हाय….आंटीज..अंकल्स एंड दीदी लोग..या..दिस इज मी..रामप्यारी.. आज के इस खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी मे रामप्यारी और डाक्टर झटका आपका हार्दिक स्वागत करते है. और अब शुरु करते हैं आज का “खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी” आज का सवाल उडनतश्तरी की पसंद का है.
आज के "खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी" का चित्र नीचे देखिये, हुआ यह कि प.डी.के. शर्मा "वत्स" जी ने जुर्माना नही भरा तो रामप्यारी अपने गधों और भेडो को लेकर वत्स जी के खेतो मे चरा लाई. और जब तक जुर्माना नही आयेगा तब तक पंडितजी के खेत में रोज चरायेगी. अब आपको यह बताना है कि रामप्यारी ने पंडितजी का किस चीज का खेत आज चरा दिया?
यहां माडरेशन नही है....यह आपका खेल आप ही खेल रहे हैं... अत: ऐसा कोई काम मत करिये जिससे खेल की रोचकता समाप्त हो ... सारे जवाब सबके सामने ही हैं...नकल करना हो करिये..नो प्राबलम टू रामप्यारी....बट यू नो?..टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.
परेशानी हो...डाक्टर झटका आपकी सेवा मे मौजूद हैं.. २१ सालों के तजुर्बेकार हैं डाक्टर झटका. पर आप अपनी रिस्क पर ही उनसे मदद मांगे. क्योंकि वो सही या गलत कुछ भी राय दे सकते हैं. रिस्क इज यूवर्स..रामप्यारी की कोई जिम्मेदारी नही है.
तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. इसका जवाब कल शाम को 4:00 बजे दिया जायेगा, तब तक रामप्यारी की तरफ़ से रामराम और डाक्टर झटका खेल दौरान आपके साथ रहेंगे.
"बकरा बनाओ और बकरा मेकर बनो"
114 comments:
25 November 2009 at 18:01
लौकी का :)
25 November 2009 at 18:02
matar ka khet
25 November 2009 at 18:03
matar ka khet. badhai ho devndra ji!
25 November 2009 at 18:05
mungfali ka
25 November 2009 at 18:07
पंडित जी जल्दी से टिप्पणी करना शुरू कर दीजिए
वरना रामप्यारी के गधे और भेंड़ पूरा मटर का खेत चट कर जाएंगे।
25 November 2009 at 18:07
25 November 2009 at 18:08
पंडित वत्स ज्यादा सही बता पायेंगे क्यूँकि खेत तो उन्हीं का चरा जा रहा है.
सभी को प्रातःकालीन नमस्कार!!
25 November 2009 at 18:08
matar ka fool nahi bhaai devendraji mungfali ka khte delhiye
25 November 2009 at 18:10
kyaa karen devendra ji aaj baaji le gaye!!!
25 November 2009 at 18:10
matar lock kar dewen hamaaraa bhi!!!
25 November 2009 at 18:11
लाल मुंगफ़ली का खेत है-जिंदोली वाली
25 November 2009 at 18:13
हमारी तो आदत है नहीं कि जबाब बदलें.. :)
कल के लिए सोचता हूँ कि क्या पूछूं??
25 November 2009 at 18:13
Aadarniya Sameer ji ...namaskar....
Lalit ji RAm ....ram...
Devendra ji namaskar...
Rekha ji namaskar
Sangeeta ji namaskar...
Godiyal ji....Ram ....Ram....
Sunita di...namaskar...
pandit ji namaskar...
Rampyari I Love U...
25 November 2009 at 18:14
सभी प्रतियोगियों को राम-राम
ये पंडित को दंड कैसे पड़ गया? शनि की वक्र दृष्टि इन पर कैसे आ गयी। संगीता जी कुछ इलाज करो।
25 November 2009 at 18:15
प.डी.के. शर्मा "वत्स" जी आये नहीं अभी तक??
25 November 2009 at 18:15
Murari ji Jai Hind...
25 November 2009 at 18:15
Yeh kaddu ka khet hai...jisko rapmpyari ne charaa diya...
25 November 2009 at 18:15
नमस्कार सभी को...
देवेन्द्र भाई, मटर का खेत...ये किस लिंक पर देखा आपने???
25 November 2009 at 18:16
महफूज...नमस्कार पहले से टाईप करके धरे हो क्या..आते ही कट पेस्ट...कोई हो न हो..सबको एक सुर?? हा हा
25 November 2009 at 18:17
मटर का ही खेत है .. मैं देर हो गयी .. देवेन्द्र जी को बधाई .. सबों को नमस्कार !!
25 November 2009 at 18:18
कभी संगीता जी समय पर आ जायें तो सब हार जायें... :)
25 November 2009 at 18:18
heheheheheheehehehe....jee.....aapne ekdum thik guess kiya....
25 November 2009 at 18:19
@रामप्यारी-सरे आम नकल हो रही है, लिंक मांगा जा रहा जो खेल के नियम के विपरीत है। समीर जी को भी 101 टिपपणी का दंड दिया जाए, जब बड़े ही अनुशासन तोड़े तो बच्चों को क्यों दंड दिया जाए?
25 November 2009 at 18:22
मैं बहुत बार समय पर आती हूं .. तब बहुत कठिन होता है .. और जब देर से आती हूं .. भिंडी और मटर के पेड होते हैं !!
25 November 2009 at 18:22
मेरा शनि तो परमानेंट कमजोर चल रहा है !!
25 November 2009 at 18:24
@रामप्यारी-सरे आम नकल हो रही है, लिंक मांगा जा रहा जो खेल के नियम के विपरीत है। समीर जी को भी 101 टिपपणी का दंड दिया जाए, जब बड़े ही अनुशासन तोड़े तो बच्चों को क्यों दंड दिया जाए?
25 November 2009 at 18:24
@रामप्यारी-सरे आम नकल हो रही है, लिंक मांगा जा रहा जो खेल के नियम के विपरीत है। समीर जी को भी 101 टिपपणी का दंड दिया जाए, जब बड़े ही अनुशासन तोड़े तो बच्चों को क्यों दंड दिया जाए?
25 November 2009 at 18:26
@ रामप्यारी-इंकलाब जिंदाबाद, अब हमारी बात नही सुनी गयी तो "टिप्पणी" हड़ताल हो जायेगी।
25 November 2009 at 18:26
@ रामप्यारी-इंकलाब जिंदाबाद, अब हमारी बात नही सुनी गयी तो "टिप्पणी" हड़ताल हो जायेगी।
25 November 2009 at 18:28
खेत तो मटर का ही है!
मगर 30 मिनट की देरी से आया हूँ!
25 November 2009 at 18:28
बिल्लनिया ....ई सफ़ल मटर का खेत है ...बिल्लन ये क्या जुलम कर रही है ..पता है मटर पहले ही अस्सी सौ रुपए किलो हो रिया है .....ओह अब समझा यो सारा थारा किया धरा है ...नूं सम्मेलन के बाद गधों को साथ साथ लिए फ़िर री है ...ताऊ ने तो बिगाड के रखा दिया तेरे कू....आज देखा कैसे तन के डेयर इंडिया में उडन लाग री थी .....
25 November 2009 at 18:28
लो जी, हमारा खेत ओर हमें ही नहीं पता कि किस चीज का है :)
25 November 2009 at 18:30
लगता है ताऊ और रामप्यारी को
गधे बहुत पसन्द है!
ये आलू के खेत में क्या कर रहे हैं।
25 November 2009 at 18:31
लगाये रहो ललित भाई नारा...हम आपके साथ हैं :)
25 November 2009 at 18:31
पंडित जी पैरोल पर हैं. :)
25 November 2009 at 18:32
@ रामप्यारी-इंकलाब जिंदाबाद, अब हमारी बात नही सुनी गयी तो "टिप्पणी" हड़ताल हो जायेगी।
25 November 2009 at 18:32
ललित भाई जिन्दाबाद
भूख हड़ताल करिये.
25 November 2009 at 18:33
बधाई के लिए धन्यवाद
इसके लिए लिंक की जरूरत ही नहीं पड़ी
मैने रामप्यारी पहले ही ऐसे खेत को खूब चरा है
25 November 2009 at 18:33
ललित जी...हम आप के आन्दोलन में आपके साथ हैं.....समीर जी को दंड मिलना ही चाहिए....ये अपनी बुजुर्गियत का नाजायज फायदा उठाया जा रहा है :)
25 November 2009 at 18:34
देवेन्द्र भाई, चलिये..ऐसा ही मान लेते हैं...
शायद रेखा जी के पास लिंक हो, उनसे मांग लेते हैं...रेखा जी!!!!!!!!!
25 November 2009 at 18:34
बधाई देवेन्द्र जी को
500% यह मटर का ही खेत है
25 November 2009 at 18:34
आप सभी को राम-राम और महफूज
भाई को अलग से मेरा राम राम ! मुझे मालूम है कि ताऊ जी ने मुझे तो कभी विजेता घोषित करना है नहीं इसलिए आराम और फुरसत से एक लगा के ही घर से निकलता हूँ यहाँ तक पहुँचने के लिए !
25 November 2009 at 18:35
बुजुर्ग कौन??? :)
25 November 2009 at 18:35
गोदियाल साहब को प्रणाम...
25 November 2009 at 18:36
ये मेथी के पौधे की फसल है,
25 November 2009 at 18:36
आलू के साथ खूब जमती है इसकी
25 November 2009 at 18:37
ठीक कह रही हैं संगीता जी
मुझे आपसे गहरी हमदर्दी है
देर से आने पर ही सरल सवाल मिल जाता है।
25 November 2009 at 18:37
समीर जी राम राम,
25 November 2009 at 18:38
टोरंटो में रात खुलती है और हमारे देश में रात पड़ती है कितनी अजीब बात है न
समीर जी !
25 November 2009 at 18:38
हा हा हा....
25 November 2009 at 18:39
गोदियाल जी-आप भी आंदोलन मे शामिल होईए। अभी "टिप्पणी" हड़ताल होने वाली है, और झा जी सही कह रहे थे कि ये बिल्लन बहुत बिगड़ गयी है, शायद समीर भाई ने सेट कर ली है, इसलिए हमारी मांग पर ध्यान ही नही दिया जा रहा है,
"इंकलाब जिंदाबाद" हमारी बात सुनी जाए-खेत तो बाद मे देखे्गे।
25 November 2009 at 18:39
५१ वीं टिप्पणी-शुभ!!!
25 November 2009 at 18:39
कितनी अजीब बात है कि हम इस देश में समानता की बात करते है जबकि पूरी दुनिया ही असमानता पर टिकी है !
25 November 2009 at 18:40
पंडित जी थक गए क्या?
25 November 2009 at 18:40
अजीब तो है...मगर यह भी एक अनुभव ही है...
25 November 2009 at 18:41
कमाल है! अन्याय के खिलाफ सब लोग हथियार डाल चुके । कोई भी इसके खिलाफ आवाज उठाने को तैय्यार ही नहीं :)
25 November 2009 at 18:42
पंडित जी थक गये??? अभी से...अभी तो ४७ कमेंट बाकी हैं उनके...
25 November 2009 at 18:42
मैं आपके साथ हूँ, ललित जी इ-मेल से से बता देना कि लाल झंडा कहाँ खडा करना है !
25 November 2009 at 18:43
देवेन्द्र जी,
थक नहीं गये बस यहाँ हो रहे अन्याय को देखकर मन थोडा भारी भारी सा हो रहा है :)
25 November 2009 at 18:43
अन्याय के खिलाफ में हूँ न आपके साथ...
सजा पूरी कर लो और फिर मिलाओ हाथ....
-कैसा लगा ये शॆर पंडित जी??
25 November 2009 at 18:44
गोदियाल जी
पंडित जी ईमेल नहीं करते...सब बात यहीं करते हैं...इसीलिए तो सजा पड़ी है ...हा हा
25 November 2009 at 18:44
-कैसा लगा ये शॆर पंडित जी??
25 November 2009 at 18:45
अजी, आप ही के साथ का तो आज हम ये फल भोग रहे हैं :)
25 November 2009 at 18:46
अभी साथ में मुरारी बाबू की "मिष्टी महफ़िल" सुन रहे हैं...और पंडित जी की टिप्पणियां गिन रहे हैं.
25 November 2009 at 18:46
@ डाक्दर झटका हाजिर होSSSSSSSSSSSS,
नही तो फ़ेर चलान पाड़ना ही पड़ेगा।
25 November 2009 at 18:46
संगत कीजे साधु की....
25 November 2009 at 18:49
मैं बोलूंगा तो पंडित जी इ-मेल भी करेंगे सम्रीर जी, यही तो अपनी धाक है इस इन्दुस्ट्री में, आप निश्चिन्त रहिये :-)
25 November 2009 at 18:50
@ डाक्दर झटका हाजिर होSSSSSSSSSSSS,
नही तो फ़ेर चलान पाड़ना ही पड़ेगा।
25 November 2009 at 18:51
आपकी इस इन्डस्ट्री में धाक को सलाम, गोदियाल साहब... :)
25 November 2009 at 18:52
डाक्टर झटका नहीं आयेंगे ललित जी, वे बीजी है पिछला वाला बकरा ही ठीक से नहीं कटा उनसे :)
25 November 2009 at 18:54
Thank you sir thank you, इस बात पर हाथ से अपने कालर उठाना चाह रहा था, मगर बाद में महसूस हुआ कि टी शर्ट पहन रखी है जिसमे कालर ही नहीं !
25 November 2009 at 18:55
हा हा हा हा
गोदियाल जी-आज टिप्पणी रिकार्ड नही बनने वाला, अब मजा नही आ रहा है। हा हा हा हा हा हा हा हा
25 November 2009 at 18:56
हा हा ...
25 November 2009 at 18:56
समीर जी की कुसंगत का हम पे ऎसा हुआ असर
पहेली तो जीत न पाए ओर टिप्पणीयों का टूटा कहर ।।
कैसा लगा शेर समीर जी :)
25 November 2009 at 18:56
पंडित जी, आप अपना काम करते चलें...आप भी बातें सुनने में लग जाते हैं जी.. :)
25 November 2009 at 18:57
सर्किट भाई आगयेले हैं और सबकू सलाम कर रयेले हैं.
25 November 2009 at 18:57
पंडितजी क्या कर रयेले हैं? भाई से कुछ मदद चाहिये तो बोलने का.
25 November 2009 at 18:57
पंडितजी क्या कर रयेले हैं? भाई से कुछ मदद चाहिये तो बोलने का.
25 November 2009 at 18:57
वाह!! क्या उम्दा शेर कह गये...कहते है जब दिल टूटता है तो आवाज नहीं आती...बस शेर निकलता है...
25 November 2009 at 18:58
रामप्यारी-अगर समीर जी को सौ टिप्पनी का दंड मिलेगा तो हम सब मिलके पाँच सौ करेन्गे।
25 November 2009 at 18:58
भाई बोल रयेले हैं ये एप्पल का खेत है...
25 November 2009 at 18:59
ये लो, अब सर्किट मदद का टोकरा उठाये चले आये पंडित जी के लिए... :)
आज पंडित जी डिमांड में है..पहेली के साथ भी नाम आया है. :)
25 November 2009 at 18:59
ललित शर्मा जी को भाई रामराम कर रयेला है.
25 November 2009 at 19:00
अब मैं जारयेला है ..मेरे कू दिल्ली जाने का है भाई के लिये मुन्नी मेंटेन भाभी देखने का वास्ते...खुशदीप भाई बुलायेला है..अबी मै जाता ..अब कल मिलने का...
25 November 2009 at 19:00
भाई ललित जी, रामप्यारी ऎसे नहीं सुनने वाली...बस आप तो अनशन पर बैठ जाओ :)
25 November 2009 at 19:00
नोटिस
कृप्या किसी शारीफ आदमी को दंड के लिए न घेरा जाये. अभी पुराने दंडित बाकी है..और सजा भुगत रहे हैं. उनका ध्यान बंटता है.
-दंडी कमेटी
25 November 2009 at 19:01
रामराम भाई रामराम
25 November 2009 at 19:02
ललित शार्मा जी तो भाई के आदमी निकले.
25 November 2009 at 19:02
हम भी ऊपरवाले से दुआ करते हैं कि आपका नाम भी ऎसे ही हर रोज आए :)
25 November 2009 at 19:04
आपकी दुआ कबूल हो..शायद!! :)
25 November 2009 at 19:06
वत्स साहब, शेर में modification:
समीर जी की ही संगती थी कि बोझ टिप्पणियों का उठाना पडा !
यों भी हम पश्चिमी देशो से इससे बढ़कर उम्मीद नहीं करते !!
pasand aaye to waah-waah jaroor bolnaa !
25 November 2009 at 19:07
हमारे यहाँ एक दुकान है जिसने कि अपने कुछ बन्दे रखे हुए हैं जो लोगों को बहला फुसलाकर, गुमराह करके उस दुकान पर ले आते हैं...ओर फिर वो दुकानदार उन्हे अच्छे से मूँज डालता है । हमें तो ऎसा ही कुछ यहाँ भी देखने को मिल रहा है :)
25 November 2009 at 19:08
पश्चिम देशों में रहने वाले ठेठ पुरबियों से जब तक गुरेज न हो...तब तक ...वाह वाह , गोदियाल जी!
25 November 2009 at 19:08
वाह वाह्! सुभानल्लाह्!!
सही कहा गोदियाल जी :)
25 November 2009 at 19:09
पहले वत्स साहब भी इसी दुकान में काम करते थे...एक बार मुरारी बाबू को घेर कर लाये थे..
नौकरी चली गई तो विरोधी खेमे में चले गये लगता है...हा हा!!!
25 November 2009 at 19:09
लो, वत्स साहब भी गूढ़ भाषा इस्तेमाल करने लगे, समीर जी आप पढ़ रहे है न ?
:)
25 November 2009 at 19:11
डा. झटका, रामप्यारी ओर समीर लाल जी की तिगडी ने दो दिनों से कुछ ऎसा उलझा रखा है कि हम अपने ब्लाग के लिए कोई नई पोस्ट भी नहीं लिख पा रहे....पाठकों की माँग की ओर भी ध्यान नहीं दे पा रहे...ब्लाग पे हल्ला मचा हुआ है..कि जल्दी से नई पोस्ट लगाईये :)
25 November 2009 at 19:11
पंडित जी स्पस्ट करें, यहां किसने बहला फ़ुसलाकर किसको मुंड़ा है? हमे ही चक्कर मे डाल दिया, दुसरी तरफ़ हमारी सुनवाई नही हो रही है।
25 November 2009 at 19:12
This is called good marketing Vats sahaab 1
25 November 2009 at 19:12
मैं सौवी टिपण्णी का इन्तजार कर रहा था , बाय-बाय आप सभी को, मेरा उसका टाइम हो गया !
25 November 2009 at 19:12
हमारी सुनवाई नही हो रही है।
25 November 2009 at 19:14
भई ललित जी...हमीं हैं वो गरीब की गायं...जो कि कसाई के हत्थे चढ गई :)
25 November 2009 at 19:15
बहुत सारे ईमेल और फोन मेरे पास भी आ रहे हैं कि वत्स साहब कुछ लिख क्यूँ नहीं रहे...हमने बता दिया है कि सजा काट कर आते ही लिखेंगे..किसी को बताना मत!!
25 November 2009 at 19:15
ललित जी की सुनवाई की जाये!!!
25 November 2009 at 19:36
ये टिप्पणि खेंचू ताबीज किदर मिल रयेला है? अपुन को बी लेने का है.
25 November 2009 at 19:38
उडनतश्तरी
आप कल का विषय ८:०५ तक लोक करवा सकते हैं. उसके बाद ८:२० तक आपका प्रतिनिधी करवा सकता है.
25 November 2009 at 19:41
प.डी.के.शर्मा "वत्स"
आपने ५५ टिप्पणियों के बदले अभी तक कुल १३ टिप्पणियां ही जमा करवाई हैं.
आपको सुचित किया जाता है कि प्रतिदिन टिप्पणी गिनने और ब्याज लगता रहेगा. बेहतर है आप अति शिघ्र दंड भरने की व्यवस्था करें.
25 November 2009 at 20:16
कल के लिए फिल्म!!!!
25 November 2009 at 22:38
चने का खेत है क्या..:)
25 November 2009 at 22:40
समीर भाई कौनसी फिल्म दिखायेगें?
26 November 2009 at 06:53
ये तो मोठ का खेत है |
26 November 2009 at 08:46
अगर अगली पहेली मे सजा पूरी न काटें तो पंडित जी की सजा बढ़ा कर १०१ की जाये अन्यथा जीतने पर भी विजेता नम्बर दो को विजेता घोषित किया जाये...हाय हाय!!!
-सजा कमेटी
26 November 2009 at 14:13
एतना देर हम आने में ही लगा देंगे तब जीत लिए हम (सपना में..)
25 November 2010 at 17:28
are bhai hamare hisab se ye matar ka hi khet hai
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