हाय….आंटीज..अंकल्स एंड दीदी लोग..या..दिस इज मी..रामप्यारी.. आज के इस खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी मे रामप्यारी और डाक्टर झटका आपका हार्दिक स्वागत करते है. और अब शुरु करते हैं आज का “खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी”
आज का सवाल प्रस्तुतकर्ता है ताऊजी लठ्ठवाले! तो आईये ताऊजी..सवाल प्रस्तुत किजिये!
हां तो बहनों और भाईयो रामराम !
अक्सर लोगों को लगता है कि पहेली पूछना सबसे आसान काम है. तो आप शायद गलत सोच रहे हैं. कल वत्स जी ने एक नया वर्ग खडा कर दिया कि द्विपाद प्राणी के बारे मे सवाल पूछा जाये. और इसीलिये आज मुझे आकर सवाल पूछना पड रहा है.
हम ने सोचा था कि यह आसान तो नही होगा पर किसी भी मनुष्य को खडा करके फ़ोटो खींच लेंगे...हो गई पहेली. हम इसी जोगाड में एक मोहतरमा का फ़ोटो खींच रहे थे कि रात को आप सब लोगों के जाने के बाद अल्पना वर्मा जी कल की पहेली पर द्विपाद प्राणी वाला विषय देखकर रामप्यारी को भडका गई..उन्होने कहा कि पक्षी भी द्विपाद होते हैं और रामप्यारी तू भी तो द्विपाद प्राणी है.
बस रामप्यारी तो भडक गई और बोली कि वो तो पक्षी है और उस मोहतरमा के सामने अपने पंख खोल कर उडने लगी कि मेरा फ़ोटो लगाओ और सवाल पूछो..
अब हम तो जानते हैं कि रामप्यारी मायावी है पर है तो चतुष्पायी ही..सो आपको यह बताना है कि रामप्यारी के पीछे यह द्विपाद प्राणी कौन है?
आज के "खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी" का चित्र नीचे देखिये और बताईये रामप्यारी के पीछे यह द्विपाद प्राणी कौन है? यानि इस मनुष्य नामक प्राणी का नाम बताईये.
यहां माडरेशन नही है....यह आपका खेल आप ही खेल रहे हैं... अत: ऐसा कोई काम मत करिये जिससे खेल की रोचकता समाप्त हो ... सारे जवाब सबके सामने ही हैं...नकल करना हो करिये..नो प्राबलम टू मी....बट यू नो?..टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.
परेशानी हो...डाक्टर झटका आपकी सेवा मे मौजूद हैं.. २१ सालों के तजुर्बेकार हैं डाक्टर झटका. पर आप अपनी रिस्क पर ही उनसे मदद मांगे. क्योंकि वो सही या गलत कुछ भी राय दे सकते हैं. रिस्क इज यूवर्स.. हमारी की कोई जिम्मेदारी नही है.
तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. इसका जवाब कल शाम को 4:00 बजे दिया जायेगा, तब तक ताऊजी लठ्ठवाले की तरफ़ से रामराम और डाक्टर झटका खेल के दौरान आपके साथ रहेंगे. जैसा की पिछला विजेता विषय चुनता है तो कल के विजेता उडनतश्तरी आने वाले कल के लिये विषय का चुनाव करलें और बतादें.
"बकरा बनाओ और बकरा मेकर बनो"
हिंट का चित्र रात ८:०० बजे लगाया गया है.
171 comments:
30 November 2009 at 18:01
स्त्री है।
30 November 2009 at 18:04
श्रीदेवी है!
30 November 2009 at 18:05
ANUSHKA
30 November 2009 at 18:05
ललित शर्मा जी .. क्या अंदाजा लगाया है !!
30 November 2009 at 18:05
करीना कपूर
30 November 2009 at 18:05
शास्त्री जी नमस्ते
मुरारी जी राम-राम
30 November 2009 at 18:09
@ संगीता जी प्रणाम- आप प्रश्न को देखिए? प्रश्न मे लिखा है की मनुष्य जैसे प्राणी का क्या नाम है। अब मनुष्य मे दो ही हैं, स्त्री या पुरुष, अगर ये कहते कि इस चित्र के पीछे खड़ी स्त्री का नाम बताओ तो मै नाम बताता। यहां कहां कहा गया है कि श्री देवी आदि बताओ। सिर्फ़ लिंग पुछा जा रहा है।
30 November 2009 at 18:10
समीर भाई राम-राम
30 November 2009 at 18:10
कटरीना कैफ
30 November 2009 at 18:14
RAAM RAAMJI LALIT JI SAMEERJI SANGEAATAAJI SHATRIJI SABHI KO
30 November 2009 at 18:18
हाँ भई
सभी को प्रणाम पहुँचे.
30 November 2009 at 18:19
GENELIA
30 November 2009 at 18:22
ये रामप्यारी है-अपनी ही फ़ोटो लगा रखी है।
30 November 2009 at 18:23
अरे पंडीत वत्स जी...ये क्या दुश्मनी निकाली? ये कौन सा द्विपाद प्राणी लाकर खडा कर दिया जो अभी तक मालूम ही नही पडा?
30 November 2009 at 18:24
और ये रामप्यारी को पंख कब से निकल आये?
30 November 2009 at 18:25
genelia d'souza
30 November 2009 at 18:25
तिवारी साहब-राम-राम, पुरा दफ़्तर ही साथ मे...?
30 November 2009 at 18:28
स्वामी समीरानंद और बच्चा लोग-अलख निरंजन
30 November 2009 at 18:28
बिल्ली के मुख वाली उल्लू के डैंनों वाली इस कन्या को तो शायद इसका रचयिता भी देख कर ना पहचान पाये। क्यों समीर जी?
वैसे यह प्रियंका लगती है।
30 November 2009 at 18:28
क्या करें रात को दस बजे तक दफ़्तर मे बैठना पडता है..तो आज थोडी फ़ुरसत मिल गई..यहां चले आये..यहां सब गुड गोबर हो रहा है.:)
30 November 2009 at 18:29
आज दोनो मोडे ना दिखे इबी तक?
30 November 2009 at 18:30
वाह भई.बाबाजी परणाम..एक तो आलियो बैरी..दूसरो कित सै?
30 November 2009 at 18:30
स्वामी महाराज-प्रणाम, आपकी लंगोटी मिल गई क्या? जो मुरारी जी धोने ले गये थे।
30 November 2009 at 18:31
बाबा आ गये!! जय हो!!
अलख निरंजन!!
वो अमरीका वाले बाबा नहीं दिख रहे आज??
30 November 2009 at 18:31
मुरारी जी तो धोके उस तिब्बत वाले बाबा को देगये.:)
30 November 2009 at 18:31
सुश्री कटरीना कैफ जी :)
30 November 2009 at 18:33
हा हा हा मुरारी जी ऐसी ही धुलाई और भुलाई करते हैं।
30 November 2009 at 18:35
दीपक बच्चा-संतो मोडा नही कहते सामने से, भले ही पीठ पीछे कह लिया करो? बुरा मान जाते हैं।
अलख निरंजन
30 November 2009 at 18:37
सभी को मेरा तहे दिल से राम -राम !
30 November 2009 at 18:37
आज तो ये समझिये की ललित जी पक्का जीत गए, क्योंकि सही जबाब है स्त्री :)
30 November 2009 at 18:37
मुरारी बच्चा-हमारी लंगोटी तुमने फ़ाड़ दी है, अब नयी का इंतजाम करो। हमारा एक लगोटी से काम नही चल रहा है। अलख निरंजन
30 November 2009 at 18:38
बाबा, बाकी सब छोड़ो ....आप तो लिंक बताओ..
30 November 2009 at 18:38
गोदियाल जी को प्रणाम!!
30 November 2009 at 18:38
सही बात है, ठण्ड वैसे भी बढ़ गई है
30 November 2009 at 18:39
अरे बाबाजी आप बोलरे हो तो कोई बात ना..पर म्हारै गाम म्ह तो कानफ़डा मोडा ही बोल्या करै सैं. ले भई बाबा कोई बात ना गलती होगी..ईब आज से बाबाजी बोल्या करेंगे..नाराज मतन्या हो बाबा.
30 November 2009 at 18:39
गोदियाल जी राम-राम
वो तो जीतना ही है-सवाल समझना जरुरी है ना।
30 November 2009 at 18:40
बाबाजी आज कल लंगोट बनाने बंद हो गए आपके लिए स्पेशल गमछा तैयार करवा रहा हूँ!!!
30 November 2009 at 18:40
हाझ ई बाबा जी इब पहेली सुलझाण लेण दे..घणे दिनों म्ह टाईम मिल्या सै आज और यो दादो वत्स जी द्विपाद प्राणी बैठाय ग्यो उरै?
30 November 2009 at 18:41
समीर जी आपको भी मेरा प्रणाम, ललित जी को भी और इन बाबा जी को भी
30 November 2009 at 18:41
समीरजी लिंक डॉ झटका देंगे !!
30 November 2009 at 18:41
कहां गये मुरारी जी? हमने सही जवाब दे दिया है।
रामप्यारी से पुछ लो।
30 November 2009 at 18:41
हां तो भाईयो मेरे को ये ललिता पंवार लागै से? आपका के खयाल है?
30 November 2009 at 18:41
मुरारी जी थे बतावो.
30 November 2009 at 18:42
Paarikh bhai अगर बाबा जी लिंक देने लगे तो देंगे डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डोट सुट्टा डोट कौम :)
30 November 2009 at 18:44
गोदियाल जी लिंक छापा है आपने आप पर टिप्पणियों का दंड लग सकता है!!!
30 November 2009 at 18:44
दीपक जी-म्हारी पैहलड़ी सासु को यो ही नाम थो, ललिता पवार, जद ही छोड़ कै इब दुसरी करी सै,
नाम कोनी ल्यो, इसको।
30 November 2009 at 18:45
क्या बात भाग लिए सब के सब ?
30 November 2009 at 18:45
ललित जी कल के लिए बधाई भी ले लीजिये फिरर !! बधाई हो आपको!!
30 November 2009 at 18:45
दंड लगाया जाय्। पंचो को बुलाया जाय्।
30 November 2009 at 18:46
मैंने लिंक नहीं दिया पारिख जी एक संभावना व्यक्त की है
30 November 2009 at 18:46
५१
30 November 2009 at 18:47
*मुरारी जी- बधाई किस चीज की?
30 November 2009 at 18:47
दीपक जी के बतावां इस्या इस्या प्रश्न आवन लाग्ग्या की समझ में कोणी आवे!! जिनावर है क मिनख है !!!
30 November 2009 at 18:47
क्या ललित जी कम से कम आपको तो मैं अपना खासमखास समझता था !
30 November 2009 at 18:47
ललित जी झुट्कली बधाई दी है थाणे राजी करने वास्ते !!!
30 November 2009 at 18:48
किसने लिंक दिया...किसको दंड लगवाना है...जल्दी बताओ...हाय हाय!!
30 November 2009 at 18:49
* गोदियाल जी हम तो इस जनम भर आपके "खासम खास" है, बुकिंग हो गयी है। लेकिन क्या करें ये "बिग बास" का घर जो है। हा हा हा
30 November 2009 at 18:49
गोदियाल साब-आपने एक बात नही बताई?
30 November 2009 at 18:49
पी.सी.गोदियाल जी को क्लाज्यो काम्प्ग्यो दंड गो नाम सुनता इं मैं तो मजाक करूँ भाईजी दरो ना थे लिंक देयां भी थारे कोणी लागे !!
30 November 2009 at 18:50
नहीं-नहीं समीर जी आप आराम से बैठो, ये बच्चे लोग फालतू का हल्ला कर रहे है खाम खा
30 November 2009 at 18:51
Kaun see waalee lalit jee ?
30 November 2009 at 18:51
बस समीर जी ने ठा नई पडनो चाहिजे बे बिनया हुतीं लगा देवें गा !! गोदियाल जी
30 November 2009 at 18:52
सुनीता जी थे कठे हो, तबीयत तो ठीक है थारी। कई दिना सुं अठे पधारया कोनी।
30 November 2009 at 18:52
कुछ नहीं समीरजी गोदियाल जी कुछ ww कहकर कोई लिंक बताया था !!!
30 November 2009 at 18:52
भाई मैं तो इब जारया हुं..या कुणसी बाई रामप्यारी के पीछे बाल खींडाया बैठी है? बेरो ना पाटरयो सै..इब रामराम भाई पंच लोगो.
30 November 2009 at 18:52
यार मुरारी भाई क्यों डराते हो रात के अँधेरे में !
30 November 2009 at 18:53
ललित भाई को बधाई.
जीतने की नहीं, मनोरंजन करने की. :)
30 November 2009 at 18:53
झटका जी से कहकर कुछ टिप्पणियों कम करवा दीजिये अगर लगने की नौबत है तो
30 November 2009 at 18:54
वैसे भी ताऊ जी ने आज फोटो इस तरह से लगाईं है की न तो वह राम प्यारी लग रही है न स्वर्ग प्यारी ऊपर से पख भी लगा दिए
30 November 2009 at 18:54
तिवारी जी को धीरज जवाब दे गयो चालता रिया
30 November 2009 at 18:55
वो आपके गढ़वाली बोली वाले ब्लाग पे जो गिलास है, उसके अंदर का आयटम थोड़ा ही समझ मे आया। जरा वहां देखिए, एक नजर मार के।
30 November 2009 at 18:56
ललितजी कठे लुक गया कोई लुक्मिन्चानी खेल होर्यो है के !!
30 November 2009 at 18:57
तिवाराजी बोल रया हैं बाल खिन्दाये बैठी है !!! उल्झेदा हैं तिवारीजी जूं काडे ही !!
30 November 2009 at 18:57
ललित जी उसका अनुवाद करके मैंने आपको आपके दिए हुए मेल पर काफी दिनों पहले पोस्ट कर दिया था
30 November 2009 at 18:58
श्ठेस्वर नाथ कहाँ अंतर्ध्यान हो गए !!
30 November 2009 at 18:58
आप अपने मेल तो चेक करते नहीं हो !
30 November 2009 at 18:59
सभी निट्ठल्ला मंडली को म्हारी तरफ से सामूहिक राम-राम :)
30 November 2009 at 18:59
इसका सही नाम "माया" है बच्चा लोग,
हमारा फ़ायनल जवाब है तजुर्बे के साथ।
अलख निरंजन, अब हमारे भजन का समय हो रहा है,अलख निरजन
30 November 2009 at 19:00
ek aur nithlaaji aa gaye!! aapkaa bhi swaagat hai ji!!
30 November 2009 at 19:00
maharaaj ye mayaa moh ka bandhan kab se ho gayaa aapko!!!
30 November 2009 at 19:00
प.वत्स जी को गोड लागी..पांव लागी..महाराज यो कुणसो विषय देदियो?:)
30 November 2009 at 19:00
हा-हा-हा-हा-हा पंडित जी क्या गजब का उपनाम दिया यार, आपको शत शत प्रणाम, अपने चरण पादुको की एक फोतोकोपी भेज देना
30 November 2009 at 19:01
गोदियाल जी महापुरुषों के चरण नहीं देखाई देते उनके तो वचन ही काफी होते हैं !!!
30 November 2009 at 19:01
आज तो जीत ही गये हैं पंडित वत्स जी की शुभकामनाओं से....
अब कल के लिए:
वनस्पति लॉक किया जाये!!
30 November 2009 at 19:01
रुकिए बाबा जी मैं भी आ रहा हूँ !
30 November 2009 at 19:02
हर हर महादेव...कैसे हो बच्चा लोग?
30 November 2009 at 19:02
गोदि्याल साब मेरी मेल हर घन्टे चेक होती है। लगता है आपने किसी और पते पर पहुंचा दी है।
सही पते पर भेजो?
shilpkarr@gmail.com
30 November 2009 at 19:02
sameerji agar aaj kaitrinaa hui to ek baat samajh me aajyegi!! par meraa jwaab to genilia hi hain
30 November 2009 at 19:03
मुझे तो कोई घोस्ट हाँटिंग जैसा चित्र लग रहा है यह।
जरूर कोई डायन है!
30 November 2009 at 19:03
प.वत्स जी को गोड लागी
30 November 2009 at 19:03
Hi Lalit ji Godiyal here
From: PC Gulani (pcgulani@hotmail.com)
Sent: Wednesday, November 25, 2009 9:06:38 AM
To: shilpkarr@gmail.com
30 November 2009 at 19:04
डायन नही है बच्चा लोग
30 November 2009 at 19:04
निठल्ला नंदजी आ गए हम सब के महागुरु !!! सबसे बड़े निठ्ठले pranaam guruwar!!!
30 November 2009 at 19:04
तिवारी जी, हम तो यो विषय देकर खुद ही फँस गये....कुछ पल्ले ही नहीं पड रहा :)
30 November 2009 at 19:04
्जहां बाबाओं का डेरा होता है वहां डायन चुडैल भुतनी नही आसकती.
30 November 2009 at 19:05
हमे मालूम है ये कौन है?
30 November 2009 at 19:05
आदरणीय समीरजी, नमस्कार,
ललित जी राम राम
गोदियाल जी राम राम
संगीता जी नमस्कार
पंडित जी नमस्कार
गगन जी नमस्कार
रेखा जी नमस्कार
सुनीता दी नमस्कार
श्री श्री बाबा शठाधीश जी महाराज जी राम राम
मुरारी जी जय हिंद....
30 November 2009 at 19:06
गोदियाल जी....फोटोकापी क्या करेंगें । कहिए तो अपनी चाँदी की खडाऊँ भेज दें.... न्यौछावर राशी सिर्फ 19999/-रूपये :)
30 November 2009 at 19:06
बाबा निठ्ठल्लानंद जी जी नमस्कार
शास्त्री जी नमस्कार
30 November 2009 at 19:06
निठ्ठला नंदजी महाराज !!! आपक ये कोनसी भभूत राफेड़े हैं !!
30 November 2009 at 19:06
महागुरु वत्स जी को बाबा निठ्ठलानंद की परणाम. हर हर माहादेव..कोई सवाल हो तो पूछो बच्चा.
30 November 2009 at 19:06
Mahphooj bhai ko ram-ram !
30 November 2009 at 19:06
mahfuj bhaai namskaar kahaan the bhai itane din!!
30 November 2009 at 19:06
बाबा निट्ठल्लानद महाराज-धोक दयुं, आप कल शठाधीश महाराज की लंगोटी ले गये ऐसा सु्ना है।
कृप्या मार्ग दर्शन करें। वो बि्ना लंगोटी के ही चले आये थे। ये सब मुरारी लाल की गड़बड़ है।
30 November 2009 at 19:07
इतने बड़े बाबा हो तो जरा मेरे घर आ के बताना। डायनों की अधीश्वरी हमारी महारानी कैसे स्वागत करेंगी यह तभी पता चलेगा।
30 November 2009 at 19:07
अवधिया जी राम-राम कैइसे बने बने गा?
30 November 2009 at 19:07
रामप्यारी I Love u....
30 November 2009 at 19:08
भई ललित जी...हमारी ओर से तो आप आज ही बधाई ले लीजिए....कल का इतजार क्या करना :)
30 November 2009 at 19:08
नहीं वत्स साहब फोतोकाफी से ही काम चला लूंगा !
Mahgaai kitnee ho rahee hai yah bhee to dekhiye !
30 November 2009 at 19:08
अब कोई यह बता दे मुझे कि द्विपाद का मतलब क्या है?
30 November 2009 at 19:08
तेरी लागोती में लगया चोर मुसाफिर भाग ज़रा
30 November 2009 at 19:08
खुश रहो महफ़ूज बच्चा,,बाबा निठ्ठलानंद तुम्हारी परणाम स्वीकार करते हैं. लिंक चाहिये तो दे सकते हैं..हमारे त्रिकाल दर्शी चक्षुओं को सब कुछ स्पशःट दिखाई दे रहा है..यह कन्या भी दिख रही है...रामप्यारी के पीछे वाली.
30 November 2009 at 19:09
dweepad ka matlab do pairon ka jinaawar !!
30 November 2009 at 19:09
यह वाला पाद पहली बार सुना है?
30 November 2009 at 19:09
dwipaad means Do pairo waalaa
30 November 2009 at 19:10
प्रणाम बाबा! आए हैं तो कुछ सत्संग ही हो जाए...
30 November 2009 at 19:10
बाबा जी लिंक दे दीजिये न....
30 November 2009 at 19:10
अच्छा अच्छा दो पैरों वाला.....
30 November 2009 at 19:11
अवश्य महाराज..हम तो सदैव सतसंग अभिलाषी रहे है..
30 November 2009 at 19:11
बच्चा लिंक चाहिये..बताओ किस किस को चाहिये लिंक
30 November 2009 at 19:12
महफूज की नमस्ते लिस्ट में तीन एबसेन्ट और चार मिसिंग हैं....
अमरीकी बाबा निट्ठलानन्द जी पधार चुके हैं....जय हो बाबा जी की.
30 November 2009 at 19:13
बच्चा हम अमेरीकी बाबा नही है..हम कंबोडियाई हैं..
30 November 2009 at 19:13
महफ़ुज भाई राम-राम, बाबाजी पुछ रहे थे आपको,
30 November 2009 at 19:14
बाबा निट्ठल्ला नंद के अड्डे पर कमेंट काहे बंद कर रखे हो, महाराज!!!
30 November 2009 at 19:16
बाबा!...कोई कथा वगैरह ही सुना दीजिए..
30 November 2009 at 19:17
आज संगीता जी सिर्फ ये बताने आई थी कि ललित शर्मा जी ने क्या अंदाजा लगाया है...फिर गुम!! :)
30 November 2009 at 19:17
यो लुगाई मन्नै तो शर्मीला टैगोर दिखे है...
30 November 2009 at 19:17
अलख निरजन- निट्ठ्ल्लानंद जी का संत्सग का नाद सुन के वापस आना पड़ा, हम तो सतसंग अनुरागी है। "सत्संगति किंम ना करोति पुंसां"
कैसे हो वत्स, आनंद है,
30 November 2009 at 19:20
वत्स जी सही हो सकते हैं...लिंक है क्या वत्स जी या कैसे सर्च किया..कोई ज्ञान?
30 November 2009 at 19:21
@ उडनतश्तरी जी ,
मैं तो आपके जबाबों पर नजर रख रही हूं। कॉपी करने के लिए .. कल ही कहा था न कि कनाडा के कोण से दो तीन दिन ग्रह मजबूत हैं .. आपके ही जीतने के चांसेज हैं .. पर जानते हुए भी कल सही कॉपी नहीं कर पायी .. आज सटीक कॉपी करना है .. ताकि जीतनेवालों में मेरा नाम भी रहे !!
30 November 2009 at 19:21
सभी बाओं को शुभ रात्रि और सभी नर नारियों को गुड नाईट सब्बा खैर !!! हम तो सरकते है !!!
30 November 2009 at 19:25
कहां कहां से रामप्यारी फोटो उठाकर ले आती है .. इतने लोग मिलकर भी लिंक नहीं ढूंढ पाते हैं ।
30 November 2009 at 19:26
अभी और खोजूँगा घर जाकर संगीता जी...आप निश्चिंत रहिये. :)
30 November 2009 at 19:27
अलखनिरंजन अद्भुत माया क्या क्या खेल रचाया है !!!
30 November 2009 at 19:27
डॉ झटका भी आजकल क्लू नहीं देते
30 November 2009 at 19:30
आईं लगता है कुछ चारे का जुगाड़ करना पडेगा!!! ये कन्या कैटरीना ही है!!!
30 November 2009 at 19:33
समीर जी... सच में लिंक तो हमारे पास..लेकिन देंगे नहीं :)
30 November 2009 at 19:33
hai saand bbhi log khulaa chhod chhod chale jaate hain!!
30 November 2009 at 19:34
हंमे खुला छोड़ा नहीं हम खुले ही रहते हैं !! पारीक बंधू!!
30 November 2009 at 19:35
vivdhtaaon ka sansaar bantaa ja rahaa hai taau.com
30 November 2009 at 19:36
विपाशा बसु !!
30 November 2009 at 19:36
pandit ji de dijiye link kuchh nahi hogaa !!! ab niyam badal gaye hain!! khali 21 tippi !! lagengi!!
30 November 2009 at 19:37
कल का विषय वनस्पति लोक किया गया है और अभी तक सही जवाब नही आया है. क्ल्यु के तैयार रहें.
30 November 2009 at 19:37
ok good night sachi muchi
30 November 2009 at 19:40
उडी बाबा इ तो माधुरी दिक्सित हैं
30 November 2009 at 19:40
सुश्री प्रिति जिन्टा...जी...
30 November 2009 at 19:40
हिंट न.1 = यह हिंदी फ़िल्मो की प्रख्यात हीरोइन है
30 November 2009 at 19:40
अच्छा भाई सबको शुभरात्रि बाबा लोगों को प्रणाम
अब चलते हैं। कल मिलेगे, इसी समय,
30 November 2009 at 19:44
एक जरुरी सूचना :-
शीघ्र ही एक और फ़ोटो हिंट के बतौर दिया जारहा है. बस तैयारी चल रही है
30 November 2009 at 19:44
बाबा निठ्ठल्लानंद जी bhi aa gaye.
bas yehi kami thi. he bhagvan kya hoga is desh ka ? aap log ghar se nikaal diye gaye ho kya ?
30 November 2009 at 19:45
१५१
30 November 2009 at 19:46
aiswriyaa raai
30 November 2009 at 19:47
सुश्री रेखा जी
30 November 2009 at 19:49
पक्का!! रेखा है!!
लॉक कर लो रामप्यारी.
30 November 2009 at 19:57
हिंट का चित्र पोस्ट मे जोड दिया गया है.
धन्यवाद
30 November 2009 at 19:58
हिन्दी फिल्मोद्योग की विख्यात अदाकारा, चिरयौवना सुश्री रेखा जी.....
30 November 2009 at 20:00
पंडित वत्स जी की शुभकामनाएँ सॉलिड रहती हैं.
कल के लिए भी दे देना पंडित जी...और हमारे केरियर के लिए...एकदम से जूम रॉकेट लग जाये कैरियर में.. :)
30 November 2009 at 20:01
अब तो पक्का नकल किया जा सकता है .. रेखा ही है !!
30 November 2009 at 20:03
नकल कर कन्फर्म करने का आभार संगीता जी...आपकी भविष्यवाणी भी सटीक चल रही है...कल के लिए क्या भविष्यवाणी है संगीता जी???
30 November 2009 at 20:03
समीर जी, लगातार चौथी बार जीतने को अंग्रेजी में क्या कहते हैं..जरा बताईये तो सही..ताकी हम कल के लिए भी आपको शुभकामनाऎँ दे सकें :)
30 November 2009 at 20:04
रेखा है।
30 November 2009 at 20:07
रेखा है।
30 November 2009 at 20:07
29 और 30 की तुलना में थोडा कमजोर .. फिर भी आपके ही जीत की संभावना लगती है @समीर जी!!
30 November 2009 at 20:07
पहेली से कठिन तो पंडित जी का प्रश्न है कि चार बार जीतने को अंग्रेजी में क्या कहते हैं... :)
30 November 2009 at 20:10
संगीता जी-हमारा क्या नम्बर आयेगा कभी जीतने का?
30 November 2009 at 20:10
हैट्रिक प्लस वन कह कर बधाई दे देंगे तो हम समझ जायेंगे. :)
30 November 2009 at 20:16
भई समीर जी, आप को तो सीधे सीधे हिन्दी में भी "चौथी बार" लिख कर बधाई दे सकते हैं....आप तो अपने आदमी है...पता है हमारी अंग्रेजी अज्ञानता पर पर्दा डाल ही लोगे :)
लेकिन कल को किसी ओर के सामने कहना पढ जाए तो भला वो क्या सोचेगा कि इन्हे तो अंग्रेजी भी नहीं आती :) इसलिए बता ही लिजिए...न पता हो तो आसपास किसी अंग्रेज से पूछ कर ही बता दीजिए :)
30 November 2009 at 20:26
पता करके कल तक बता देते हैं. :)
30 November 2009 at 22:31
ललित जी चिंता न करें .. धैर्य रखें ,शीघ्र ही बारी आएगी !!
30 November 2009 at 22:32
चार बार के लिए सटीक शब्द ज्ञानदत्त पांडेय जी निकाल सकते हैं .. उनसे संपर्क करना अच्छा रहेगा !!
1 December 2009 at 06:50
हैट्रिक तीन बार लगातार कोई चीज के रिपिट होने के लिए इज़ाद हुआ था:
In sports, a hat-trick (or hat trick) is a feat of succeeding at anything three times, generally in three consecutive attempts.
The term was first used in cricket, to describe HH Stephenson's feat in 1858[1] and was used in print for the first time in 1878.
दो बार या चार बार के लिए ऐसा कुछ इज़ाद नहीं हुआ है...जैसा मैं जान पाया. इसका गिनती से कोई लेना देना नहीं हैं...
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