खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी (170) - आयोजक उडनतश्तरी

पहले अलाव ताप लिजिये! लोहडी की मिठाई खा लिजिये! चाय पी लिजिये! फ़िर खेल के लिये आगे बढिये!

लोहडी और मकर सक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!


बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूं.

जैसा कि आप जानते हैं कि आज मैं आयोजक के बतौर यह अंक पेश कर रहा हूं. आज से दो सप्ताह तक मैं इस खेल का आयोजक रहुंगा.

आपका इस खेल को संचालित करने मे मुझे पुर्ण सहयोग मिलता आया है और उम्मीद करता हूं कि अब आने वाले दिनों में भी मिलता रहेगा. इस खेल मे आप लोगो के सहयोग से रोचकता बरकरार है. सभी इसका आनंद ले रहें हैं. आगे भी लेते रहें और अब रिजल्ट पेश करने के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" भी अमेरिका से पलट आये है. तो आईये अब आज का बहुत ही आसान सवाल आपको बताते हैं :-

नीचे का चित्र देखिये और बताईये कि ये क्या हो रहा है?


तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. इसका जवाब कल शाम को 4:00 तक आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" देंगे. आज मैं और डाक्टर झटका खेल दौरान आपके साथ रहेंगे.

"बकरा बनाओ और बकरा मेकर बनो"

.टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.


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Promoted By : ताऊ और भतीजाएवम कोटिश:धन्यवाद

164 comments:

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:02

राम-राम
घोड़ा है
खच्चर है

  संगीता पुरी

13 January 2010 at 18:05

महिलाओं ने क्‍या गल्‍ती की है .. उन्‍हें लोहडी में शरीक नहीं किया गया !!

  kavita verma

13 January 2010 at 18:05

ghoda aur sher hai

  Anonymous

13 January 2010 at 18:07

ghoda aur sher hai

  संगीता पुरी

13 January 2010 at 18:08

घोडे के कान की सफाई हो रही है ??

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:08

संगीता जी को राम-राम और सभी को लोहड़ी की बधाई

  Anonymous

13 January 2010 at 18:09

sher ghode par swaar hai.
sabhi ko namaskar aur lodi & sankranti ki shubhkamanaye:)

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:09

घोड़े के पास शेर की खाल

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:10

रेखा जी को भी राम-राम

  डाँ. झटका..

13 January 2010 at 18:10

@ संगीता जी

महिलायें फ़ोटो खीचवाने के समय पहुंच नही पाई थी. उनकी फ़ोटो भी तैयार हो रही है, वैसे ही लग जायेगी.

धन्यवाद.

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:10

ये तो पता चल चूका कि घोड़ा और शेर के मुह है पास-पास पर हो क्या रहा है ये नहीं मालूम !

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:11

डॉ. झटका राम राम बहुत सुन्दर व्यवस्था की आपने अलाव की और लोहड़ी की !

  Anonymous

13 January 2010 at 18:12

डाँ. झटका..meri kaun si lagayenge?? mai bhi pratidin yhan aati hu:)

  संगीता पुरी

13 January 2010 at 18:13

आप सबों को लोहडी की बधाई !!

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:14

संगीता जी , बड़ी असमंज की स्थिति में हूँ कि आपकी भाविश्य्बानी के सत्य होने पर आपको बधाई दूं या फिर भूकंप के पीडितो का अफ़सोस करू ?

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:15

गोदियाल जी, संगीता जी, रेखा जी, सादर प्रणाम

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:15

कविता जी, डाक्टर झटका जी को नमन

  अंजना

13 January 2010 at 18:16

खच्चर के ऊपर शेर बैठा है

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:16

सभी को लोहड़ी की बधाईयाँ
ढेर सारी बधाइयां

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:17

अजी ललित जी तुसी ग्रेट हो
आजकल आते बहुत लेट हो
फोटो पर तो रोज अपडेट हो

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:18

अंजना जी लोहड़ी की बधाइयां

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:19

हा भाई जवाब ये है शेर घुड़सवारी कर रहा है।

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:20

रसियन सर्कस है।

  संजय बेंगाणी

13 January 2010 at 18:21

सिन्ह व घोड़ा है, अपनी मर्जी का काम कर रहे हैं, आपको इससे क्या?

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:21

गोदियाल साब-यहां तो कल रात से पानी गिर रहा है। ठंड बढ गैइ है। एक एक हो जाए।:)

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:22

संजय भाई-केम छो? नमस्कार

  अंजना

13 January 2010 at 18:23

सभी को राम राम और लोहडी की शुभकामानाऎ।हम भी तो है हमारी काहै फोटो तन्ने कयु न ली अलाव मे

  makrand

13 January 2010 at 18:23

गोदियाल अंकल, संगीता आंटी, ललित अंकल,रेखा आंटी, अंजन आंटी और संजय अंकल, सबको बालक मकरंद आदाब बजा लाता है.

  makrand

13 January 2010 at 18:24

मजा आगया आज तो , अलाव पर मुरारी अंकल चाय बना कर पिला रहे हैं मस्त. किसी को पीनी है क्या?

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:25

संजय जी यही तो डाक्टर झटका ने पूछा है कि क्या हो रहा है ?:)

  makrand

13 January 2010 at 18:25

मुझे तो यहां ठंड लग रही है. मैं तो जाकर अलाव पर बैठता हूं.

  makrand

13 January 2010 at 18:25

और चाय पीता हूं.

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:26

मकरंद जी को लोहड़ी की बधाई !

  अंजना

13 January 2010 at 18:26

ललित जी आप को भी लोहड़ी की बधाइयां

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:26

अलाव पर तो मकरंद भी बैठा था पंडित जी के साथ...



मजा आ गया....सब को राम राम!!

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:26

बजाओ भाई मकरंद बजाओ, कल लोहड़ी है इसलिए आज रात तो बाजा बुजा तो बजणा ही है।

और भाई क्या हाल चाल है? चाकलेट है क्या खतम हो गयी?

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:27

ललित जी, ग्लोबल वार्मिंग ग्लोबल वार्मिंग रटते जाओ ठण्ड नहीं लगेगी !

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:27

लोहिड़ी पर्व और मकर संक्रांति की आप को हार्दिक शुभकामनाये.

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:27

मकरंद राजस्थानी गाना सुनाओ लोहड़ी पर......

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:27

समीर जी को भी राम-राम !

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:28

समीर भाई-हैप्पी लोहड़ी

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 18:28

भई हम तो आयोजकों से बहुत नाराज हैं....यहाँ हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है। आप सब तो अलाव ताप रहे हैं ओर हमें बच्चे मकरन्द के साथ साईड में ठिठुरती ठंड में बिठा दिया । ये धांधलेबाजी नहीं चलेगी :)

  अंजना

13 January 2010 at 18:29

मकरंद जी आ गये आप और खिसक भी लिये आग तापने

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:29

sher aur ghodaa!!

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:29

राम जी ललित जी/ गोदियाल जी...सुखे सुखे अलाव तपाने का क्या मजा..कोई खम्भा धरे है क्या??

  Unknown

13 January 2010 at 18:29

Lion Riding a Horse.

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:29

समीर भाई -आज आप लेट आये हैं। लगता है मकरंद के लिए मुंगफ़ली-रेवड़ी, तिल गुड़ लाए हैं
बधाई हो।

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:30

वत्स जी को भी राम-राम

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:30

वत्स साहब आप क्या सोच रहे है कि धमकी से आप जीत गए तो यहाँ भी मनचाही कुर्सी हासिल कर लेंगे ?

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:30

पंडित जी बराती टाईप मेहमान है...शिकायत लिए घूमते हैं..अरे, पलंग तक दे दी बैठने को..फिर भी.

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 18:30

सभी गुणीजनों को(अयोजकों सहित) लोहडी की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!

  अंजना

13 January 2010 at 18:30

लोहडी की बहुत बहुत बधाई मकंरद जी

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:31

आग तपते तपते देर हो गई!!बैठे तो बैठे उठने का मन ही नहीं हुआ !! हा..हा..

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:31

समीर जी मुद्दत हो गयी खम्बा चखे हुए :)

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:31

समीर जी मुद्दत हो गयी खम्बा चखे हुए :)

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:31

फ़ुल जुगाड़ है जी-आज भांगड़ा जो पाणा है।

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:32

डाक्टर साब आग में chimtaa गरम कर रहे हैं!! किसको चिपकाने वाले हैं!! हा..हा..

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:32

मकरंद बैग टांगे है, ट्यूशन से सीधा चला आया यहीं...:)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:33

lalit ji sameerji godiyaal ji sangeetaaji rekhaaji, anjanaa ji, marand, aur dactar saab jhatkaa ji ko raam reaam

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:34

अभी ध्यान से देखा...पंडित जी पैर के पास गिलास छिपाये हैं...देख लो!!!

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 18:34

भई मुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रारी जी, चाय में दूध तो डाल लेते..हमें ब्लैक टी पीने की आदत नहीं :)

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:35

बैग के बाजू में रखा है.

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:35

ओहो! पंडित जी भी आ गये हैं। गोड लागी महाराज
लोहड़ी की बधाई,

अगर संक्राति पर्व पर सु्पात्र को कुछ दान करना है तो मै आपकी सेवा मे हाजिर हुँ, दान फ़ैक्स और मेल द्वारा स्वीकार किया जाता है। तथा छुट भी मिलती है आयकर की धारा 80 जी के अन्तर्गत्।

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:35

घोड़े के ऊपर शेर है !! मिल गया !!!

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:36

वत्स साहब, मुरारी भाई की तो जुबान भी लडखडाने लगी :)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:36

पंडितजी अदरक वाली चाय है गोल मिर्च डाल कर बनाई है !!!

  अंजना

13 January 2010 at 18:36

पंडित जी राम राम । आग भी ताप रहे है और एक हाथ जो पीछे है उसमे क्या है ?अकेले अकेले खाया जा रहा है :-)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:37

ललितजी अच्छी टिका के बैठे हैं !!!

  M VERMA

13 January 2010 at 18:37

यह एक सर्कस शो है जिसमे घोड़े के ऊपर शेर सवार है.

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 18:37

भई ललित जी, क्षमा का दान वाया फैक्स आपको भेज रहें हैं...पावती रसीद भेज देंवें :)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:38

Horse Riding

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:38

अन्जना जी


पंडित जी जेब में काजू रखे हैं...वो ही छुपा कर खा रहे हैं.

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:39

पापी पेट के लियी पता नह क्या क्या लडखडाना पड़ता है गोदियालजी !! हा..हा..

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:40

वो ललित भाई की कविता की डायरियाँ हैं....

  अंजना

13 January 2010 at 18:40

मुरारी जी और पंडित जी को भी लोहडी की बधाई

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 18:40

अंजना जी, हम घर से चने लेकर चले थे...मालूम था कि इन गरीब आयोजकों की ओर से तो कुछ मिलने वाला है नहीं....बस बैठे बैठे वही चबा रहे हैं:)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:40

मुझे द्duty बड़ी अच्छी सोंपी गयी है !!! सबको चाय पिलाने की!!!

  अंजना

13 January 2010 at 18:41

हा हा हा काजु ...

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:41

AJNA JI AAPKO BHI AUR SABHI LOHADI KI HARDIK BADHAIYAAN !!

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 18:41

हमें पता होता कि चाय भी बिना दूध के मिलने वाली है तो वो भी हम घर से इन्तजाम कर के चलते :)

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:42

आप दार्जिलिंग/सिक्किम के आसपास जो रहते है मुरारी भाई !

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:42

समीरजी आज तो चर्चा मंच में बड़ी ख़ास चर्चा रही मदन पारीक जी को लेकर !!!

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:43

sahi hai hum daarjiling ki golden leaf se aapkaa swagat karte hain!!!

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 18:43

पंडित जी-आपने तो जग का सबसे बडा दान कर दिया। क्षमा वीरस्य भुषणम्। शुक्रिया

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:44

मैं तो तुरंत मदन लाल जी का follower भी बन गया मुरारी भाई :)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:44

वही पहलवान type
के आदमी वाली बात की ये थप्पड़ तुने गुस्से में मारा है या मजाक में!!!

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:44

अभी देखा नहीं चर्चा मंच...अभी यहाँ से ड्यूटि करके वहाँ जायेंगे

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:44

यह भी चोखा धंधा है हींग लगे न फिटकरी ....

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 18:44

ललित भाई...अभी तक रसीद नहीं मिली :)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:45

हाँ मैंने देखा एक गोदियालजी और एक बन्दा है २ फोलोवेर हैं!!हा..हा.. लेकिन उनके चरण चिन्हूं पर ना चलने लगें गदियाल्जी!!!

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:45

मदन लाल जी को फोन करके दिल्ली बुलवा लो कि आपको साहित्य रत्न पुरुस्कार से सम्मानित करना है. :)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:46

हा..हा..हा.. समीरजी धांसू आइडिया है !!!

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:47

एक रचना सुनाने को भी बोल दीजिये!!!

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:47

बन्दा बेशर्म लग रहा है आ भी जाएगा क्या पता :)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:47

ha..haa. wo cement company kaa mailk hai !!! churu jilee ka hai !!

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:48

आ जायेगा तो अलंकरण किया जायेगा अपने स्टाईल में. :)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:48

हमारे gaon में उसका ननिहाल है !!! अच्छी तरह से जान पहचान नहीं है पर पता है !!!

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:49

शास्त्री जी पुरूस्कार देंगे:)

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:50

एक प्रशस्ति पत्र हमारी तरफ से भी रहेगा. :)

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

13 January 2010 at 18:50

सीमेंट कंपनी का मालिक है तभी तो बेशर्मी इतनी जोर से चिपकी पडी है जनाव के पिछवाड़े :)

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:50

जय हो १०० की.

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 18:51

हा हा!!! अच्छा हुआ कि फेविकोल नहीं बनाता,,,

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:51

अगर गाँव में पता लग गया की रचनाओं की चोरी करता है! तो गाँव वाले समझेंगे पता नहीं क्या चोरी की है !!! गाँव वालों को क्या पता ब्लॉग क्या है सब कहेंगे कम्पूटर से पैसा निकलता है हा..हा..हा..

  अंजना

13 January 2010 at 18:52

पंडित जी,लगता है कि हमे तो आप के लेखो से वंचित ही रहना पडेगा ।हमारा कम्पुटर आप के ब्लांक पर आते ही बलोक की चेतावनी दे देता है ।

  Murari Pareek

13 January 2010 at 18:52

गाँव वालों की नजर में एक अजीब चोर बनेगा!! हा..हा..

  अंजना

13 January 2010 at 18:53

क्या कारण है ये तो हमे मालूम नही

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 18:54

अंजना जी, जरा बताईये कि आप ब्राऊजर कोन सा प्रयोग कर रही हैं !

  दिनेशराय द्विवेदी

13 January 2010 at 19:03

बहुत टिप्पणियाँ आ गई है। आज हमने अदालत में वाकई काम किया, दिन भर व्यस्त रहे। तो दिमाग की कुछ ओवरहॉलिंग भी हो गई है। शिकारी तो शेर ही है लेकिन शिकार घोड़ा नहीं बल्कि गाय है। जरा ध्यान से देखो तो समझ आ जाएगा।
लोहड़ी की राम राम!

  अंजना

13 January 2010 at 19:05

window xp

  अंजना

13 January 2010 at 19:06

अभी सब बंद हो गया था आप की पोस्ट पढने पर्

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 19:06

वकील साहब को नमस्कार!!

  संगीता पुरी

13 January 2010 at 19:07

यहां तो पहेली बूझने के अलावे और सबकुछ चल रहा है !!

  अंजना

13 January 2010 at 19:07

मकर सक्रांति वाली

  संगीता पुरी

13 January 2010 at 19:08

आजकल के प्रश्‍न किधर से आ रहे हैं .. पहेली विजेता बनने के लिए स्‍वप्‍न देखना ही एकमात्र चारा रह गया है
!!

  अंजना

13 January 2010 at 19:08

चार लाईन ब्लोकवाणी पर जो है बस वही पड पाए

  अंजना

13 January 2010 at 19:14

पहेली की उलझन सुलझी की नही आज कोई हिंट नही

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 19:15

पंडित जी-आपको रसीद भेज दी गयी है क्रिप्या मेल चेक करें।

  अंजना

13 January 2010 at 19:16

लगता समीर जी सब मुंगफ़ली खाने निकल लिए

  अंजना

13 January 2010 at 19:17

पंडित जी कहा चले गये !!!

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 19:18

अंजना जी आप ब्राउजर बदलें,सफ़ारी का इस्तेमाल करके देखें।

  Murari Pareek

13 January 2010 at 19:19

दिनेशजी बानरा बनाने की कोशिश में हैं!!!!!

  Murari Pareek

13 January 2010 at 19:20

हमें तो ये लिंक भी मिल गया !!!

  अंजना

13 January 2010 at 19:22

शुक्रिया ललित जी

  खुला सांड !!

13 January 2010 at 19:22

क्या हो रहा है !! भगतों !!! चमत्कारी सींगो को चांदी अर्क चढ़ा दो सम मंगल होगा!!!

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 19:23

मुरारी जी-बानरो बणावण की कांई जरुरत है।:)

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 19:24

अंजना जी, मैं वैब ब्राऊजर की बात कर रहा हूँ...यानि कि "मोजिला फायरफाक्स", "इन्टरनैट एक्सपलोरर", "गूगल क्रोम" या फिर "सफारी" इनमे से किसका प्रयोग करती हैं ।

  Murari Pareek

13 January 2010 at 19:25

बोई तो मैं बोल रयो हूँ दो बार कियां बना सके !!!

  Murari Pareek

13 January 2010 at 19:26

पंडित जी अंजना लाल दंत मजन इस्तेमाल करती है तभी उनके दांत मोतियों जैसे चमक रहे हैं!!! हा..हा..

  ब्लॉ.ललित शर्मा

13 January 2010 at 19:27

सांड नाथ महाराज प्रणाम्।
आशीर्वाद दिजिए।

  खुला सांड !!

13 January 2010 at 19:28

खुश रहो ललित बच्चा पर कुछ दुष्ट साधुओं की सांगत से बचो!!!

  खुला सांड !!

13 January 2010 at 19:28

आपकी लंगोट मिली या नहीं!! !

  खुला सांड !!

13 January 2010 at 19:29

अभी गुफा में जाना होगा नहीं तो लंगोटा नन्द बाहर निकल आयेगा!!!

  Murari Pareek

13 January 2010 at 19:31

यहाँ खाली संड्नाथ ही हैं या कोई और भी है !! !

  अंजना

13 January 2010 at 19:31

internet explorer है

  Murari Pareek

13 January 2010 at 19:32

anjanaa ji google chrome download kar lijiye!! !

  Murari Pareek

13 January 2010 at 19:33

sangeetaji aag taapne baith gayi hain!!!

  अंजना

13 January 2010 at 19:39

शुक्रिया मुरारी जी

  श्री श्री बाबा शठाधीश जी महाराज

13 January 2010 at 19:40

अलख निरंजन बच्चा लोग
लोहड़ी की बधाई-आज हमारे धुणे पे आणा
चिलम परसाद लेकर जाणा।

  अंजना

13 January 2010 at 19:42

मुरारी जी कहं देखे आप ने मेरे दांत मैणे ता मालूम न्

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 19:42

अंजना जी, पहले हम भी इन्टरनैट एक्स्पलोरर ही इस्तेमाल किया करते थे। हमें भी कईं ब्लागस,साईटों पर यही समस्या आती है....बाद में किसी के कहने पर गूगल क्रोम ओर मोजिला दोनो इस्तेमाल कर रहे हैं...उसके बाद से आज तक कभी ऎसी कोई परेशानी नहीं हुई ।
आप एक बार किसी अन्य ब्राऊजर का प्रयोग करके देखें...हमारी मानें तो गूगल क्रोम बैस्ट है।

  श्री श्री बाबा शठाधीश जी महाराज

13 January 2010 at 19:43

सांड नाथ बच्चा
नकली साधु बनगे वो लंगोटी चोर लंगोटानंद सबको चुना लगा रहा है। आज तो उसने गजब कर दिया।
जरा उसको धमका के आना तो। कह देना गुरुजी के आने से पहले अपना बोरिया बिस्तर बांध ले। नही तो अनर्थ हो जाएगा।

  अंजना

13 January 2010 at 19:44

सभी आग ताप गये मैणे ता भूल गयो

  श्री श्री बाबा शठाधीश जी महाराज

13 January 2010 at 19:46

बच्चा वत्स कैसे हो?
एक लंगोटी का दान तो कर दो, हमारी लंगोटी चोरी हो गयी है। कल संक्राति है। बहुत लाभ मिलेगा।

  अंजना

13 January 2010 at 19:49

गूगल क्रोम ही इस्तमाल करेगे पंडित जी ,शुक्रिया

  Pt. D.K. Sharma "Vatsa"

13 January 2010 at 19:53

शठाधीश जी, लंगोटियों की क्या बात है...एक क्या दस-बीस ले देते हैं। हर रोज बदलते रहना...लेकिन इसके लिए आपको यहाँ लुधियाना आना पडेगा...यहाँ लंगोटियों की बडी भारी सेल लगी हुई है..उसमें से अपने मनपसंद रंगों की जितनी चाहे छाँट लेना...पैसे हम दे देंगें :)

  Murari Pareek

13 January 2010 at 19:57

babaji pranaam!!!

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 19:59

हम फायरफोक्स का इस्तेमाल करते हैं. :)

  अंजना

13 January 2010 at 20:00

बाबा जी प्रणाम ।

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 20:00

शठाधीश बहुत दिनों बाद दिखे...

  Murari Pareek

13 January 2010 at 20:01

आज के लिए इतना ही सब्बा खैर गुड नाईट शुब रात्रि और बो नुई !! !

  अंजना

13 January 2010 at 20:02

शठाधीश से हम परिचत नही है कौन है ?

  Murari Pareek

13 January 2010 at 20:04

ष्ठाधिश्जी बाबाजी हैं अंजना जी

  अंजना

13 January 2010 at 20:14

यह चित्र चिडियाघर के अंदर घोडा और शेरनी का है।

  अंजना

13 January 2010 at 20:16

अच्छा जी राम राम कल मिलते है। जल्दी है जरा

  संगीता पुरी

13 January 2010 at 20:45

लोहडी के एक कार्यक्रम में आज शरीक नहीं हो पायी .. यहां खुद को देखकर अच्‍छा लगा !!

  संगीता पुरी

13 January 2010 at 20:49

रामप्‍यारी को तो सोफा मिल गया है !!

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 21:13

संगीता जी भी अलाव ताप रही हैं...चाय कैसी लगी??

  संगीता पुरी

13 January 2010 at 21:20

जबसे चीनी महंगी हो गयी है .. चाय में एक चौथाई चम्‍मचसे अधिक डालने की हिम्‍मत ही नहीं पड रही .. आज मीठी चाय पीकर मन खुश हुआ है !!

  डाँ. झटका..

13 January 2010 at 21:23

जरुरी सूचना :

मकर सक्रांति एवम लहडी पर्व की स्पेशल मिठाई भी अति शीघ्र अलाव पर पहुंच रही है. कृपया खाकर ही जायें!

धन्यवाद.

  Udan Tashtari

13 January 2010 at 21:38

हम तो ड्यूटि पर बैठे ही हैं!!!

  दिनेशराय द्विवेदी

13 January 2010 at 21:44

बस जी जरा जी जरा भोजन कर के डेयरी से दूध लेने गया था। रास्ते में लोहड़ी के अलाव दिखे। लेकिन रेवड़ी मूंगफली न मिली। हाँ महेन्द्र नेह के यहाँ गया था वहाँ गजक जरूर खाई है। कल बड़ी सँकराँत है। हर साल की तरह कल हाड़ौती भाषा की पोस्ट होगी। कुछ उस का इंतजाम कर के लाया हूँ कि कुछ अनूठी खिचड़ी परोसी जाए।
सब को राम राम। लोहड़ी ताप ली है। अब प्रेम से रात को नींद निकालो और तैयार हो जाओ सुबह सँकराँत के लिए। पतंगे और मंजे तैयार रखना। और गिल्ली ड़ंडा भी कल खूब पतंगें काटने और गिल्ली डंडे में अच्छे अच्छों को पदाने की योजना बनाई है।

  डाँ. झटका..

13 January 2010 at 22:02

माननिय बहनों और भाईयों :

विनम्र निवेदन है कि अब आप अलाव पर पधारें और मुंह मीठा करें. मिठाई की टेबल लग चुकी हैं.

आप सभी को लोहडी और मकर सक्रांति की हार्दिक बधाईयां!

  Alpana Verma

14 January 2010 at 09:10

वाह !लोहड़ी खूब मनाई सब ने!
बहुत ही बढ़िया मिठाईयाँ हैं!
लोहड़ी aur'मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ.
Raampyari Mam aur taauji dot com ko dhnywaad.

  संगीता पुरी

14 January 2010 at 10:43

अल्‍पना जी .. बहुत देर से आयी मिठाई .. हम तो चाय पीकर ही तृप्‍त हो गए थे !!

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