बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूं.
जैसा कि आप मुझसे भी ज्यादा अच्छी तरह से जानते हैं कि मैं क्यों ५ सप्ताह तक इस खेल का आयोजक रहूंगा. इस खेल के सारे नियम कायदे सब कुछ पहले की तरह ही रहेंगे. सिर्फ़ मैं आपके साथ प्रतिभागी की बजाय आयोजक के रुप मे रहुंगा. डाक्टर झटका भी पुर्ववत मेरे साथ ही रहेंगे.
आशा करता हूं कि आपका इस खेल को संचालित करने मे मुझे पुर्ण सहयोग मिलता रहेगा क्योंकि अबकी बार आयोजकी एक दिन की नही बल्कि ५ सप्ताह की है. और इस खेल मे हम रोचकता बनाये रखें और आनंद लेते रहें. यही इसका उद्देष्य है. तो अब आज का सवाल :-
नीचे का चित्र देखिये और बताईये कि ये कौन हैं??

तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. इसका जवाब कल शाम को 4:00 बजे दिया जायेगा, मैं और डाक्टर झटका खेल दौरान आपके साथ रहेंगे.
"बकरा बनाओ और बकरा मेकर बनो"
टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.
121 comments:
27 December 2009 at 18:02
इसमे तो कुछ दिख ही नही रहा है, क्या जवाब दे?
चंदेरी साड़ी ही दिख रही है।
27 December 2009 at 18:03
परसिश खंबाटा
27 December 2009 at 18:04
श्री ललित शर्मा जी
-शत शत नमन एवं हार्दिक अभिनन्दन-
आपके आने से इस मंच की शोभा बढ़ी है-
आप को पहेली मंच से क्रिसमस की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
27 December 2009 at 18:05
सोनिया गांधी !!
27 December 2009 at 18:06
कटरीना कैफ
27 December 2009 at 18:07
सुश्री संगीता पुरी जी
-शत शत नमन एवं हार्दिक अभिनन्दन-
आपके आने से इस मंच की शोभा बढ़ी है-
आप को पहेली मंच से क्रिसमस की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
27 December 2009 at 18:07
सबको प्रणाम नाम्स्ते. संगीता आटी को बधाई
27 December 2009 at 18:08
सुश्री संगीता पुरी जी
हैट्रीक के लिए मेरी समस्त शुभकामनाएँ आपके साथ जाती हैं.
27 December 2009 at 18:08
प्रियंका गांधी
27 December 2009 at 18:09
राम राम सबों को !!
27 December 2009 at 18:09
संगीता आंटी, सोनिया गांधी से कैटरीना?
लिंक है क्या?
27 December 2009 at 18:09
श्री मकरंद जी
-शत शत नमन एवं हार्दिक अभिनन्दन-
आपके आने से इस मंच की शोभा बढ़ी है.
आप को पहेली मंच से नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
27 December 2009 at 18:10
आज कोई गाना नहीं सुना रहे मकरंद??
27 December 2009 at 18:10
मेरे को बधाई देने के बाद मकरंद प्रियंका गांधी क्यूं कह रहे हो ?
27 December 2009 at 18:10
कटरीना कैफ है .. लॉक किया जाए !!
27 December 2009 at 18:11
मकरंद ने बधाई कल वाली जीत के लिए दी थी.
27 December 2009 at 18:11
आंटी वो तो मैं कल की बधाई देरहा था।
27 December 2009 at 18:12
सिर्फ जबाब लॉक किया जाए .. टिप्पणी घर को नहीं .. वहां समीर जी ड्यूटी कर रहे हैं .. बहुत सारे लोग आएंगे जाएंगे .. सबको सलामी बजानी है.. देर रात तक !!
27 December 2009 at 18:12
आंटी आप सही से गलत कर रही हैं। ये सोनिया या ज्यादा से ज्यादा प्रियंका गंधी हैं?
27 December 2009 at 18:13
शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद समीर जी .. मंजिल की ओर कदम बढते दिख रहे हैं .. बस कल जरा आसान सा जबाब दे दें ।!
27 December 2009 at 18:13
:)
मैडम कुछ खर्चा मिल जाता तो!!
-समीर लाल ’गोरखा दरबान’
27 December 2009 at 18:14
आंटी आप आसान सा सवाल मांग रही हैं या आसान सा जवाब?
27 December 2009 at 18:14
समीर भाई राम-राम
संगीता जी राम-राम
बालक मकरंद को प्यार
27 December 2009 at 18:15
धन्यवाद मकरंद !!
27 December 2009 at 18:15
लिंक मिला क्या किसी को??
मकरंद??
27 December 2009 at 18:15
आसान सा सवाल .. अधिक खुश होने से ऐसे ही उल्टा पुल्टा लिखा जाता है !!
27 December 2009 at 18:15
ललित अंकल नाम्स्ते
27 December 2009 at 18:16
लिंक मैं तो जेब मे लिये ही घूमता हूं?
ये तो पर्चा आऊट करने जैसा काम है. कीमत दो और लिंक लो
27 December 2009 at 18:19
तेवर तो देखो मकरंद के जरा!!!
27 December 2009 at 18:19
मकरंद की सांठ गांठ कहां से है .. लिंक पॉकेट में लेकर घूमता है वो !!
27 December 2009 at 18:20
चंद पंक्तियाँ..ललित भाई!!
जाने वो किस तरह, मेरे पास आयेंगे
बातों के रफूगर हैं, कुछ तो बतायेंगे..
चुनाव का मौसम फिर आने को है.
-समीर लाल ’समीर’
27 December 2009 at 18:21
कोई पहेली का उत्तर तो दो भई!!!
:)
27 December 2009 at 18:21
सभी सज्जनों को नमस्कार. लगता है संगीताजी इस बार भी बाजी मार लेगई:) बहुत बधाई संगीता जी, इस गति से तो आप शीघ्र ही आयोजिका (!!) बन जाएँगी.
मकरंदा कल तुमने मम्मी से सही जवाब क्यों नहीं माँगा? वर्ना तुम हम जीत जाते, और आज तो बहुत ही देरी हों गयी:):)
मेरा जवाब भी कटरीना कैफ ही है
27 December 2009 at 18:22
एक लिंक की कीमत ४०० टिप्पणी ..है कोई माई का लाल खरीद दार?
27 December 2009 at 18:23
रेखा आंटी नमस्ते। मेरी मम्मी ने जवाब बता दिया था. पर आपने भी कल कोई जवाब नही दिया. आज भी सही जवाब अभी तक नही आया है. मम्मी पता करके बता रही है.
27 December 2009 at 18:24
सुश्री रेखा प्रहलाद जी
-शत शत नमन एवं हार्दिक अभिनन्दन-
आपके आने से इस मंच की शोभा बढ़ी है.
आप को पहेली मंच से नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
27 December 2009 at 18:26
Thanks:) श्रीमान समीरलाल जी आपको कोटि कोटि नमन, कहिये कनाडा मे बर्फ़बारी थमी कि नहीं?.
27 December 2009 at 18:27
अभी थमी हुई है मगर बकरे की माँ कब तक खैर मनायेगी.आज नहीं तो कल.... :)
27 December 2009 at 18:28
कल शाम बारिश के साथ ठंड बहुत हो गई थी लगभग -१५ के आसपास!!
27 December 2009 at 18:29
धन्यवाद रेखा जी .. लगता है आपको लिंक मिल गया!!
27 December 2009 at 18:29
OMG!!!!!!!!
27 December 2009 at 18:31
समीर भाई अर्ज किया है
हम भी तो रफ़ुगर तलाशते रहे
वो बर्क बन कयामत ढाते रहे
27 December 2009 at 18:33
वाह वाह....
कयामत की अपनी अदा होती है...
उनकी आँखों से जो बयां होती है///
27 December 2009 at 18:34
आज से मैंने ठान ली है कि हिंदी मे ही उत्तर दूंगी तो थोड़ी देरी से जवाब दे पा रही हू :)
@संगीताजी, क्या बात है संगीताजी आप दिनभर मेरी तरह ऑनलाइन रहती है! टीवी सेरिअल्स नहीं देखती क्या? बिग बॉस नहीं देखा आपने?
27 December 2009 at 18:36
एक और लिजिए गरमा गरम डायरेक्ट कड़ाही से,
हमदर्द समझ उनको जख़्म दिखाते रहे
वो मुस्कान के साथ नमक ही लगाते रहे
27 December 2009 at 18:36
नहीं रेखा जी कुछ नहीं देखती .. बस इंटरनेट पर लॉगिन रहती हूं .. और साइड में कुछ काम दिनभर !!
27 December 2009 at 18:37
वाह, ऐसी कातिल नमकीन मुस्कान!!!!
27 December 2009 at 18:38
संगीता जी
हम तो सामने टीवी, गोद में लेपटॉप और बाजू में किचन में गुनगुनाती बीबी...सब एक साथ-मल्टी टास्किंग. :)
27 December 2009 at 18:38
@ललित जी नमस्कार, अगर बुरा ना माने तो "बर्क" का अर्थ बताईयेगा
27 December 2009 at 18:39
तब ललित भाई उस नमकीन मुस्कान के आगे:
मौन रहना मेरा, हमेशा इकरार नहीं होता...
बोलना चाहता हूँ मगर इन्कार नहीं होता..
27 December 2009 at 18:41
वाह वाह समीर जी !!
27 December 2009 at 18:43
मेरी तरफ से भी वाह वाह वाह वाह समीर जी !
27 December 2009 at 18:44
ललित जी कहीं निकल लिए...
बर्क याने बिजली गिराना...विध्यवंसक...
27 December 2009 at 18:44
ललित भाई बताये कि सही है क्या??
27 December 2009 at 18:46
गालिब को देखें:
न शोले में ये करिश्मा न बर्क में ये अदा
कोई बताओ की वो शोख ऐ तुन्दा खू क्या है?
Neither the flame has this miracle, nor the lightning this grace,
Will anyone tell me, what is that ill tempered mischievous/coquettish one.
27 December 2009 at 18:47
ललित भाई के लिए भी वाह वाह!!
धन्यवाद समीरजी.
27 December 2009 at 18:47
रेखा जी, जिज्ञासा निवारण हुआ??
27 December 2009 at 18:48
नमस्कार रेखा जी, देखिए समझिए
बर्क पर बर्क गिराकर तकता क्या है
आशियाँ और बना लेंगे देखता क्या है
अब आप अन्दाज लगाईए
27 December 2009 at 18:49
बहुत उम्दा ललित भाई...थोड़ी देर के लिए आपकी सीट मैने ले ली थी. :)
27 December 2009 at 18:51
वाह वाह!!!! ये समीरजी आपको नहीं मिर्ज़ा ग़ालिब साहेब को है:)
27 December 2009 at 18:51
बर्क=बिजली ही होता है
समीर भाई मै शेर बस यहीं पर गढता हुँ।
उसके बाद नही
आज का चिंतन देखिए"एक लोहार की" पर
अभी लगाया है। हरियाणी चैनल पर कई दिन बाद
27 December 2009 at 18:51
हा हा!! मिर्जा को तो इस पर दाद दें:
मेरा प्रिय शेर:
जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा
कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है?
27 December 2009 at 18:52
ये हुई ना बात ललित जी :)
27 December 2009 at 18:52
अरे, उस पर तो हम कमेंट भी कर चुके हैं. :) ललित भाई
27 December 2009 at 18:54
एक और
जाने लगी बाजार तो आ गया था मेह
ज्यों बरसने लगा हो प्रियतम तेरा नेह
27 December 2009 at 18:55
दोहा सुना गये प्रेम से...जय हो!!
27 December 2009 at 18:57
एक और लिजिए गरमा गरम
बुढे नीम पर लगी आज निमोली चार
बहने लगी है बालमा फ़िर फ़ागुनी बयार
27 December 2009 at 18:58
साड़ी से तो काम वाली बाई लग रही है.
27 December 2009 at 19:00
श्री काजल कुमार जी
-शत शत नमन एवं हार्दिक अभिनन्दन-
आपके आने से यह मंच गौरवान्वित हुआ है.
आप को पहेली मंच से आने वाले नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
नियमित प्रतिभागिता बनाये रखें.
27 December 2009 at 19:01
फागुन आयो रे........
बड़ा बेहतरीन राजस्थानी गाना है. :)
27 December 2009 at 19:02
पुस्तक ऐसी बाँचिये, जिससे मिलता ज्ञान
कितना भी हो पढ़ चुके, नया हमेशा जान.
27 December 2009 at 19:03
समीर भाई-आपका कुरियर नही है आया है,
मै अभी तक माला के "बिखरे मोती" ही समेट रहा हुँ।
27 December 2009 at 19:04
कुरियर प्रथम सप्ताह में पहुँचेगा..बेटा जा रहा है भारत...वो करेगा. आप अपना एड्रेस ईमेल कर दें...
27 December 2009 at 19:05
यहाँ हमारे दोहे पढ़िये और मेरी पत्नी की आवाज में सुनिये भी:
http://udantashtari.blogspot.com/2007/06/blog-post_22.html
27 December 2009 at 19:06
लिजिए एक नया
अब पोथी देख के रोईए धरके सिर पे हाथ
गुरु का ज्ञान ही देता जीवन भर का साथ
27 December 2009 at 19:07
पूरी तरह से छुपाकर कह रहे हैं
बताओ, कौन है........????????
रूख से जरा नकाब हटाओ,,मेरे हुजूर ....
27 December 2009 at 19:08
घोषणा
इस तरह पोस्ट प्रचार निःशुल्क सिर्फ स्वामी समीरानन्द एवं आयोजक को एलाउड है. बाकी लोग कृप्या ऐसा न करें. अन्यथा शुल्क और दंड का प्रावधान है.
घोषणा समाप्त
27 December 2009 at 19:09
श्री सुरेश शर्मा जी
-शत शत नमन एवं हार्दिक अभिनन्दन-
आपके आने से यह मंच गौरवान्वित हुआ है.
आप को पहेली मंच से आने वाले नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
नियमित प्रतिभागिता बनाये रखें.
27 December 2009 at 19:10
ललित भाई...बेहतरीन!!
27 December 2009 at 19:11
समीर भाई
अभी हम गुंगे और बहरे हैं।
जबान पे ताला और कान मे कार्क लगा हुआ है
कु्छ दिन पहले मोति्याबिंद भी हो गया था, अभी पाँच दिन पहले ही आपरेशन करवाया है।
अब दान्तो मे परेशानी हो गयी है, नयी बत्तिसी लगवानी पड़ेगी, नये साल मे सब ठीक हो जाएगा
सब नया लगवा लुंगा:)
27 December 2009 at 19:12
चेहरा तो पता नहीं..पर बाँडी मेरी घरवाली जैसी ही है.:)
27 December 2009 at 19:14
याने ललित भाई..पूरी डॆन्टिंग पेन्टिंग चल रही है आपकी!! ब्रेन्ड न्यू बन कर निकलोगे. :)
27 December 2009 at 19:14
सुरेश भाई
इस पहेली में नाम बताना है ...हा हा!! :)
27 December 2009 at 19:21
समीर भाई साहब, वादा करता हूँ, अब लगातार उपस्थित होता रहूँगा, पर कम से कम
४० प्रतिशत चेहरा तो दिखाएँ, आप तो बाँडी दिखाकर शुरतिया बताने को कह रहे हो :) :)
27 December 2009 at 19:21
जर्जर हो चुकी काया बुढा हो चुका ठाठ
जब सजना घर आएंगे लग जाएंगे बाठ
27 December 2009 at 19:22
सुरेश भाई-ललित का नमस्कार स्वीकार हो।
27 December 2009 at 19:24
सुरेश भाई
इतना सा चेहरा देख कर भी लोग ६० सेकेंड में जबाब चिपका कर चले जा रहे हैं रोज... :)
27 December 2009 at 19:24
समीर भाई एक स्पेशल लिजिए
हमारा सजना भी क्या सजना
जब आएंगे सजना तब होगा सजना
27 December 2009 at 19:24
जर्जर हो चुकी काया बुढा हो चुका ठाठ
जब सजना घर आएंगे लग जाएंगे बाठ
--किसी दुश्मन के लिए लिखी है... :)
27 December 2009 at 19:26
ये होगा प्रयोग अलंकार का बेहतरीन...कौन सा कहलाया...यमक अलंकार??
27 December 2009 at 19:28
अपने लिए कही है-हम तो दु्स्मनो को भी दुआ देते हैं। आप फ़ो्टो पर मत जाना ये पुराने 120के ईंदु के कलर रील की है 12फ़ोटो वाली
27 December 2009 at 19:28
ललित भाई:
वो उतर आया है चाँद खिड़की से
और जा छिपा है डायरी में मेरी....
-तुमसे मुलाकात तो हुई होगी.
27 December 2009 at 19:29
फोटू तो पाबला जी इत्ती बार दिखा दिये हैं कि आप कुछ कहो...कौन मानेगा. :)
27 December 2009 at 19:30
यमक है (पुनरावृति)
सजना सम्मुख सज कर सजनी
ये मेरे अप्रकाशित गीत का मुखड़ा है।
27 December 2009 at 19:31
समीर भाई, १०० प्रतिशत हमारे घर के बगल वाली
पड़ोसन है, लाँक किया जाए.. :) :) :)
27 December 2009 at 19:31
कब प्रकाशित करेंगे??
27 December 2009 at 19:32
सुरेश भाई
पड़ोसन का नाम भी तो होगा कुछ...आप जुहू में रहते हैं???
27 December 2009 at 19:33
वो उतर आया है चाँद खिड़की से
और जा छिपा है डायरी में मेरी....
-तुमसे मुलाकात तो हुई होगी.
समीर भाई-चाँद डायरी नही बदलता
रोज मुखड़ा ही बदल लेता है
वाह! वाह! वाह! क्या जोरदार शिल्प है।
27 December 2009 at 19:34
धन्यवाद!! :)
27 December 2009 at 19:35
ऐसे ही हौसला मिलता रहे!!
१००
27 December 2009 at 19:35
सुरेश भाई-आप के पड़ोस मे तो हम भी रहते हैं।
कहीं अड़ोसी की बात कर रहें होंगे:)
27 December 2009 at 19:37
समीर भाई ये बसंत पंचमी को प्रकाशित होगी।
अभी से लिख कर शेड्युल कर दुंगा
27 December 2009 at 19:37
आसमां पर बादल छाये काले काले
कुछ बिजलियाँ भी कड़की हैं अभी...
-सुना है मुझसे कुछ खफा हैं वो!!!
27 December 2009 at 19:42
बच्चा लोग ये क्या होरहा है? सिद्ध बाबा बालकनाथ पधारे हैं.कल्याण हो वत्सो!
27 December 2009 at 19:42
ललित भाई, नमस्कार, आज पहली बार इस ब्लॉग पर छलांग मारी है,
समीर भाई, को दिखा दूंगा...जो चिपकाकर जा रहे हैं, उन्हें पछाड़ दूंगा,
उनसे पहले चिपकाऊंगा, जरूरत पड़ी तो खुद फेविकोल बन जाऊँगा..
पर हर हाल में चिपकाऊंगा..सबसे पहले बाजी मार ले जाऊँगा......:)
27 December 2009 at 19:42
वफ़ा होती है तभी कड़कती हैं बिजलियां
अंधेरे में क्युं छनकती है मुई पयलिया
देखो! कहीं कोई छुपा तो नही है।
27 December 2009 at 19:45
जय हो महाराज पाय लागी,
आपके दर्शन पाकर हम धन्य हुए।
बड़ी अभिलाषा थी आपको इस रुप मे देखने की।
जय हो बाबा की
कुछ ठंडा गरम
27 December 2009 at 19:48
नये बाबा आ गये!! जय हो!!
श्री सिद्ध बाबा बालकनाथ त्रिकालज्ञ जी
-शत शत नमन एवं हार्दिक अभिनन्दन-
आपके आने से यह मंच गौरवान्वित हुआ है.
आप को पहेली मंच से आने वाले नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
नियमित प्रतिभागिता बनाये रखें.
27 December 2009 at 19:48
वफ़ा होती है तभी कड़कती हैं बिजलियां
अंधेरे में क्युं छनकती है मुई पयलिया
देखो! कहीं कोई छुपा तो नही है।
-वाह!!.....छनकती है मुई पयलिया...क्या बिम्ब रचा है..उम्दा!!
27 December 2009 at 19:49
ये बाबा मकरंद स्वामी के रिश्तेदार तो नहीं कहीं???
27 December 2009 at 19:51
बाबाजी : आपकी हाफ़ पैंट तो मैने तालाब के किनारे पड़ी देखी है। जल्दी जाओ कोई ले जाएगा फ़िर मम्मी की मार से कौन बचाएगा?
27 December 2009 at 19:56
आपने जुहू हिंट्स दिया है तो जरूर जूही चावला है..ठीक पकड़ा न...?
चलिए विजेता घोषित कीजिये..फटाफट......!
27 December 2009 at 20:05
साड़ी अच्छी है।
27 December 2009 at 20:07
कल्याण हो बच्चा। हम घर संसार का परित्याग कर चुके हैं. हमारी तो अब धरती माता है और आसमान पिता है...बच्चा अब पिलाना ही चाहते हो तो बाबा अब बोर्नविटा वाला गर्मागर्म दूध केशर मलाई डालकर पियेंग.?
27 December 2009 at 20:08
सादी नही हमारी तो पगडी है वत्स!
27 December 2009 at 20:11
सोनिया गांधी !!
27 December 2009 at 20:11
प्रियंका गांधी
27 December 2009 at 20:18
श्री रजनीश परिहार जी
श्री विवेक रस्तोगी जी
-शत शत नमन एवं हार्दिक अभिनन्दन-
आपके आने से यह मंच गौरवान्वित हुआ है.
आप को पहेली मंच से आने वाले नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
नियमित प्रतिभागिता बनाये रखें.
27 December 2009 at 20:28
सब साब लोग गिया, तो ताला मारुँ क्या??
-समीर लाल ’गोरखा दरबान’
27 December 2009 at 22:52
प्रियंका दत्त को लॉक कर दें।..मेरी ओर से..आज पहले बार देखा है..इस पहेली को..माफी चाहता हूं खेलने का टाईम नहीं मिलता..ऑफिस में इंटरनेट पर जीमेल से जुड़ा कुछ भी अलॉ नहीं>
28 December 2009 at 01:04
श्री कुलवंत हैप्पी जी
-शत शत नमन एवं हार्दिक अभिनन्दन-
आपके आने से यह मंच गौरवान्वित हुआ है.
आप को पहेली मंच से आने वाले नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
नियमित प्रतिभागिता बनाये रखें.
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