंबी नहीं हो सकती। अब सवाल ये बचता है कि ये हाथी असली है या पार्क में बना हाथी ' यू पी वाले पार्क वाला नहीं ' ये श्री शुभम आर्य श्री ललित शर्मा जी श्रीमती संगीता जी आप क्यों मुंह धो रहे हैं। सही बताने का श्रेय तो हमारी चौखट पर ही आयेगा।
26 October 2009 at 22:40
लो जी आगया मैं डाक्टर झटका...ये सीधा सा सवाल आपको नही पहचान मे आया अभी तक? मैं बता दूं क्या?
ठीक अहि आप पूछिये मैं बता देता हूं..मुझे रामप्यारी ने भेजा है आपकी मदद करने के लिये.
26 October 2009 at 22:47
llama
26 October 2009 at 22:48
lo mujhe laga ki aaj to jeet gay par :(
26 October 2009 at 22:52
Suri Alpaca
-यह उन के लिए इस्तेमाल होता है.
26 October 2009 at 22:54
Alpacas come in 22 different colours ranging from white to black including fawn, brown and grey and all the shades in between. Some alpacas are solid coloured and some multicoloured or have white markings. You can find an alpaca in almost any colour you prefer. More work has been put into improving the quality of the fibre of white alpacas than into that of coloured ones. This is because it can be dyed any other colour and is therefore able to be used for any purpose
26 October 2009 at 22:55
यह Suri Alpaca ही है....
26 October 2009 at 23:01
उड़नतश्तरी जी आजकल पहेलियों के फेर में ऐसे पडे हैं कि पढ़ना बिल्कुल भूल गए हैं। कार गाय गांधी पप्पू सब इंतजार में हैं
कामनवेल्थ गेम्स http://avinashvachaspati.blogspot.com/2009/10/blog-post_25.html कार से करते रहेंगे प्यार और गाय को रखने से इंकार http://hamkalam1.blogspot.com/2009/10/blog-post_24.html पप्पू सब्जी बेचने आया है http://words.sushilkumar.net/2009/10/blog-post_24.html बापू का जवाब नयी पीढ़ी के नाम http://nukkadh.blogspot.com/2009/10/blog-post_5157.html पप्पू बीस करोड़ की लाटरी जीता http://words.sushilkumar.net/2009/10/blog-post_17.html
पहेलियों से बाहर झांक कर देखिए जहां और भी है ब्लॉग में।
26 October 2009 at 23:01
अभिषेक से डायरेक्शन मिला और अभिषेक ने ही जरा जल्दी कर दी जबाब देने में..हाय !!!!!
26 October 2009 at 23:01
आता हूँ अविनाश भाई....यहाँ मामला निपट गया है अब!!
26 October 2009 at 23:07
आज आपको लाल बुझक्कड परिचय दे रही हूं .. जहां हमलोग छोटी मोटी पहेलियों के जबाब नहीं दे पाते हैं .. वहीं वे कभी भी किसी भी रहस्य का पर्दाफाश कर देते हैं .. उनकी बुद्धि का लोहा लोग कब से मानने लगे .. इसकी एक कहानी बताती हूं .. उनके गांव के लोगों ने कभी हाथी नहीं देखी थी .. एक रात उनके गांव में हाथी आ गया .. सुबह जब लोग सोकर उठे तो गीली जमीन में एक पदचिन्ह देखकर अचरज में पड गए .. आखिर किसके पैरों का निशान है .. रात में यहां कौन आया था .. बडे बडे ज्ञानी इस उलझन को न सुलझा सके .. पर लालबुझक्कड ने तुरंत सुलझा दिया उन्होने कहा .....
लाल बुझक्कड बूझ गए और न बूझा कोय।
पैर में चक्की बांध के हिरणियां कूदी होए।।
उसके बाद तो उनकी प्रशंसा चतुर्दिक छा गयी। जहां भी कुछ बूझने की बात होती लाल बूझक्कड को जरूर बुलाया जाता। वही लालबूझक्कड आज अचानक मेरे घर पहुंच गए। मुझे रामप्यारी की पहेली को हल करने का बडा अच्छा मौका मिला था .. उनकी पूरी आवभगत की और फिर रामप्यारी की पहेली उनके सामने रख दी .. लालबुझक्कड के लिए इसे बूझना कठिन थोडे ही न था। उन्होने तुरंत जबाब दिया ...
लाल बुझक्कड बूझ गए और न बूझा कोय।
दूसरे ग्रह के प्राणी के, रोएं नहीं, रेशे होए।।
मैं तो धन्य हो गयी .. लालबुझक्कड जी को कहा है कि वे स्थायी तौर पर मेरे मेहमान बनकर रहे .. ताकि ब्लाग जगत की पहेलियों को बूझ बूझकर सबों को पीछे छोडा जा सके .. पर अभी तो वे तैयार नहीं कहते हैं .. उनकी जरूरत बहुतों को है .. देखिए मैं कोशिश में लगी हूं !!
26 October 2009 at 23:29
हाथी की पीठ पर जूट लदा है
हाथी का एक पांव दीख रहा है
तीन पांव तब दिखेगा
जब पहेली का राज खुलेगा
26 October 2009 at 23:42
ऊँठ की पीठ पर जूट लदा है
ऊँठ तब दिखेगा
जब पहेली का राज खुलेगा
27 October 2009 at 00:09
@भाई पवन इब तो हम मुंह की के बात सै,
इब तो दुसरा दिन लग ग्या-हम तो नहा भी
लिए-यो जुट ही सै-मन्ने इसका केमिकल-फ़ोटोकल
मैनुअल एनालिसेस कर लिया-आज का विजेता
शुभम आर्य घोषित किया जाता है-इब भले ही
राम प्यारी अपणा रिजल्ट पाछै लिकाड़ ले।
राम-राम
27 October 2009 at 04:35
ललित भाई
इस बहादुर पर कुछ तो सट्टा लगाओ. रिकार्ड अच्छा है पुराना. :)
27 October 2009 at 07:31
हमें पता नही है ताऊ जी।
27 October 2009 at 07:42
27 October 2009 at 07:44
sameer ji agar aap jeet te hai to adha shrey mujhko deejiye kyonki clue to mein hi diya tha varna aap sab to ise bhusa bata rahe the:-)
27 October 2009 at 08:35
मैं डाक्टर झटका यह घोषणा कर देता हूं कि रिजल्ट बिल्कुल आपकी आशा के विपरीत आयेंगे...आप जो समझ रहे हैं वो रिजल्ट नही हैं...फ़िर से आप अपनी कापी जांच लिजिये...फ़िर ये मत कहना की डाक्तर साहब ने आपको बताया नही था.....
प्लिज...प्लिज अपनी अपनी कापियां चेक करिये................
27 October 2009 at 08:56
लकडी के खंभे पे पाट सुख रहा है !!
27 October 2009 at 09:00
Muskox
regards
27 October 2009 at 10:45
भेड
27 October 2009 at 10:48
अभी भी जवाब चेक कर लिजिये..डाक्टर झटका की सलाह मानिय.
27 October 2009 at 11:52
डा.झटका आप कहा से भाई ...हम तो ब्लागजगत से और आप किस जगत से ?:)
27 October 2009 at 11:53
ये हाथी के ऊपर सुतली रखी गयी है
Post a Comment