बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका आयोजक के बतौर हार्दिक स्वागत करता हूं.
आपका इस खेल को संचालित करने मे मुझे पुर्ण सहयोग मिलता आया है और उम्मीद करता हूं कि अब आने वाले दिनों में भी मिलता रहेगा. और मुझे आपका सहयोग लगेगा ही, क्योंकि मेरी सजा पूरी होने के पहले ही आप लोग मुझे नई सजा दिलवा देते हैं. लगता है अब मुझे आयोजक की भूमिका मे ही आप लोग ज्यादा पसंद करते हैं. जैसी आपकी इच्छा.
इस खेल मे आप लोगो के सहयोग से रोचकता बरकरार है. सभी इसका आनंद ले रहें हैं. आगे भी लेते रहें. तो आईये अब आज का बहुत ही आसान सवाल आपको बताते हैं :-
नीचे का चित्र देखिये और बताईये कि ये कौन है?

तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. इसका जवाब कल शाम को 4:00 तक आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" देंगे. आज मैं और डाक्टर झटका खेल दौरान आपके साथ रहेंगे.
"बकरा बनाओ और बकरा मेकर बनो"
टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.
29 comments:
21 January 2010 at 18:02
martina novrotova
21 January 2010 at 18:03
आदाब नमस्कार सासरिया काल जय रामजी की उपस्थित सभी को !!
21 January 2010 at 18:06
martina navratilova
21 January 2010 at 18:06
aaj ki jeet pakki aur koi hai hi nahi
21 January 2010 at 18:11
इतना सन्नाटा क्यूँ है भा....इ !!! मुझे डर लग रहा है !!!
21 January 2010 at 18:11
समीरलाल जी के जैसे ही मियाँ मुरारी लाल को भी पहेली आयोजक बनाया जाए....वर्ना इनके रहते हमारे जैसा भला आदमी तो पहेली जीतने के बारे में सोच ही नहीं सकता :)
21 January 2010 at 18:12
हंटरवाली
21 January 2010 at 18:14
martina navratilova
murari babu mubarak ho.
sabi upasthit sajjano, deviyon ko namaskar.
21 January 2010 at 18:16
मोनिका लेवेन्स्की है।
21 January 2010 at 18:17
मुरारी जी, पंडित जी, काजल कुमार जी, रेखा जी को नमन
21 January 2010 at 18:18
राम राम ललित जी...
21 January 2010 at 18:20
badi der aaye saab log!!!
21 January 2010 at 18:20
पंडित जी हमारे निवेदन पर विचार किया कि नही?
21 January 2010 at 18:22
ललित जी,
आज हम फ्री हैं..रात को 10 बजे के बाद जीमेल पर मिलते हैं....
21 January 2010 at 18:24
ठीक है प्रभु तब अब मै चल्ता हुँ
आज की चर्चा लिख लेता हुँ नही तो रात को विलंब हो जाता है।
21 January 2010 at 18:40
हम भी चलते हैं......
लेकिन जवाब तो देते चलें....
मार्टिना नवरातिनोवा....
21 January 2010 at 18:52
मैं यहीं हूँ...वो थोड़ा गली की तरफ चैक करने गया था.
सबको प्रणाम!!
21 January 2010 at 18:54
बाकी इत्ते सारे एबसेन्ट???
21 January 2010 at 18:55
मार्टिना नवरातिनोवा....
21 January 2010 at 18:56
समीर भाई-सब आपके विलंब से आने का परिणाम है। राम प्यारी कुछ दंड विधान किया जाए आयोजक के लिए।
21 January 2010 at 18:59
ललित भाई, आ गया था जल्दी...वो पहेली दरवाजे के बाहर खड़खड़ सुनाई दी तो चैक करने चला गया था. :)
प्रणाम करता हूँ...अब सजा में बचा ही क्या है..
लाईफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड....की सारी जिन्दगी आयोजक रहेंगे समीर लाल. :)
21 January 2010 at 19:02
sameerji raam raam
21 January 2010 at 19:04
राम राम मुरारी जी...
बताओ, सबको सुबह से शाम तक यहाँ नमस्ते करता हूँ और सब ही मेरी सजा बढ़वाने में लगे हैं. कुछ करो!!
21 January 2010 at 19:07
sajaa aapko kaise hogi !! aap to prayojak hain!!
21 January 2010 at 19:10
good night sameerji ab chalte hain!!!
21 January 2010 at 19:11
ये भी चले..शुभरात्रि!!
21 January 2010 at 19:12
हमारी तो ड्यूटि है...हमें तो रहना ही हाजिरी में...
21 January 2010 at 20:40
गूगल बाबा की जय हो...!!!!!
मार्टिना नवरातिलोवा (martina navratilova)
21 January 2010 at 20:57
जय हो!!
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