बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका आयोजक के बतौर हार्दिक स्वागत करता हूं.
आपका इस खेल को संचालित करने मे मुझे पुर्ण सहयोग मिलता आया है और उम्मीद करता हूं कि अब आने वाले दिनों में भी मिलता रहेगा. और मुझे आपका सहयोग लगेगा ही, क्योंकि मेरी सजा पूरी होने के पहले ही आप लोग मुझे नई सजा दिलवा देते हैं. लगता है अब मुझे आयोजक की भूमिका मे ही आप लोग ज्यादा पसंद करते हैं. जैसी आपकी इच्छा.
इस खेल मे आप लोगो के सहयोग से रोचकता बरकरार है. सभी इसका आनंद ले रहें हैं. आगे भी लेते रहें. तो आईये अब आज का बहुत ही आसान सवाल आपको बताते हैं :-
नीचे का चित्र देखिये और बताईये कि ये कौन है?

तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. इसका जवाब कल शाम को 4:00 तक आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" देंगे. आज मैं और डाक्टर झटका खेल दौरान आपके साथ रहेंगे.
"बकरा बनाओ और बकरा मेकर बनो"
टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.
62 comments:
24 January 2010 at 18:08
कुत्ता है।
24 January 2010 at 18:10
मिल गया जी मुझे लिंक मिल गया. बकरी और गधा लोक किया जाये.
24 January 2010 at 18:14
मकंरद राम राम
24 January 2010 at 18:17
कुत्ता ओर बिल्ली है
24 January 2010 at 18:20
आपका इस खेल को संचालित करने मे मुझे पुर्ण सहयोग मिलता आया है और उम्मीद करता हूं कि अब आने वाले दिनों में भी मिलता रहेगा
सहयोग की फिक्र मत कीजिए...सहयोग तो हम आपका मरते दम तक करने को तैयार हैं :)
24 January 2010 at 18:21
आदमी और बिल्ली हैं!
24 January 2010 at 18:31
दो कुत्ते हैं....
24 January 2010 at 18:45
सभी उपस्थितों को प्रणाम!!
24 January 2010 at 18:51
सभी को राम राम
24 January 2010 at 18:51
मकरंद ने बकरी बहुत गजब का पहचाना.
24 January 2010 at 18:52
अन्जना जी
कल आप जीती??
अभी मैने देखा नहीं है..
24 January 2010 at 18:52
हिंट देना समीर जी जरा
24 January 2010 at 18:53
सभीको नमस्ते. आज छुट्टी है.
24 January 2010 at 18:54
लिंक दूं क्या?
24 January 2010 at 18:54
आज सभी लोग कहां गये?
24 January 2010 at 18:54
अरे वाह मकरंद..आज छुट्टी है. अन्जना आंटी को हिंट देना बेटा जरा...एकाध चॉकलेट तो दे ही देंगी..
24 January 2010 at 18:55
जी समीर जी बहुत खुशी हुई कि चलो हम भी जीत ही गये
24 January 2010 at 18:57
अंजना आंटी नमस्ते
24 January 2010 at 18:58
मकरंद से मदद ले लिजिये...बड़े सस्ते में हेल्प कर देता है बच्चा!!
24 January 2010 at 18:58
एक आध क्यो पूरा चाँकलेट का डिब्बा दे देगे मकंरद को, हिंट पता तो चल जाये
24 January 2010 at 18:59
आंटी लिंक चाहिये तो दे सकता हूं. बांये बकरी है और दांये गधा है.
24 January 2010 at 19:00
मकंरद हिंट बताना जरा
24 January 2010 at 19:00
सर्टिफिकेट
मकरंद बहुत इन्टेलिजेन्ट एवं उतना ही बदमाश है.
समिति
24 January 2010 at 19:03
अब पहेली तो आप लोग जीतने दोगे नहीं तो सोचा कि क्यों न विज्ञापनबाजी कर के ही अपने बहुमूल्य समय की थोडी कीमत वसूल कर ली जाए :)
27 जनवरी के पश्चात मौसम में हल्का सा सुधार किन्तु प्रबल शीतलहर से पूर्ण मुक्ति 6 फरवरी के बाद ही.........
24 January 2010 at 19:05
फ्री फंड वाले विज्ञापन बहुत आने लगे हैं भई आजकल डॉ झटका??
24 January 2010 at 19:11
ये विज्ञापन referral program के तहत किए जा रहे हैं...लेकिन क्या फायदा..विज्ञापन देखकर भी कोई झांकने नहीं आता :)
24 January 2010 at 19:13
बाबा कायलदास को अभी अभी देखा सर्च करते समय ये तो हमारे समीर जी जैसे लगत है :-)
24 January 2010 at 19:15
अरे हमने तो देखा ही नहीं..जरा लिंक दिजिये बाबा कायलदास का...
24 January 2010 at 19:16
पंडित जी....विज्ञापन जोरों से करिये...तब जनता आयेगी...
24 January 2010 at 19:21
पंडित जी, आपके ईमेल का इन्तजार करुँ या फोन लगा लूँ...:)
24 January 2010 at 19:22
घणी घणी राम राम सभी जणाँ और और जण्याँ के ताईँ।
म्हँने तो भैस लागै।
24 January 2010 at 19:22
अब से "pay-per-click" स्कीम शुरू करते हैं :)
24 January 2010 at 19:23
समीर जी,ठीक 8 बजे के बाद मेल करता हूँ...तनिक प्रतीक्षा कीजिए :)
24 January 2010 at 19:25
सभी को नमस्कार
24 January 2010 at 19:26
पे पर क्लिक में पहले तो इनाम बांटने पड़ेगे...मुझसे शुरु करिये..पहला इनाम मुझे दे दिजिये कि इनके सबसे ज्यादा क्लिक रहे...११०० रुपये इनाम दिया जाता है...फिर लोग शुरु हो जायेंगे... :)
24 January 2010 at 19:27
वकील साहब...भैंस??
सबको राम राम!!
24 January 2010 at 19:30
जब जवाब दिया ही जा चुका है तो हम क्यो दे
24 January 2010 at 19:33
taau.taau.in/2009/10/blog-post_28.html
24 January 2010 at 19:35
हाँ अन्जना जी, मुझे ही घेरा गया है वहाँ. :)
जबाब की कोशिश तो जारी रहना चाहिये...किसे मालूम कि सही जबाब आया या नहीं.
24 January 2010 at 19:35
आप हमारी खातिर इतना तो कर ही सकते हैं कि एक सर्टीफिकेट ओर फर्जी से चैक की फोटोकापी अपने ब्लाग पर टाँग कर बाकी लोगों को गुमराह (प्रेरित) कर सकें :)
24 January 2010 at 19:38
समीर जी हम जरा बाबा जी के अमृ्त प्रवचन का पाठ पढ रहे थे :-)
24 January 2010 at 19:39
पता नहीं लोगों को कुत्ते, गधों में इतना आनन्द क्यों आता है....हर तीसरी पहेली या तो कुत्ते पर होगी या गधे पर :)
24 January 2010 at 19:40
कुत्ता बिल्ली है
24 January 2010 at 19:40
सही जबाब आया है या नहीं इस के लिए जरा हिंट तो दो
24 January 2010 at 19:43
अन्जना जी
ज्यादा धार्मिकता जागे तो यहाँ जायें:
http://sameeranandbaba.blogspot.com/
24 January 2010 at 19:43
महाराज कुत्ते और गध्हे से खास प्यार होगा लोगो को
24 January 2010 at 19:44
वो तो डॉक्टर झटका दे पायेंगे हिंट..
24 January 2010 at 19:44
यशवंत भाई
यहाँ समस्त जीवों को बराबर सम्मान दिया जाता है. :)
24 January 2010 at 19:45
कमाल है! इन्सानों की तो किसी को फिक्र नहीं ओर कुत्ते, गधों पर स्नेह बरसाया जा रहा है :)
24 January 2010 at 19:46
भइया आज तक समझ नही आया बाबा लोग आन्नद क्यो लगाते है????
24 January 2010 at 19:47
हा..हा...हा...हा...
24 January 2010 at 19:48
एक सासु अपनी बहु से बोली
मेरा बेटा शादी से पहले कुत्ता था, शादी के बाद गधा हो गया
24 January 2010 at 19:49
गलत बात्! बराबर सम्मान कहाँ दिया जा रहा है...आपने तो पहेली में भी गधे,कुत्तों को आरक्षण दिया हुआ हैं :)
24 January 2010 at 19:50
भैया गरमागरम चाय आई हैं
किसी को पीनी हैं????
24 January 2010 at 19:50
मेहता जी,
फर्क क्या पडा?....रहा तो फिर भी जानवर ही :)
24 January 2010 at 19:51
डॉक्टर झटका जी कहाँ है आप देखो यहाँ क्या हो रहा है....
24 January 2010 at 19:56
डॉक्टर झटका जी कही रामप्यारी के साथ तो नही चले गये पिच्चर देखने :-)
24 January 2010 at 20:19
कृप्या प्रिया जानवरों का अपमान न करें..
हे प्रभु, इन्हें माफ करना. ये नहीं जानते कि यह क्या कह रहे हैं.
24 January 2010 at 20:28
बेचारा कुत्ता, बेचारा गधा...कितने भोले जीव हैं.
25 January 2010 at 00:26
है तो कोई फोटो ही ;)
25 January 2010 at 09:38
kutta aur khargosh
25 January 2010 at 09:40
kutta aur khargosh
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