ताऊ की चौपाल मे आपका स्वागत है. ताऊ की चौपाल मे सांस्कृतिक, राजनैतिक और ऐतिहासिक विषयों पर सवाल पूछे जायेंगे. आशा है आपको हमारा यह प्रयास अवश्य पसंद आयेगा.
सवाल के विषय मे आप तथ्यपुर्ण जानकारी हिंदी भाषा मे, टिप्पणी द्वारा दे सकें तो यह सराहनीय प्रयास होगा.
आज का सवाल नीचे दिया है. इसका जवाव और विजेताओं के नाम अगला सवाल आने के साथ साथ, इसी पोस्ट मे अपडेट कर दिया जायेगा.
आज का सवाल :-
महाभारत युद्ध मे कोरवों के सेनापति रहे शल्य से पांडवों का क्या रिश्ता था? और शल्य युद्ध की कौन सी कला मे दक्ष थे?
अब ताऊ की रामराम.
उत्तर :-
शल्य पांडवों के मामा थे और रथ संचालन मे कृष्ण की टक्कर के सारथी एक मात्र वही थे. सही जवाब के लिये अजयकुमार जी झा, सीमा गुप्ता, की टिप्पणियां देखें. इसके अलावा उडनतश्तरी
मुरारी पारीक,
रंजन
संजय बेंगाणी
पंडित किशोर जी, और गगन शर्माजी ने भी सही जवाब दिये. सभी का आभार.
14 comments:
7 December 2009 at 08:20
शल्य, मद्रदेश के राजा जो पांडु के सगे साले और नकुल व सहदेव के मामा थे।
शल्य रथ संचालन में बेजोड़ थे।
7 December 2009 at 08:45
राजा शल्य पांडवों के रिश्ते में मामा थे !
अर्जुन के सारथि श्री कृष्ण की ही तरह राजा शल्य भी रथ संचालन में बेजोड़ थे।
7 December 2009 at 08:57
शल्य पांडवों के अपने पर्सनल मामा थे ...और वो शकुनि (जिन्होंने अपने कुकर्मों से सारा मामाओं के कैरेक्टर का बंटाधार कर दिया )से बिल्कुल अलग टाईप के थे..
शल्य जी की ड्राईविंग अच्छी थी ....पता चला है कि वे और प्रभु बंसी वाले ...एक ही ड्राईविंग स्कूल में पढे थे.....और दोनों ही हमेशा बिना नंबर प्लेट .....की गड्डी ..(अरे रथ जी)...चलाते थे ...उफ़्फ़ थक गया इत्ती सारी जानकारी देते देते..
अजय कुमार झा
7 December 2009 at 09:06
शल्य, मद्रदेश के राजा जो पांडु के सगे साले और नकुल व सहदेव के मामा थे। परंतु महाभारत में इन्होंने पांडवों का साथ नहीं दिया और कर्ण के सारथी बन गए थे। कर्ण की मृत्यु पर युद्ध के अंतिम दिन इन्होंने कौरव सेना का नेतृत्व किया और उसी दिन युधिष्ठिर के हाथ मारे गए। इनकी बहन माद्री, कुंती की सौत थीं और पांडु के शव के साथ चिता पर जीवित भस्म हो गई थीं।
regards
7 December 2009 at 09:16
इनमें से जो सही हो..हमारी राय उनके साथ.. :))
Udan Tashtari said...
शल्य, मद्रदेश के राजा जो पांडु के सगे साले और नकुल व सहदेव के मामा थे।
शल्य रथ संचालन में बेजोड़ थे।
07 DECEMBER 2009 08:20
Murari Pareek said...
राजा शल्य पांडवों के रिश्ते में मामा थे !
अर्जुन के सारथि श्री कृष्ण की ही तरह राजा शल्य भी रथ संचालन में बेजोड़ थे।
07 DECEMBER 2009 08:45
अजय कुमार झा said...
शल्य पांडवों के अपने पर्सनल मामा थे ...और वो शकुनि (जिन्होंने अपने कुकर्मों से सारा मामाओं के कैरेक्टर का बंटाधार कर दिया )से बिल्कुल अलग टाईप के थे..
शल्य जी की ड्राईविंग अच्छी थी ....पता चला है कि वे और प्रभु बंसी वाले ...एक ही ड्राईविंग स्कूल में पढे थे.....और दोनों ही हमेशा बिना नंबर प्लेट .....की गड्डी ..(अरे रथ जी)...चलाते थे ...उफ़्फ़ थक गया इत्ती सारी जानकारी देते देते..
अजय कुमार झा
07 DECEMBER 2009 08:57
seema gupta said...
शल्य, मद्रदेश के राजा जो पांडु के सगे साले और नकुल व सहदेव के मामा थे। परंतु महाभारत में इन्होंने पांडवों का साथ नहीं दिया और कर्ण के सारथी बन गए थे। कर्ण की मृत्यु पर युद्ध के अंतिम दिन इन्होंने कौरव सेना का नेतृत्व किया और उसी दिन युधिष्ठिर के हाथ मारे गए। इनकी बहन माद्री, कुंती की सौत थीं और पांडु के शव के साथ चिता पर जीवित भस्म हो गई थीं।
regards
वैसे है सब के सब एक जैसे ही..
राम राम...
शुभ दिन..
7 December 2009 at 09:31
उत्तर तो समीरलाल जी ने बता दिया है!
7 December 2009 at 09:36
प्रिय ताऊ जी
मैंने
आज के सवाल
का
जवाब
कल ही
दे दिया था !
7 December 2009 at 09:41
@ प्रकाश गोविंद
इसीलिये सवाल भी आपके जवाब में से ही बनाया है कि यह देखें की बालक लोग उसको पढते भी हैं या नही?:)
7 December 2009 at 09:50
अब इतने सारे लोगों ने जवाब दे दिया है तो हमारे लिये कुछ कहने की गुंजाइश ही नहीं रह गई है।
7 December 2009 at 09:52
4.शल्य :
मद्रदेश के राजा जो पांडु के सगे साले और नकुल व सहदेव के मामा थे। परंतु महाभारत में इन्होंने पांडवोंका साथ नहीं दिया और कर्ण के सारथी बन गए थे। कर्ण की मृत्यु पर युद्ध के अंतिम दिन इन्होंने कौरव सेना का नेतृत्व किया और उसी दिन युधिष्ठिर के हाथ मारे गए।
लिजीये हमने कौपी करके ही डाल दिया है ...मगर प्रकाश जी आपने उनके driving skill बारे में कुछो नहीं लिखा ...कहीं नंबर तो नहीं कट जाएगा न
ताऊ जी हमारा दोनो उत्तर मिला के हमें फ़र्स्ट डिवीजन से पास किया जाए........नहीं ...
अच्छा तो पास तो कर ही दें .....
7 December 2009 at 10:54
Sab ko padh kar ham to apni jaankari badha rahe hain!
7 December 2009 at 11:51
महारथी मामा थे.
7 December 2009 at 14:15
mama they
tatha rath sanchalan me daksh they
7 December 2009 at 18:58
सारे उत्तर ठीक हैं। बस एक बात जोड़ना चाहूंगा, शल्य ने कर्ण का सारथी बनना तो स्वीकारा था पर पूरे युद्ध के दौरान उन्होंने कर्ण को हतोत्साहित ही किया था, उसका मनोबल तोड़ने के लिये।
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