ताऊ की चौपाल मे आपका स्वागत है. ताऊ की चौपाल मे सांस्कृतिक, राजनैतिक और ऐतिहासिक विषयों पर सवाल पूछे जायेंगे. आशा है आपको हमारा यह प्रयास अवश्य पसंद आयेगा.
सवाल के विषय मे आप तथ्यपुर्ण जानकारी हिंदी भाषा मे, टिप्पणी द्वारा दे सकें तो यह सराहनीय प्रयास होगा.
आज का सवाल नीचे दिया है. इसका जवाव और विजेताओं के नाम अगला सवाल आने के साथ साथ, इसी पोस्ट मे अपडेट कर दिया जायेगा.
आज का सवाल :-
धृतराष्ट्र की माताजी का नाम बताईये?
अब ताऊ की रामराम.
उत्तर :-
जवाब के लिये इसी पोस्ट की सीमा गुप्ता, और विवेक रस्तोगी की टिप्पणीयां देखिये!
6 comments:
17 December 2009 at 08:19
महाभारत में धृतराष्ट्र हस्तिनापुर के महाराज विचित्रवीर्य की पहली पत्नी अंबिका के पुत्र थे। उनका जन्म महर्षि वेद व्यास के वरदान स्वरूप हुआ था। हस्तिनापुर के ये नेत्रहीन महाराज सौ पुत्रों और एक पुत्री के पिता थे। उनकी पत्नी का नाम गांधारी था। बाद में ये सौ पुत्र कौरव कहलाए। दुर्योधन और दु:शासन क्रमशः पहले दो पुत्र थे।
regards
17 December 2009 at 08:20
अपने पुत्र विचित्रवीर्य की मृत्यु के बाद माता सत्यवती अपने सबसे पहले जन्में पुत्र, व्यास के पास गईं। अपनी माता की आज्ञा का पालन करते हुए, व्यास मुनि विचित्रवीर्य की दोनों पत्नियों के पास गए और अपनी यौगिक शक्तियों से उन्हें पुत्र उत्पन्न करनें का वरदान दिया। उन्होंने अपनी माता से कहा कि वे दोनों रानीयों को एक-एक कर उनके पास भेजें, और उन्हे देखकर जो जिस भाव में रहेगा उसका पुत्र वैसा ही होगा। तब पहले बड़ी रानी अंबिका कक्ष में गईं लेकिन व्यासजी के भयानक रूप को देखकर डर गई और भय के मारे अपनी आँखें बंद कर लीं। इसलिए उन्हें जो पुत्र उतपन्न हुआ वह जन्मान्ध था। वह जन्मान्ध पुत्र था धृतराष्ट्र। उनकी नेत्रहीनता के कारण हर्तिनापुर का महाराज उनके अनुज पांडु को नियुक्त किया गया। पांडु की मृत्यु के बाद वे हस्तिनापुर के महाराज बनें।
regards
17 December 2009 at 09:13
अंबिका
17 December 2009 at 09:40
जवाब पहले ही आ गए। कसरत रह गई।
17 December 2009 at 13:04
chaliyee jawaab to aa hi gaye seemaji se saari jaankaari bhi mili
17 December 2009 at 13:04
सुन्दर जवाब
बढ़िया ज्ञानवर्धन
धन्यवाद
@ सीमा जी क्या आपका कोई आश्रम वगैरह भी है :)
आज पिछली पोस्ट भी देखीं उपनिषद के बारे में वत्स जी ने बहुत अच्छी जानकारी दी है.
Post a Comment