ताऊ की चौपाल मे आपका स्वागत है. ताऊ की चौपाल मे सांस्कृतिक, राजनैतिक और ऐतिहासिक विषयों पर सवाल पूछे जायेंगे. आशा है आपको हमारा यह प्रयास अवश्य पसंद आयेगा.
सवाल के विषय मे आप तथ्यपुर्ण जानकारी हिंदी भाषा मे, टिप्पणी द्वारा दे सकें तो यह सराहनीय प्रयास होगा.
आज का सवाल नीचे दिया है. इसका जवाव और विजेताओं के नाम अगला सवाल आने के साथ साथ, इसी पोस्ट मे अपडेट कर दिया जायेगा.
आज का सवाल :-
लंका नगरी पर कुबेर से पुर्व किसका आधिपत्य था?
अब ताऊ की रामराम.
साल 2009 की मेगा पहेली (158) में निचे के चित्र पर चटका लगाकर जवाब दिजिये. हिंट दो की पोस्ट आज ठीक ९:०० बजे प्रकाशित होगी.इस चित्र में कुल कितने चेहरे हैं? सभी के नाम बताईये!
5 comments:
31 December 2009 at 08:26
31 December 2009 at 08:31
विश्रवा मुनि के बेटे व रावण के बड़े सौतेले भाई वैश्रवण यानी कुबेर को जब लंकापुरी की सत्ता सौंपी गई थी तब वहां कोई राजा नहीं था। सोने की लंका बनाने वाले रावण के नाना दैत्यराज सुमाली थे | कुबेर ने दिकपाल के रूप में न केवल इसे बसाया बल्कि वहां रह रहे देव, दैत्य, दानव, असुर समेत सभी जातियों को मिलाकर एक नई 'यक्ष संस्कृति' की स्थापना की। लंकापुरी दैत्यराज सुमाली की थी।
regards
31 December 2009 at 08:58
विश्रवा मुनि के बेटे व रावण के बड़े सौतेले भाई वैश्रवण यानी कुबेर को जब लंकापुरी की सत्ता सौंपी गई थी तब वहां कोई राजा नहीं था। सोने की लंका बनाने वाले रावण के नाना दैत्यराज सुमाली थे | कुबेर ने दिकपाल के रूप में न केवल इसे बसाया बल्कि वहां रह रहे देव, दैत्य, दानव, असुर समेत सभी जातियों को मिलाकर एक नई 'यक्ष संस्कृति' की स्थापना की। लंकापुरी दैत्यराज सुमाली की थी।
हा हा!! haa haa haaa!!
regards
31 December 2009 at 09:17
विश्रवा मुनि के बेटे व रावण के बड़े सौतेले भाई वैश्रवण यानी कुबेर को जब लंकापुरी की सत्ता सौंपी गई थी तब वहां कोई राजा नहीं था। सोने की लंका बनाने वाले रावण के नाना दैत्यराज सुमाली थे | कुबेर ने दिकपाल के रूप में न केवल इसे बसाया बल्कि वहां रह रहे देव, दैत्य, दानव, असुर समेत सभी जातियों को मिलाकर एक नई 'यक्ष संस्कृति' की स्थापना की। लंकापुरी दैत्यराज सुमाली की थी।
1 January 2010 at 15:48
जो लोग ताऊ के पहेली पूछने से जलते हैं उनका।
हा हा।
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