बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका आयोजक के बतौर हार्दिक स्वागत करता हूं.
आपका इस खेल को संचालित करने मे मुझे पुर्ण सहयोग मिलता आया है और उम्मीद करता हूं कि अब आने वाले दिनों में भी मिलता रहेगा. और मुझे आपका सहयोग लगेगा ही, क्योंकि मेरी सजा पूरी होने के पहले ही आप लोग मुझे नई सजा दिलवा देते हैं. लगता है अब मुझे आयोजक की भूमिका मे ही आप लोग ज्यादा पसंद करते हैं. जैसी आपकी इच्छा.
इस खेल मे आप लोगो के सहयोग से रोचकता बरकरार है. सभी इसका आनंद ले रहें हैं. आगे भी लेते रहें. तो आईये अब आज का बहुत ही आसान सवाल आपको बताते हैं :-
नीचे का चित्र देखिये और बताईये कि ये क्या है?

तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. इसका जवाब कल शाम को 4:00 तक आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" देंगे. आज मैं और डाक्टर झटका खेल दौरान आपके साथ रहेंगे.
"बकरा बनाओ और बकरा मेकर बनो"
टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.
58 comments:
25 January 2010 at 18:06
cactus
25 January 2010 at 18:10
मगर मच्छ की पूंछ .......
25 January 2010 at 18:10
कैक्टस का पेड़ ...........
25 January 2010 at 18:10
काँटे दार झाड़ी .........
25 January 2010 at 18:12
प्रणाम विशाल जी एवं महाराज दिगम्बर!!
25 January 2010 at 18:17
aaj sirf prnaam sabhi ko !!!
25 January 2010 at 18:17
ram ram sabko..cactus hi lag raha hai ye to.
25 January 2010 at 18:17
Thorny Devil (Moloch horridus) is an Australian lizard. It is also known as the Thorny Dragon, Mountain Devil, Thorny Lizard, or the Moloch and is the sole species of genus Moloch.
hufffff, namaskar sabhiko.
25 January 2010 at 18:17
कैक्टस
25 January 2010 at 18:18
jaate jaate rekhji o badhaai
25 January 2010 at 18:20
सभी को प्रणाम...आज मुरारी बाबू कहाँ भाग चले इतना जल्दी.
25 January 2010 at 18:25
सभी को मेरा राम-राम !
25 January 2010 at 18:26
छिपकली
25 January 2010 at 18:26
ड्रेगॉन की पूंछ भी हो सकती है ...........
25 January 2010 at 18:27
गोदियाल जी की जय!
25 January 2010 at 18:27
Sameer bhai raam raam ........
25 January 2010 at 18:27
समीर जी को दंडवत प्रणाम !
25 January 2010 at 18:28
:) :)
सबके लिए...हा हा
25 January 2010 at 18:28
नास्वा जी को भी प्रणाम !
25 January 2010 at 18:29
नासवा जी कम ही नजर आते हैं...बहुत व्यस्त जन्तु हैं. :)
25 January 2010 at 18:30
ओह्ह आज आ पाये और हम पहेली ढूँढते ही रह गये...बाज़ी रेखा जी मार ले गईं:( यह तो ऑस्ट्रेलिया की छिपकली ही है जी। सभी को नमस्कार...और स्वतंत्रता दीवस की शुभकामनायें
25 January 2010 at 18:30
कांटेदार शैतान ऑस्ट्रेलियाई छिपकली है।
25 January 2010 at 18:31
sabako namaskaar aur bye apun ka time khatam hua...chalte hain...bye
25 January 2010 at 18:31
क्या सुनीता...अब २६ को स्वतंत्रता दिवस मनाओगी???????????????????????????????????
25 January 2010 at 18:31
सभी को राम राम
25 January 2010 at 18:32
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दो तो काम बनें.
25 January 2010 at 18:33
गौदियाल जी नमस्कार ....... सभी को नमस्कार ..........
25 January 2010 at 18:33
मैंने तो सभी मित्रों को अलग से भी गणतंत्र की शुभकामनाये दे दी है !
25 January 2010 at 18:34
सभी को २६ जनवरी की हार्दिक शुभकामनाएँ ...........
25 January 2010 at 18:35
रेखा जी आज देर हो गई और हैट्रिक का चांस हाथ से गया आप ने बाजी ले ली। :-(
25 January 2010 at 18:36
अलग से देने के बाद भी एक बार और सही..:)
25 January 2010 at 18:36
ह्ह्ह्ह आजकल समीर भाई मेरे दिमाग का बल्ब फ़्यूज हो गया है...दो महिने बाद परीक्षा हैं बस कुछ और नजर नही आ रहा। अतः सभी क्षमा करें...गंणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं कुबूल करेंजी...:)
25 January 2010 at 18:36
अंजना जी, फिर भी कोशिश तो जारी रखें....:)
25 January 2010 at 18:38
सभी विद्वजनों को नमस्कार!!!
25 January 2010 at 18:38
pranaam sir ji
25 January 2010 at 18:38
परीक्षा में भी ऐसे ही न लिख आना जी...जरा संभाल कर.
25 January 2010 at 18:39
गणतंतर दिवस की फैली संझ्या की घणी घणी राम-राम!
मनें तो यो लंकापति रावण का अनुचर को हथियार लागे छे।
25 January 2010 at 18:39
अच्छा जी राम राम अब चलते है ।बोझिल मन ले जा रहे है इस मंच से :-(
25 January 2010 at 18:39
प्रणाम पंडित जी...विद्वजनों में शामिल करने का आभार. :)
25 January 2010 at 18:40
जिस दिन पहेली आसान होती है....उस दिन आने में देरी हो ही जाती है
25 January 2010 at 18:40
अजी अन्जना जी खुशी खुशी....अभी पहेलियाँ तो चलती ही रहेंगी.
वकील साहेब को प्रणाम
25 January 2010 at 18:41
समीर जी, मेल बाक्स चैक किया ?
25 January 2010 at 18:42
जी, अभी वही देख रहा था. आभार!!!
25 January 2010 at 18:44
ये क्या हो रहा है?
ये कैसा मजमा लगा रखा है भाई!
25 January 2010 at 18:44
समीर जी जीत के इतने करीब थे तो दुख तो होता है ना
25 January 2010 at 18:44
बस आपकी शुभकामनाएं और स्नेह बनाये रखिये बाकी तो...राम ही राखे...:)
25 January 2010 at 18:44
ठीक है।
25 January 2010 at 18:46
Thorny Devil
25 January 2010 at 18:50
सो तो है...मगर चलता है.
25 January 2010 at 18:55
नाम ही अनाम...वाह! नमस्कार!
25 January 2010 at 18:56
अच्छी बात है!
25 January 2010 at 18:56
खैर कोई बात नही ।आज तो दिल से एक दर्द भरी कविता उमड रही है जो लिखने जा रहे है डायरी मे।कल के गणतंत्र दिवस की सभी को बहुत बहुत शुभकामनाये ।
25 January 2010 at 18:57
नमस्कार जी. आप कोन साहब हैं?
25 January 2010 at 19:09
जी, मैं तो यहाँ का अदना सा आयोजक बना हूँ सजा के तहत!! :)
25 January 2010 at 19:15
सजा?????
क्या यहाँ गलत जवाब देने पर सजा भी मिलती है. गर ऎसा है तो हम तो आज के बाद इस पहेली में कभी हिस्सा नहीं लेंगें. माफ कीजिए हमें.
25 January 2010 at 19:16
गलत जबाब पर तो सजा नहीं मिलती मगर लिंक देने, भड़काने, उटपटांग व्यवहार पर जरुर सजा मिलती है. उसके लिए तो सतर्क रहना पड़ेगा.
25 January 2010 at 19:32
तो फिर ठीक है श्रीमान. तब तो हम भी पहेली में शामिल होकर दुनिया के रंगों को करीब से देखना चाहेंगें.
25 January 2010 at 19:36
जरुर, स्वागत है. नियमित आईये.
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