बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूं.
जैसा कि आप मुझसे भी ज्यादा अच्छी तरह से जानते हैं कि मैं क्यों ५ सप्ताह तक इस खेल का आयोजक रहूंगा. इस खेल के सारे नियम कायदे सब कुछ पहले की तरह ही रहेंगे. सिर्फ़ मैं आपके साथ प्रतिभागी की बजाय आयोजक के रुप मे रहुंगा. डाक्टर झटका भी पुर्ववत मेरे साथ ही रहेंगे.
आशा करता हूं कि आपका इस खेल को संचालित करने मे मुझे पुर्ण सहयोग मिलता रहेगा क्योंकि अबकी बार आयोजकी एक दिन की नही बल्कि ५ सप्ताह की है. और इस खेल मे हम रोचकता बनाये रखें और आनंद लेते रहें. यही इसका उद्देष्य है. तो अब आज का सवाल :-
नीचे का चित्र देखिये. इसमे श्रीमती और श्रीमान नेवला तो अपने बच्चों के लिये भोजन ले जाते दिखाई दे रहे हैं. पर उनके नीचे के चित्र मे क्या हो रहा है?
तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. इसका जवाब कल शाम को 4:00 बजे दिया जायेगा, मैं और डाक्टर झटका खेल दौरान आपके साथ रहेंगे.
"बकरा बनाओ और बकरा मेकर बनो"
.टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.
156 comments:
15 December 2009 at 18:01
sarp ko khaata garud
15 December 2009 at 18:03
कुकुर है।
15 December 2009 at 18:06
namaskar bhaiyo.
chitra kuch confusing hai, mei to Dr.Jhataka ke hint ka wait karungi:)
15 December 2009 at 18:07
lalit ji jai raam ji aapki aur sameerji ki rachnaa ki audio lagaa di gai hai!!!
15 December 2009 at 18:08
Secretary Bird eating Snake
15 December 2009 at 18:12
आंटी और अंकल लोग नमस्ते .
15 December 2009 at 18:12
makrand bhaiyaa log ko bhi namstey kar liyaa kar!!
15 December 2009 at 18:13
ये तो नेवला नेवली अपने बच्चों के लिये लंच ले जारहे हैं और पीछे हल्दी घाटी का मैदान है.
15 December 2009 at 18:14
ललितजी समीरजी की रचनाए रेडियो शो पर सुनाई गई सिक्किम में !!! सुनने के लिए ब्लॉग पे जाए !!!
15 December 2009 at 18:15
अरे मुरारी भैया नमस्ते....कैसे हो?
15 December 2009 at 18:15
समीर अंकल नम्स्ते
15 December 2009 at 18:16
अभी वैसा ही हूँ मकरंद कोई सुधार नहीं है !! हा..हा..
15 December 2009 at 18:17
मुरारी बाबू, बहुत आभार..खुद को और ललित भाई को रेडियो मिष्टी महफिल पर सुन कर चले आ रहे हैं. आनन्द आ गया. हिट हो लिए...:)
सभी को मेरा शत शत प्रणाम!!
15 December 2009 at 18:18
जय हो.
भक्तों को बाबा का बहुत आशीष.
बाबा के आश्रम पधार कर आशीर्वाद ले लो...
नोट:
. पहेली में भी जीतने के लिए आश्रम में हवन करवाया जाता है.
. हमारी कोई ब्रान्च नहीं है.
. नकलचियों से सावधान.
. ब्लॉगजगत के एकमात्र सर्टीफाईड एवं रिक्गनाईज्ड बाबा.
-सबका कल्याण हो!!
सूचना:
-बाबा प्रॉडक्टस के लिए आश्रम पधारें-
कुंभ की विशेष छूट
बेहद सस्ते दामों पर
महा सेल-महा सेल-महा सेल
नोट:
ऐसा मौका फिर १२ साल बाद आयेगा.
15 December 2009 at 18:20
क्या हाल है बालक मकरंद..आज क्या बदमाशी करने वाले हो. होमवर्क से तो कोई मतलब रह नहीं गया है?? :)
15 December 2009 at 18:21
मुरारी भैया, जब वैसे ही हो और सुधार नही है तो कुछ लेते क्युं नही? गोदियाल अंकल से दवाई पूछ लिजिये.
15 December 2009 at 18:22
समीर अंकल आज हमारे यहां मेयर के चुनाव की गिनती चल रही है इसलिये होमवर्क की छुट्टी.
15 December 2009 at 18:25
सभी मित्रों,
कृप्या मुरारी बाबू के ब्लॉग ’कुछ अपनी कहो! मेरी तो मैं सुना ही दूंगा!!’ पर जाकर ललित शर्मा जी की बेहतरीन रचना रेडियों मिष्टी पर सुनें...और जब जायेंगे ही तो हमें भी सुन लिजियेगा...:)
15 December 2009 at 18:26
मेयर के चुनाव के बाद तो जुलूस निकलेगा...उसमें नाचोगे क्या??
15 December 2009 at 18:32
आदरणीय समीरजी, नमस्कार,
ललित जी राम राम
गोदियाल जी राम राम
संगीता जी नमस्कार
पंडित जी नमस्कार
गगन जी नमस्कार
रेखा जी नमस्कार
सुनीता दी नमस्कार
श्री श्री बाबा शठाधीश जी महाराज जी राम राम
श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी राम राम
मुरारी जी जय हिंद....
मकरंद को प्यार...
रामप्यारी I Love you......
15 December 2009 at 18:33
सांप को चील या गरुड़ फायटिंग करके खाने कि कोशिश कर रहा है.....
15 December 2009 at 18:35
अंकल लिंक दिजिये ना मुरारी भैया के ब्लाग का. मैं भी सुनु कि क्या है?
15 December 2009 at 18:37
आज बहुत लोग गायब हैं..... लगता है मुरारी जी ने लोटा पास ऑन कर दिया है......
15 December 2009 at 18:38
महफ़ूज भाई क्या हाल हैं? बंदर ने ज्यादा तो नही काटा?:)
15 December 2009 at 18:38
namskaar mafuj bhai sameer ji raam raam
15 December 2009 at 18:39
taauji raam raam
15 December 2009 at 18:39
महफ़ूज अंकल नमस्ते..क्या आपको बंदर ने काट खाया?
15 December 2009 at 18:40
खुश रहो मुरारी जी. रामराम...आज महफ़ूज भाई को बंदर ने पकड लिय था.
15 December 2009 at 18:41
bandar ki himmat ki daad deni padegi taauji jo mafuj bhai ko kata
15 December 2009 at 18:42
मकरंद छुपा बैठा रहता है..बस, मजे की बात में पूछने आता है..बताओ..महफूज भाई को बंदर ने पकड़ा और ये तुरंत चले आये :)
15 December 2009 at 18:42
सबका कल्याण हो!!
सूचना
कृप्या आश्रम पधार कर Followers बटन पर घंटी बजा बाबा समीरानन्द के भक्त बन कर पुण्य कमायें एवं बाबाश्री का आशीर्वाद पायें.
-आश्रम मेनेजमेन्ट
15 December 2009 at 18:44
अरे ! आज ताऊ जी से बात करते हुए छत पर बंदरवा दयूड़ा लिया..... हम भागा चिल्लाता हुआ..... उधर ताऊ हमसे पूछता रहा ...का हुआ ? का हुआ? उ जब बंदरवा भाग गया तो हम बोले कि अरे ताऊ जी बंदरवा दौड़ा लिया रहा.....
15 December 2009 at 18:46
श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी
बाबा....परनाम..... हमरे को कछु काम धाम दे रहे थे आप....?.
15 December 2009 at 18:46
ज्यादा काटा तो नही?
15 December 2009 at 18:46
अरे महफ़ूज अंकल, बंदर था या बंदरिया?
15 December 2009 at 18:47
babaji asram me hum bhi sradhaluon ki bheed me khade ho gaye hain!!!
15 December 2009 at 18:47
नहीं काटा तो नहीं...ससुरा.... पर कपरवा फाड़ दीस रहा....
15 December 2009 at 18:48
मकरंद ....हम पूँछ उठा के नहीं देख पाए कि मेल था या फीमेल?
15 December 2009 at 18:49
अरे महफ़ूज भाई आप बाबा के आश्रम मे राशन पानी यानि भंडार सामग्री नियंत्रक का पद संभाल लिजियेगा. महंत बाबा महफ़ूजानंद जी ...कैसा रहेगा नामकरण? या कोई दूसरा नाम सोच रखा है?
15 December 2009 at 18:50
बाज और साँप की लडाई चल रही है.....
15 December 2009 at 18:50
सभी बंधुओ और ताऊ जी को मेरा राम-राम !
15 December 2009 at 18:51
मै आज यहाँ सिर्फ यह विरोध दर्ज करवाने आया हूँ कि इस पहेली खंड में आम आदमी की सुनवाई नहीं होती
15 December 2009 at 18:51
महफ़ूज अंकल पता नही आज ताऊजी कह रहे थे कि महफ़ूज अंकल को बंदरिया ने काट खाया...मैने सोचा कि होगी कोई दो पांव वाली बंदरिया?:)
15 December 2009 at 18:51
मैंने कल की पहेली के निर्णय के बारे में अपना विरोध दर्ज किया था मगर उसे ऐसे अनदेखा कर दिया गया जैसे इस देश के मतदाताओ को चुनाव के बाद नेता कर देते है !
15 December 2009 at 18:51
मैं चिंतित हूँ कि यह राजनीति हमें कहाँ ले जायेगी
15 December 2009 at 18:52
गोदियाल जी को नमस्ते.
15 December 2009 at 18:52
भक्त महफूज़
आपका नाम कमेटी की बैठक में विचार्रार्थ प्रेषित हो चुका है. कमेटी का निर्णय आने पर आश्रम फलक से घोषणा होगी.
-सब का कल्याण हो.
15 December 2009 at 18:52
ओह लगता है ये सच्ची घटना है महफूज भाई !! और आप उस समय फ़ोन लाइन पे ताउजी से बतिया रहे रहे थे?
15 December 2009 at 18:53
क्या होगया जी गोदियाल जी? गरीब नेताओं को क्यों कोस रहे हैं आप?
15 December 2009 at 18:53
क्या होगया जी गोदियाल जी? गरीब नेताओं को क्यों कोस रहे हैं आप?
15 December 2009 at 18:53
बहुत सही...अभी आश्रम जाता हूँ....
15 December 2009 at 18:53
यह भी स्पष्ट कर दूं कि विजेता के जीतने पर जितनी खुस मुझे है उतनी शायद वत्स साहब को भी ना हो किन्तु सवाल तो सवाल ही है न ?
15 December 2009 at 18:53
गोदियाल जी. सही कह रहे हैं...हम आपकी बात से सहमत हूँ...आप आन्दोलन की राह पकड लीजिए..हम सब आपके साथ हैं :)
15 December 2009 at 18:54
गोदियाल्जी कहीं ले जाती तो ठीक ही था पर ये राजनीती हमें कहीं जाने ही नहीं दे रही !!
15 December 2009 at 18:54
समीर जी जरा गोदियालजी की ब सुनी जाये. आजकल पहेली के आयोजक आप ही हैं.
15 December 2009 at 18:54
मकरंद जी कल की पहेली के पुरुष्कार की घोषणा में मेरी टिपण्णी देखिये !
15 December 2009 at 18:54
धन्यवाद बाबा.... धन्यवाद.....
परनाम...... पांय लागिन....
15 December 2009 at 18:55
एकदम सच्ची घटना है....मुरारी जी....
15 December 2009 at 18:55
गोदियाल साहब
आपका विरोध महत्वपूर्ण हैं. कृप्या विस्तार से बतायें कि किस बात पर विरोध है ताकि उसे डॉ. झटका एवं रामप्यारी कमेटी में विचारार्थ रखा जा सके.
15 December 2009 at 18:55
मगर लाल झंडा पकड़ेगा कौन वत्स साहब ?
15 December 2009 at 18:56
गोदियाल जी ..... राम ....राम....
हम भी चिंतित हूँ...... इसी चिंता में नहीं उतर रही है....और मुरारी जी,,,,लोटा नहीं लौटा रहे हैं.....
15 December 2009 at 18:56
kyaa apke luck now me bandar gharonn me bhi aa jaate hain @ mahfuj bro?
15 December 2009 at 18:56
समीर जी को राम-राम , चित्र में तीन गधे है न कि दो, एक गधे का पिछवाडा भी दिख रहा है, इसे मजाक में मत लीजिये मैं सीरिअस हूँ
15 December 2009 at 18:57
अजी आप पकडिये...हम आपके पीछे चलते हैं...हाय-हाय करने के लिए अपने पास मकरन्द तो है ही है:)
15 December 2009 at 18:58
महफूज भाई ये "ल" शब्द लगता है मेरे पीछे पद गया पहले इल्जाम लगा बाबाजी की लंगोटी का फिर लौटे का !!! ये "ल" मेरे लिए लकी नहीं है !!
15 December 2009 at 18:58
पंडितजी बोलिये किसकी हाय हाय करनी है?
15 December 2009 at 18:58
हनुमान जी थे..... बाबा समीरानंद... जी.... का आशीर्वाद लेके आये थे.... मुरारी जी........
15 December 2009 at 18:58
मुरारी भैया आप्के ब्लाग का लिंक दिजिये ना.
15 December 2009 at 19:00
घोषणा
कमेटी की बैठक में गोदियाल जी के विरोध दर्ज कराने पर विचार किया गया एवं उनका विरोध बोगस मानते हुए खारिज कर दिया गया.
कमेटी कुछ समय में पुनः मिलेगी कि उनको कमेटी का समय खराब करने के लिए दंड स्वरुप कितनी टिप्पणियों का जुर्माना लगाया जाये.
-घोषणा समाप्त
15 December 2009 at 19:00
"ल" तो बहुत लक्की होता है.... murari ji....
15 December 2009 at 19:00
मैं भी गोदियाल जी बात से पूर्णतया सहमत हूँ मैंने भी कल चीख चीख कर कहा था गधे तीन हैं !! एक गधे का background मतलब पिछवाड़ा दिख रहा है
15 December 2009 at 19:02
ये डॉक्टर झटका तो किसी पार्टी प्रवक्ता की तरह आये और चले गए ,अब अगर आप फैसला लेने में मनमोहन सिंह जी की तरह मैडम की हरी झंडी का इन्तजार करते रहे तो हो गई पंचवर्षीय योजना पूरी !
15 December 2009 at 19:02
खैर, ज्यादा बोल गया लगता है, इसलिए चलता हूँ राम-राम !
15 December 2009 at 19:02
डा. झटका समय की ही तो सारी बात है...आप लोगों का इतना बहूलूल्य समय नष्ट किया गया है तो दंड तो लगना ही चाहिए....चाहे तो कुछ दंड मुरारी लाल को भी लगा दें(वो मना नहीं करेंगें)
:)
15 December 2009 at 19:02
"ल" लगा लारे | धरे रहे कारज सारे !!
15 December 2009 at 19:03
किसका background?
15 December 2009 at 19:04
वैसे आपको 'ल" से प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए....
15 December 2009 at 19:04
कल की पहेली में तीसरे गधे का backgrond!!
15 December 2009 at 19:05
अच्छा अच्छा
15 December 2009 at 19:05
चित्र बहुत बढ़िया है!
घणी राम-राम!
15 December 2009 at 19:05
मुझे तो लग रहा है कि गोदियाल जी और मुरारी दोनों को दंड न लग जाये..बड़ी चिन्ता हो रही है. :)
15 December 2009 at 19:06
लो करल्यो बातां इस "ल" ने मेरी सारी लय को बिगाड़ दिया !!!
15 December 2009 at 19:08
दो दोस्त बातों बातों में बहस करने लगे |
पहला बोला: कमाल है यार तू छोटी सी बात में लाल पिला हो जता है |
दुसरा खिसिया के बोला: हाँ में पैदा ही होली के दिन हुआ था!!
एक छोटा सा जोक !
15 December 2009 at 19:09
बाबा मूंछ नाथ कहाँ अंतर्ध्यान हो गए!!!!
15 December 2009 at 19:09
hihihihihihihihihi.......
15 December 2009 at 19:09
सबके सबके लंपंटानंद हैं पूरे ...बताओ भला बेचारा नेवला विद फ़ैमिली, और उसके नीचे की पीली घास ..इंतजार करते करते सूखते जा रहे हैं और इहां जवाब बताने के बदले सब एक दूसरे का हाल चाल .,बंदरिया काट, जन आंदोलन और पता नहीं का का डिस्कस कर ले रहे हैं ..हाय .बिल्लन तोरे मंच से देख एलियन जी अपना प्रचार भी कर लिए रे....हाय हाय ....केतना जुलम चल रहा है इहां पर ..
..यार ओईसे ई महफ़ूज़ भाई को कहा है कितनी बार सबको मत बताया करो कि लखनऊ में ब्लागर सम्मेलन होगा ....मानते नहीं हैं ...कौनो बंदर/बंदरिया काट लिया न ...काटा कहां ...अभी उनको पिछवाडा संभाले तांगा पर बैठे देखा गया है ...जी न्यूज में दिखाया है ..एक दम लेटेस्ट ...
15 December 2009 at 19:11
ताजा समाचारों के साथ अजय जी!!!
15 December 2009 at 19:12
टांगे मे बंदर???
अजब बात!!!
15 December 2009 at 19:12
बाबा मूंछनाथ ...बाबा पूंछनाथ के पीछे निकले हैं ...हाथ में लोटा पकडे हुए ..
15 December 2009 at 19:15
टांगे में तो महफ़ू मियां थे बंदर तो आगे जाकर डा. साहब से टोकन ले रहा था ताकि महफ़ूज़ भाई को दो बूंद जिंदगी के पिलाई जा सके ....
15 December 2009 at 19:15
अरे! बहुत बन्दर है.... हमरे नखलऊ में....
15 December 2009 at 19:16
हम पी के आ गया हूँ....
15 December 2009 at 19:17
ओतेरे कि ...सुना है पहेली की तरफ़ सबका ध्यान न पाते हुए दोनों नेवले भाग खडे हुए ..उसी पीली घास को गीली करते हुए .....टैण टैनेन ...झटका जी कहां है सर ...दो न धीरे से जोर का ..क्लू ..हम भी करें इलू ईलू ...
15 December 2009 at 19:17
डॉक्टरवा इंजेक्सन कोंचा है.... ढेर सारा.... और खून भी खींच लिया हमरा...कह रहा था कि जांच करेगा....
15 December 2009 at 19:19
जांच क्या करेगा खून इकट्ठा कर रहें हैं !!!
15 December 2009 at 19:19
अरे धत तेरे कि सारा डोज़ खुदे पी गए ..हे भगवान यार महफ़ूज़ भाई ऊ बंदरवा का कोटा तो छोड देते ....आप भी न ...अब तो कल फ़िर काटेगा ...
15 December 2009 at 19:21
अरे! इ डाक्ट लोग खून चुसवा हो गए हैं आजकल....
15 December 2009 at 19:22
खून खींच रहा है मतलब ...अरे पेट्रोल पंप लगवा रहा है क्या नखलऊ में कि बंदरवा सब के लिए ....कौफ़ी हाउस बन रहा है जी .....गरमा गर्म महफ़ूज़ सूप ....यम यम ..
15 December 2009 at 19:22
घोषणा
कमेटी ने पूर्व अच्छे आचरण को ध्यान में रखते गोदियाल जी क्षमादान दिया है एवं उनका साथ देने वाले मुरारी जी को पूर्व आचरण को ध्याम में रख ११ टिप्पणी का दंड दिया है.
15 December 2009 at 19:23
कृप्या मुरारी जी अपना दंड तुरंत भरें.
15 December 2009 at 19:23
इ हे बात है अजय जी.... एकदम ठीक पकडे... आप.....
15 December 2009 at 19:24
इ लो मुरारी जी... अब भोगो....
15 December 2009 at 19:25
आजकल डॉक्टर झटका के निर्णय बहुत ही सटीक आ रहे हैं. अपराधी को नहीं, अपराध की जड़ को पकड़ो...टाईप!! :)
15 December 2009 at 19:26
हा हा हा ....चला मुरारी दंड भरने ....सुपर हिट पिक्चर ...भैया मुरारी ..अब शुरु हो जाओ ..गिनती नेवला फ़ैमिली खुदे कर लेगी ...का झटका दिये हैं डा. साहेब ...
15 December 2009 at 19:26
हमें तो मुरारी जी के इतने अच्छे आचरण के बारे में पहले से ही पता था :)
हा हा हा.....
15 December 2009 at 19:29
कहां गये भैया मुरारी ....
अरे उद्घाटन करो यार ....हम कित्ती हसरत से ..ई पेनाल्टी राऊंड देखने के लिए बेताब हैं ..नेवलवन सब भी कह रहा था झा जी कुछ delicious हो जाए ...
15 December 2009 at 19:30
बालक मकरंद बच गया वरना वो भी गोदियाल जी के साथ हाय हाय करने तैयार था...गोदियाल जी तो बच जाते ..मकरंद मुरारी बाबू के साथ अटकते. :)
15 December 2009 at 19:32
-सबका कल्याण हो!!
सूचना:
-बाबा प्रॉडक्टस के लिए आश्रम पधारें-
कुंभ की विशेष छूट
बेहद सस्ते दामों पर
महा सेल-महा सेल-महा सेल
नोट:
ऐसा मौका फिर १२ साल बाद आयेगा.
15 December 2009 at 19:32
१
महफूज भाई आपका जिंगो कैसा सचमुच बहुत दुख हुआ !!
15 December 2009 at 19:32
हाय हाय यार इस चक्कर में पांच छ तो हमहीं ने ठोक डाले भैया ..का हमही से पूरा करवा लोगे का यार ...?
15 December 2009 at 19:33
मुरारी जी मैदान गए हैं..... लोटा अभी तक नहीं लौटाए हैं.....
15 December 2009 at 19:33
२.
अजय जी मैं यही हूँ ज़रा तेम्प्लेत्वा बना रहा था आकार देखा तो दाग्धर साब की कारस्तानी तैयार है !!!
15 December 2009 at 19:34
हाँ ...मुरारी जी ....अगर वो होता तो बंदरवा दौडाता नहीं हमको..... खुद ही दौड़ लेता....
15 December 2009 at 19:34
आज संगीता जी और सुनीता जी गायब..ललित भाई भी कब गायब हो गये पता ही नहीं चला!!
15 December 2009 at 19:35
3.
समीरानन्दजी महाराज हम आपके चेले बन गए हैं अब आप के ऊपर है की आप चेला रखें या चपाटी बनाएं!!!
15 December 2009 at 19:35
मुरारी जी,,.... आप यह नम्बरवा काहे लिख रहे हैं..... अभी इस पर भी दंड लग जायेगा......
15 December 2009 at 19:35
4. lalitji ki sirf ek tippani hi aayi aur asram ho liye
15 December 2009 at 19:36
5
महफूज भाई आपने जैंगो का हाल चाल नहीं बताया कैसा है अभी !!!
15 December 2009 at 19:37
6.
अभी जाकर खाना भी बना है भाई !!! क्या बनाऊ वही सोच रहा हूँ आप लोग मादा कीजिये क्या बनाया जाए शाकाहार में !
15 December 2009 at 19:37
कमाल है कोई ७ तो २
15 December 2009 at 19:37
मुरारी बाबू को दंड लगा देख मुझे बहुत दुख हुआ.
15 December 2009 at 19:38
अभी ठीक है.... जैंगो..... आज उसका CTSCAN और MRI हुआ है..... रिपोर्ट कल मिलेगी....
15 December 2009 at 19:38
८.
क्या हुआ सब खिश्क लिए क्या
15 December 2009 at 19:38
गंगटोक जब आये थे तो दाल में लौकी डालकर और साथ में पूड़ी बना कर खिलाई गई थी इस साल मार्च में गये थे एक दिन के लिए.
15 December 2009 at 19:39
९.
भाग्वाब से प्रार्थना है जल्द स्वस्थ हो और आप साथ खेलें !!!
15 December 2009 at 19:39
दाल में लौकी कह रहा था कि वहाँ की स्पेशल्टी है.
15 December 2009 at 19:40
और फिर शाम को मोमो..और स्प्रिंग रोल!!!
15 December 2009 at 19:40
हाँ ! मैं भी उसे बहुत मिस कर रहा हूँ....
ऊँ ...ऊँ ....ऊँ.... ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...
15 December 2009 at 19:41
का एलियन जी आपका दूरबीन रहते हुए दुनु जने कहां गायब हो गए ....जाईये आपसे बढियां तो बाबा से ही पूछते हैं ...बाबा ....
15 December 2009 at 19:41
जैंगो के शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना!!
15 December 2009 at 19:41
१०.
समीरजी कभी भी आओ तो इतला जरुर जरुर कर दीजिये न. लिख लीजिये 9800008125 , और 9614826900 ||
15 December 2009 at 19:43
११. अब ९ -२ =११ होने का वक़्त हो गया !!!
15 December 2009 at 19:43
लिख लिया अब तो पक्के कागज पर. :)
15 December 2009 at 19:43
अरे मुरारी भैया क्या हुआ? आप तो हांफ़े जा रहे हैं ?
15 December 2009 at 19:43
जैंगो स्वस्थ अवश्य होगा विस्वास रखिये महफूज भाई !!!
15 December 2009 at 19:43
..ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ
15 December 2009 at 19:44
हम तो अभी अभी ट्युशन से लौट रहा था.
15 December 2009 at 19:44
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ऊँ ...ऊँ ....ऊँ.... ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...
15 December 2009 at 19:44
ओह मकरंद अच्छा लगा तुम्हे वापस आया देख कर सचमुच!!
15 December 2009 at 19:44
ऊँ ...ऊँ ....ऊँ.... ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...
15 December 2009 at 19:44
कब तक आने का इरादा है समीरजी !!!
15 December 2009 at 19:45
भाई कोई भी आये गंगटोक प्लीज संपर्क करे !!!
15 December 2009 at 19:45
ऊँ ...ऊँ ....ऊँ.... ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ..
15 December 2009 at 19:45
मैं रेडियो मिष्टी पर आपका कार्यक्रम सुन रही थी .. और आप यहां सजा काट रहे हैं मुरारी जी !!
15 December 2009 at 19:45
ऊँ ...ऊँ ....ऊँ.... ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ..
15 December 2009 at 19:46
ऊँ ...ऊँ ....ऊँ.... ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ...ऊँ ...ऊँ ....ऊँ..
15 December 2009 at 19:46
मुरारी भैया आप काहे की सजा काट रहे हैं आप? लिंक तो कहीं दिख नही रहा?
15 December 2009 at 19:47
महफूज भाई !!! धेर्य बनाए रखें भगवान्, खुदा गोड, जो कोई भी है जिसे हम मानते हैं अवश्य मदद करेगा!!
15 December 2009 at 19:47
अब बहुत हो गया..... नहीं तो बाढ़ आ जाएगी.....
चलते हैं अब..... मुरारी जी....लोटा लौटा दीजियेगा..... बहुत दिक्कत हो रही है....
15 December 2009 at 19:47
बताया जायेगा आपको मुरारी भाई...भारत देखिये कब आना होता है.
15 December 2009 at 19:48
मकरंद गधे के पिछवाड़े की सजा है !!! अगर तीसरे गधे का पिछवाड़ा नहीं दिखता तो आज सजा नहीं होती !!!
15 December 2009 at 19:49
अमां महफ़ूज़ भाई दवाई लेने के बाद तो बंदर काट का दर्द बढ गया लगता है ...अब अईसा करो आप ई नेवला से दूसरे पिछवाडे में कटवा लो ..काहे से दर्द में बैलेंस टाईप का हो जाएगा न ....फ़िर भी दर्द कम न हो तो उ नीचे वाला पीयरका घास है न ऊ पर लोट मारो .पिछवाडा घिस घिस के ..एक दम आरामे आराम है ..
15 December 2009 at 19:50
लौटा जरुर देंगे पर आप आप कब जा रहे हैं !!! लोटा ले कर बता दीजिएगा!!
15 December 2009 at 19:52
अब निकलते हैं गुड नाईट, शुभ रात्रि, सब्बा खैर, अस्त्लाविस्ता, शयोनारा, राम राम, खुदा हाफिज,
15 December 2009 at 19:52
मुरारी भैया तीसरा गधा कहां है? मुझे तो नही दिखाई पड रहा?
15 December 2009 at 20:49
चलिये, यह अच्छा रहा कि बात बात में मुरारी बाबू की सजा कट गई.
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