फ़र्रुखाबादी विजेता (131) : उडनतश्तरी का "चौबारा"

"खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी" (131) के सही जवाब का चित्र यह रहा !



औरफ़र्रुखाबादी विजेता हैं उडनतश्तरी और इसी के साथ उड़न तश्तरी के समीर लाल जी ने इतिहास बना दिया. पहली बार बनाया "चौबारा" बधाई!
घणी बधाई!





Udan Tashtari said...
प्राण और नूरजहां..
फ़िल्म है खानदान

02 December 2009 19:13


एक जरुरी सूचना


और आज से उडनतश्तरी इस पहेली प्रतियोगिता से ५ सप्ताह के लिये बाहर हुये..जिससे अन्य लोगों को भी मौका मिल सके. आज से पांच सप्ताह तक वो यहां आपके साथ आयोजक की भूमिका मे रहेंगे.

रामप्यारी पहेली कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि जैसे ही उनके ५ सप्ताह का बनवास पूरा होगा, उसके पहले ही रोज अगर वो जीत जाते हैं तो यह सिक्वेंस मे पंचवारा माना जायेगा. यानि इस बनवास से उनका शीर्षता क्रम भंग नही होगा.

अगला फ़र्रुखाबादी सवाल आज शाम को ठीक ६ बजे प्रस्तुत करेंगे समीरलाल "समीर" तब तक इंतजार किजिये . और तब तक रामप्यारी की तरफ़ से भी नमस्ते.



Powered By..
stc2

Promoted By : ताऊ और भतीजाएवम कोटिश:धन्यवाद

9 comments:

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

3 December 2009 at 16:29

समीर जी को चौबारा की बधाई!
अब तो अगले पाँच सप्ताह तक इन्हे अपने चौबारे में बैठकर प्रतिद्वंदियों को जीतते हुए ही देखना है :)

  रंजन (Ranjan)

3 December 2009 at 16:37

वनवासी समीर जी.. !! बधाई..

हर किसी को वनवास थोडे़ मिलता है...

  ब्लॉ.ललित शर्मा

3 December 2009 at 16:38

समीर भाई-इब नया गाणा चलेगा-तु आजा चौबारे पे- नही-नही मै नही चौबरे पे मन्ने डर लागे। हा हा हा बधाई हो।

  Anonymous

3 December 2009 at 16:41

समीर जी को चौबारा की बधाई!

  Murari Pareek

3 December 2009 at 16:43

SAMEERJI CHAUBAARE ME BAITHIYE BADHAAI HO!!!

  संगीता पुरी

3 December 2009 at 16:43

समीर जी कोचौबाराजीत की बधाई !!
पर अब ..
ये गलियां येचौबारा यहां आना ना दोबारा .. अब आप तो भए परदेशी कि तेरा यहां कोई नहीं .. ले जा रंग बिरंगी यादें .. हंसने रोने की बुनियादें अब आप तो भए परदेशी कि तेरा यहां कोई नहीं !!

  गगन शर्मा, कुछ अलग सा

3 December 2009 at 17:54

ये गलियां ये चौबारा, जल्दि आना दोबारा।

  Alpana Verma

3 December 2009 at 18:42

बधाई!बधाई!बधाई!बधाई!

  M VERMA

3 December 2009 at 18:48

चौबारे की बधाई समीर जी को

Followers