नमस्कार बहनों और भाईयो. रामप्यारी पहेली कमेटी की तरफ़ से मैं समीरलाल "समीर" यानि कि "उडनतश्तरी" फ़र्रुखाबादी सवाल का जवाब देने के लिये आचार्यश्री यानि कि हीरामन "अंकशाश्त्री" जी को निमंत्रित करता हूं कि वो आये और रिजल्ट बतायें.
प्यारे साथियों, मैं आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" आपका हार्दिक स्वागत करता हूं और रामप्यारी पहेली कमेटी का भी शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होने मुझे इस काबिल समझा और यह सौभाग्य मुझे प्रदान किया. इससे पहले की मैं आपको रिजल्ट बताऊं आप सवाल का मूल चित्र नीचे देख लिजिये जिससे की यह सवाल का चित्र लिया गया था.

और आज की इस पहेली के/की विजेता हैं : kase kahun?by kavita बधाई !
kase kahun?by kavita. said...
ghoda aur sher hai
13 January 2010 18:05
और रिकार्ड के मुताबिक सुश्री रेखा प्रहलाद
पी.सी.गोदियाल जी,
सुश्री अंजना
श्री ललित शर्मा,
श्री संजय बेंगाणी
श्री मुरारी पारीक
श्री विशाल
श्री M VERMA ने भी बिल्कुल सही जवाब दिया.
सभी प्रतिभागियों को उत्साह वर्धन के लिये धन्यवाद!
अगला फ़र्रुखाबादी सवाल आज शाम को ठीक ६ बजे और अब आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये! नमस्ते.
7 comments:
14 January 2010 at 10:44
kase kahun?by kavita यानि कविता जी को बहुत बहुत बधाई !!
14 January 2010 at 15:09
कविता जी को बहुत बहुत बधाई
14 January 2010 at 16:52
आप सभी को लोहड़ी व मकर सक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएं...कविता जी को भी बहुत-बहुत बधाई... रामप्यारी,डॉक्टर झटका, एवं ताऊ जी को भी लोहड़ी में हमे शामिल करने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद और अनेक बधाईयाँ...
14 January 2010 at 17:13
kase kahun?by kavita यानि कविता जी को बहुत बहुत बधाई !!
आप सभी को लोहड़ी व मकर सक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएं
14 January 2010 at 18:06
रामप्यारी और डाक्टर झटका- हमारी जीत आज हुई है और आपका फ़ैसला गलत है। इसके खिलाफ़ हम अपील दर्ज करते हैं।
1-आपका प्रश्न यह था(नीचे का चित्र देखिये और बताईये कि "ये क्या हो रहा है"?)
2- kase kahun?by kavita. said...
ghoda aur sher hai- ने यह जवाब दिया। घोडा और शेर है, "ये क्या हो रहा है?" इसका जवाब नही था। सिर्फ़ नाम बताए।
3- मेरा जवाब- ललित शर्मा said...
हा भाई जवाब ये है शेर घुड़सवारी कर रहा है।
4-रसियन सर्कस है।
अब फ़ैसला किजिए की आज का विजेता कौन है?
हमे यह फ़ैसला मजुर नही। कतई नही।
14 January 2010 at 18:07
ईंकलाब जिंदाबाद
नही तो आज की पहेली मे हड़ताल
यलगार हो।
14 January 2010 at 18:16
ललित भाई...आपकी बात में दम है मगर.... :)
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