ताऊ की चौपाल मे आपका स्वागत है. ताऊ की चौपाल मे सांस्कृतिक, राजनैतिक और ऐतिहासिक विषयों पर सवाल पूछे जायेंगे. आशा है आपको हमारा यह प्रयास अवश्य पसंद आयेगा.
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आज का सवाल नीचे दिया है. इसका जवाव और विजेताओं के नाम अगला सवाल आने के साथ साथ, इसी पोस्ट मे अपडेट कर दिया जायेगा.
आज का सवाल :-
"प्रतिक्रमण"करना क्या होता हैं?
अब ताऊ की रामराम.
8 comments:
29 December 2009 at 08:47
अपनी गलतियों की माफ़ी मांगना|
29 December 2009 at 08:50
'प्रतिक्रमण' अतिक्रमण का विलोम शब्द है । नव वर्ष की शुभकामनायें ।
29 December 2009 at 09:08
'प्रतिक्रमण' का अर्थ है उल्टे क्रम में गिनती करना अथवा वस्तुओं को व्यवस्थित करना ।
29 December 2009 at 09:45
29 December 2009 at 09:53
हमारे मन से, वाणी से, व्यवहार से किसी को दु:ख हो अथवा किसी से हमें दु:ख हो, तब प्रतिक्रमण करें और सामनेवाला निर्दोष दिखे, तब तक प्रतिक्रमण करते रहना चाहिए।
regards
29 December 2009 at 09:54
प्रतिक्रमण का अर्थ है आत्मनिरीक्षण, आत्ममंथन। प्रतिक्रमण प्रतिदिन करणीय कार्य है।
regards
29 December 2009 at 09:55
कोई भी आदमी वीतराग नहीं होता। राग-द्वेष थोडा अधिक हर व्यक्ति में होता है। जहां राग-द्वेष है, वहां भूल होना स्वाभाविक है। राग-द्वेष प्रमाद और भूल के साथ जुडे हुए हैं। वह आदमी अपने जीवन में बहुत सफल हो सकता है जो प्रतिदिन प्रतिक्रमण करता है। जो अतिक्रमण हो गया है, उसका प्रतिक्रमण यानी लौटकर पुन: अपने स्थान पर आ जाना, गलती का सुधार कर लेना। प्रतिक्रमण का अर्थ ही है आत्मनिरीक्षण, आत्ममंथन। प्रतिक्रमण प्रतिदिन करणीय कार्य है।
regards
29 December 2009 at 11:50
अतिक्रमण का विलोम प्रतिक्रमण. व्यक्ती द्वारा किया गया अतिक्रमण का प्रतिक्रमण करके याचना करना. कम से कम जैन बन्धु वर्ष मे एक बार जरुर करते है. सवत्सरी के दिन . साधु सन्त प्रति दिन साय सात बजे रोजाना करते है. एवम कई श्रावक भी रोजाना करते. इसे करने मे ४८ मीनट का समय लगता है. सामायिक साधकर यह किया जाता है. दिन भर या वर्ष भर मे की गई भूलो का पश्चाताप का उउत्तम मन्त्र साधना का दुसरा नाम प्रतिक्रमण है.
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