हाय….आंटीज..अंकल्स एंड दीदी लोग..या..दिस इज मी..रामप्यारी.. आज के इस खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी मे रामप्यारी और डाक्टर झटका आपका हार्दिक स्वागत करते है. और अब शुरु करते हैं आज का “खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी” आज का सवाल मुरारी पारीक की पसंद का है.
आज के "खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी" का चित्र नीचे देखिये. रामप्यारी ने फ़ोटो खींचने के लिये क्लिक किया ही था कि एक उडती हुई स्टार्क सामने आगई. अब ये बताईये कि इस उडती हुई स्टार्क के पीछे कौन है?
यहां माडरेशन नही है....यह आपका खेल आप ही खेल रहे हैं... अत: ऐसा कोई काम मत करिये जिससे खेल की रोचकता समाप्त हो ... सारे जवाब सबके सामने ही हैं...नकल करना हो करिये..नो प्राबलम टू रामप्यारी....बट यू नो?..टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.
परेशानी हो...डाक्टर झटका आपकी सेवा मे मौजूद हैं.. २१ सालों के तजुर्बेकार हैं डाक्टर झटका. पर आप अपनी रिस्क पर ही उनसे मदद मांगे. क्योंकि वो सही या गलत कुछ भी राय दे सकते हैं. रिस्क इज यूवर्स..रामप्यारी की कोई जिम्मेदारी नही है.
तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. इसका जवाब कल शाम को 4:00 बजे दिया जायेगा, तब तक रामप्यारी की तरफ़ से रामराम और डाक्टर झटका खेल दौरान आपके साथ रहेंगे.
"बकरा बनाओ और बकरा मेकर बनो"
111 comments:
29 November 2009 at 18:00
घोड़ा
29 November 2009 at 18:03
iske pichhe ghoda?? sameerji ghodaa bhi ud raha hai kya!!
29 November 2009 at 18:05
lion
29 November 2009 at 18:07
गधा है मुरारी का
29 November 2009 at 18:07
cheetah
29 November 2009 at 18:08
समीर भाई राम राम
मुरारी जी राम राम
29 November 2009 at 18:08
mera gadhaa whaan kya karne jayegaa lalitji !!
29 November 2009 at 18:08
bera na padd reyaa bhaaee.
29 November 2009 at 18:08
raam raam ji lalit bhaai aur sameer aur sabhi aane jaane waalon ko bhi!!!
29 November 2009 at 18:09
white tiger
29 November 2009 at 18:10
गगन जी राम -राम काल तो थे बिना राम राम लिये ही चाल्या गया था-आज तो ले लो
29 November 2009 at 18:12
सभी को राम राम....:)
बाबा जी चले आओ!! कुछ तो बताओ!!
29 November 2009 at 18:12
गधा तो गधा है कहीं भी जा सकता है। हा हा हा
29 November 2009 at 18:13
कल के विजेता कहाँ गुम हो गये??
29 November 2009 at 18:15
बाबा जी के धुणे पे गये है परसाद लेणे।
29 November 2009 at 18:16
bhai ye to white rhino hai !! faynal
29 November 2009 at 18:17
abhi 7 baje se show bhi krnaa hai ata:: thodee der hi rhnaa hai!!
29 November 2009 at 18:19
raampyaari photu dekh ke khinchaa kar sab kitne preshaan ho gaye!!!
29 November 2009 at 18:20
मुरारी जी म्हाने भी ले चालो यारो शो मै, थारा जायां पाछै सुवाद ही कोनी आवै।
29 November 2009 at 18:21
ऑउट ऑफ सिलेबस आ गया आज तो...ये तो कोर्स में ही नहीं है....
29 November 2009 at 18:22
मकरंद चले आओ!!
29 November 2009 at 18:23
मुरारी बाबू, मेरी कविता भी पढ़वाओ अपने शो में. :)
29 November 2009 at 18:24
do ghode safed aur brown!!
29 November 2009 at 18:27
मुरारी बाबू.....हा.....हा......हा......हा!!!
29 November 2009 at 18:27
ललितजी अठे सुवाद लेवन आवो या पहेली करण आवो .हा.हा.हा.हा.( मजाक करूँ सीरियस ना हु ज्याया )
29 November 2009 at 18:28
एक तो जाने लाल बुझक्कड़ दूसर जाने ना कोय।
उड़ती हुई स्टार्क के पीछे खच्चर एक ठों होय॥
29 November 2009 at 18:28
सही जवाब ये है स्वामीजी घोड़े दो हैं!!!
29 November 2009 at 18:29
अवधियाजी जय श्री राम!!!
29 November 2009 at 18:30
अवधिया जी राम-राम
29 November 2009 at 18:31
मुरारी जी को और सभी लोगों को राम राम!
29 November 2009 at 18:33
yahan kabhi aisa question bhi poochha jata hai jismen mind apply
kiya ja sake ?
nithallon ke liye badhiya kaam
29 November 2009 at 18:33
राम राम तो ठीक है...कोई लिंक भी तो दो इस फोटू का...
29 November 2009 at 18:34
स्वामी श्री स्मिरानान्दजी कहाँ गए ललित जी क्या शठेस्वर नाथ को बुलाने गए!!
29 November 2009 at 18:34
अलख निरंजन सब बच्चा लोगो को।
29 November 2009 at 18:34
ज्योति
आप ही कुछ पूछ लिजिये तो आपके यहाँ चले आयेंगे.
29 November 2009 at 18:34
cow(gaay)
29 November 2009 at 18:35
बहुत मुश्किल सवाल आ गया.
29 November 2009 at 18:35
ज्योति जी यहाँ कोई जी के कम्पीटीशन नहीं है !!!
29 November 2009 at 18:36
ये दरियाई घोड़ा है-अलख निरंजन
29 November 2009 at 18:36
babji pranaa kal aapki wo langot dho di thi ab to kuchh sahaay karen alakh niranjan
29 November 2009 at 18:36
बाबा जी..बम बम!! कहाँ रहे भई..घड़ी नहीं है क्या महाराज??
29 November 2009 at 18:37
बाबाजी एक हाहाकारी सुट्टा लगवाइये ना !!!
29 November 2009 at 18:38
ज्योति जी इन्टरनेट पर पढ़ाई करने आई हैं और यहाँ आप सब खेल रहे हैं. :)
29 November 2009 at 18:38
समीरजी बाबा लोग को टाइम देख कर क्या करना है ये अपना वक़्त अपने आप ही बनाते है !!
29 November 2009 at 18:39
ok jyoti ji ko GK ka question kiyaa jaye!!!
29 November 2009 at 18:39
क्या बतायें स्वामी समीरानद महाराज कुछ भक्त आ गये थे धुणे पे तो चिलम सिलगा ली और हमारे पास घड़ियाल तो है नही, आज द्वादशी है चांद से भी पता नही चलता इसलिए विलंब हो गया।
29 November 2009 at 18:41
बाबाजी चिलम public place
में पीना मना है !!! कहीं आपको कोई पकड़ ना ले??
29 November 2009 at 18:42
ललितजी कठे भाजग्या!!!!!!!
29 November 2009 at 18:42
क्या मुरारी भाई बाबाजी लंगोट आपके पास ही है,
यार ऐसे धोने की सेवा करोगे तो बात कैसे बनेगी?
29 November 2009 at 18:42
चलो बाबा!! आ गये..मन रह गया. चिलम में क्या भरे हो :)
आज तो मेक अप में लाल बिन्दी भी सांट ली..??
29 November 2009 at 18:44
दाग्धर झटका जी कहाँ हो कुछ मदद करो!! आपरेशन बाद में करियो
29 November 2009 at 18:45
संतो के लिए सब छुट है मुरारी बच्चा, रेल मे प्लेन मे टिकट नही लगती हमारी-अलख निरंजन
29 November 2009 at 18:45
क्लू दिया जाये...mind apply नहीं कर पा रहे हैं. जल्दी!!
29 November 2009 at 18:46
ललितजी लंगोट अच्छी कंपनी का नहीं था उधड गया !!! दरजी को सिलाई के लिए दिया है !!
29 November 2009 at 18:46
प्लेन में न चढ़ जाना बाबा...बिना टिकिट उपर उतार देते हैं. :)
29 November 2009 at 18:47
चिलम मे धुंआ भरे हैं मच्छर बहुत है ना,
टिकुली तो हम नित्य नियम से सांटते है। अलख निरंजन
ये अवधिया बच्चा कहां चला गया?
29 November 2009 at 18:49
समस्त उपस्थित जानो को मेरा शुभ रात्रि !!
29 November 2009 at 18:49
एक तो कोई काम करे कोनी और कुछ करे तो फ़ाड़ तोड़ तो मत करया करो मुरारी जी।
29 November 2009 at 18:50
मुरारी बाबू अपने दोस्त को छोड़ कर कहाँ जा रहे हो??
फोटो में
एक आपका दोस्त यानि गधा और एक मेरा दोस्त यानि घोडा दिखता है
29 November 2009 at 18:52
एक गधा और एक घोड़ा....
-जबाब समाप्त
एक गधा और एक घोड़ा
दोनों को जंगल में छोड़ा
साथ साथ जब देखा उनको
चिलम लिए बाबा भी दौड़ा!!
-रचना समाप्त
29 November 2009 at 18:52
बच्चा कल्यामस्तु
29 November 2009 at 18:52
हा हा हा प्लेन मे उपर ही उतार देंगे तो क्या होगा समीर भाई? हा हा हा आपने भी क्या सवाल दागा है।
29 November 2009 at 18:54
यहां क्या हो रहा है बच्चा लोग?
29 November 2009 at 18:54
hey bhagwaan yahaan babaaon ki bheed ho gayi!!!
29 November 2009 at 18:54
ये लो, यहाँ तो बाबा लोगों की बस्ती होती जा रही है...कुंभ में पहेली का विज्ञापन लगा है क्या कि सब बाबा वहाँ से यहाँ??
जय हो बाबा निठल्लानन्द की...आप कहाँ से??
29 November 2009 at 18:54
बाबों का जमावड़ा स्वामी निथाल्लानादजी आप कहाँ से पधारे!!!
29 November 2009 at 18:55
रामप्यारी आज मैं तो गधे और घोडे पर दांव लगाता हूं ....
29 November 2009 at 18:55
यो ले भाई एक बाबाजी और आ गये, लगता है पुरा अखाड़ा यही इकट्ठा हो गया।
29 November 2009 at 18:55
बच्चा यूं तो हम तिब्बत से है पर ५१३ साल से यहीं भारत मे हैं.
29 November 2009 at 18:58
समस्त निट्ठल्ला मंडली को सामूहिक राम-राम :)
29 November 2009 at 18:59
अमरीकन लगते हो बाबा!!
तिब्बत को भारत नहीं मान रहे न, इसलिए!!
29 November 2009 at 18:59
बाबाजी प्रणाम। आपकी ही कसर बाकी थी,
आप भी आ गये, पहले तो एक ही थे समीरानंद,
कोई फ़िलम की शुटिंग तो नही हो रही है आसपास।
29 November 2009 at 19:00
कहीं आपके अखाड़े को अमरीका से ग्रांट वगैरह का कोई चक्कर तो नहीं???
29 November 2009 at 19:02
बच्चा हमारे लिये क्या भारत और क्या तिब्बत? अखिल विश्व ही एक है...हमारे कहने का मतलब ये था कि हमने यह शरीर ७७१ साल पहले तिब्बत मे धारण किया था बच्चा.
हर हर महादेव....
29 November 2009 at 19:03
बच्चा हम चंदा ग्रांत करते हैं..करवाते नही.
हर हर महादेव...ललित बच्चा कैसे हो?
29 November 2009 at 19:04
बड़ा लम्बा टिक गये बाबा इस मृत्यु लोक में...अमरीका का बस चला, तो अगले १० साल में आपका स्टेटमेन्ट सही हो जायेगा..
29 November 2009 at 19:04
म्हारा जवाब भी घोडा नोट किया जाए
:)
29 November 2009 at 19:04
mera suru hprogramme ho gaya par aaj aanad kuchh jyada hi aa rahaa hai jagah jagah se babaji padhare hain
29 November 2009 at 19:04
हर हर महादेव...बच्चा अब बाबा आकश मार्ग से गमन करेंगे...
हर हर महादेव
29 November 2009 at 19:07
बाबाजी गमन कर रहे हैं कि परलोक गमन
29 November 2009 at 19:08
पंडित जी आये और बाबा आकाश मार्ग से गमन कर गये...आओ, पंडित जी..
शेर:
कल की बधाई लिजिये...
और आज की दिजिये...
29 November 2009 at 19:09
प.डी.के.शर्मा वत्स
कृपया कल का विषय नोट करवायें.
29 November 2009 at 19:09
बाबा आकाशमार्ग से अमरीका गये व्हाईट हाउस में खाना खाने!!
29 November 2009 at 19:17
बच्चा हम व्हाईत हाऊस मे नही जाते. हमने समस्त सांसारिक व्यंजनो का त्याग किया हुआ है. सिर्फ़ कुछ जडी बूंटी और वायु सेवन ही करते हैं.
29 November 2009 at 19:18
ललित बच्चा हम रात्रि विश्राम हिमालय पर करते हैं और सुबह की जडी सेवन परलोक जाया करते हैं.
29 November 2009 at 19:30
अगर पंडित जी नहीं आते तो फिल्म लॉक कर लेना रामप्यारी. :)
29 November 2009 at 19:32
डा. झटका कल की पहेली का विषय कोई "द्विपद प्राणी" रखा जाए....
29 November 2009 at 19:33
समीर जी..आप भी बस अपना जुगाड फिट करने में लगे रहते हैं...पता है फिल्मी पहेली ये लोग तो बूझ नहीं पाएंगें ओर फिर से विजेता हमीं बन जाएंगें :)
29 November 2009 at 19:33
रामप्यारी हमारा उत्तर लाक किया जाये "घोड़ा"
29 November 2009 at 19:35
पंडित वत्स जी गोड़ लागी। आप कहां अन्तर ध्यान हो जाते है? त्रिपद नही चले्गा?
29 November 2009 at 19:37
समीर लाल जी को बधाई .. घोडा ही है !!
29 November 2009 at 19:41
संगीता जी प्रणाम, कितने दिन हो गये आपको आये?
कहां हो व्यस्त हो गयी थी आप?
29 November 2009 at 19:43
पिताजी आए हुए हैं बोकारो .. गुरू के रहते कहीं और हो सकती हूं मैं ??
29 November 2009 at 19:44
पिताजी आए हुए हैं बोकारो .. गुरू के सामने रहते कहीं और हो सकती हूं मैं ??
29 November 2009 at 19:44
पिताजी आए हुए हैं बोकारो .. गुरू के सामने रहते कहीं और हो सकती हूं मैं ??
29 November 2009 at 19:44
ये तीन बार कैसे चला गया ??
29 November 2009 at 19:44
अरे, अच्छा हुआ संगीता जी आ गई..ये पंडित व्त्स जी को देखिये क्या क्या कह रहे हैं...मुझ शरीफ आदमी को .:)
29 November 2009 at 19:45
वायरस लग गया क्या ??
29 November 2009 at 19:45
ललित जी...मुरारी लाल जी की तस्वीर लगाएंगें तो झट से कोई भी पहचान लेगा....इसलिए कल की पहेली के लिए त्रिपद नहीं बल्कि द्विपद ही ठीक रहेगा :)
29 November 2009 at 19:46
घोड़ा सौ पुरे
29 November 2009 at 19:47
किसी के कहने सुनने से कुछ नहीं होता .. ग्रहों के प्रभाव से होता है .. अभी एक दो दिन रामप्यारी के प्रश्न बूझने में कनाडावालों के ही अव्वल रहने के चांसेज दिख रहे हैं .. निश्चिंत रहिए !!
29 November 2009 at 19:47
हा हा हा हा हा हा हा हा वाह महाराज
29 November 2009 at 20:31
विषय लॉक नहीं हुआ....
29 November 2009 at 20:38
कल का विषय लोक किया गया है द्विपद यानि मनुष्य..इसमे फ़िल्म से भी प्रानी होकता है. अब इसका विषय काफ़ी विस्तृत होगया है. यानि आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, वैज्ञानिक कहीम से भी पूछा जा सकता है.
लगता है प. वत्स जी ने कल सभी प्रतिभागियों को परेशानी मे फ़ंसा दिया है जानबूझकर.
खेलजगत से भी द्विपद मे ही आते हैं. कृपया कल सोच विचार कर जवाब दिजियेगा.
कल का विषय लोक किया गया है द्विपद प्राणी.
29 November 2009 at 21:01
भूरे व धौले घोड़े की जोड़ी दिखती है..बाकी प्रभु इच्छा..
29 November 2009 at 21:06
डा. झटका...द्विपद इसी लिए रखा कि शायद ये उपाय समीर जी की हैट्रिक रोकने में मददगार सिद्ध हो जाए, वर्ना वो तो किसी को जीतने देंगें नहीं :)
29 November 2009 at 21:15
बहुत बढ़िया!
आप लोग मगजपच्ची करो!
तब तक हम एक कविता लिख लेते हैं।
29 November 2009 at 22:51
kal ka vishay-द्विपद प्राणी!!!!!!!!!!!!
:D
Gyanvardhan hua!!!!!!!!!!
29 November 2009 at 22:53
@Dr.Jhtka --Birds ki bhi 2 legs hoti hain.
ve bhi द्विपद प्राणी hui
29 November 2009 at 23:03
@ अल्पना जी
आपने सही कहा, इसीलिये मैने कहा ना कि प.डी.के.शर्मा "वत्स" ने कल सबको बुरी तरह फ़ंसा दिया है. कुछ बःई अंदाज नही लगेगा कि विषय क्या है? बहुत विस्तृत होगया. बहरहाल ये डाँ झटका के दिमाग मे नही था. आपको बहुत धन्यवाद.
29 November 2009 at 23:19
Shukriya Dr.Jhtka..
Waise 'द्विपद प्राणी 'ke liye Pandit ji ko bhi dhnywaad.
Pahli baar suna yah shbd!
bahut rochak laga yah shbd --'द्विपद प्राणी '
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