नमस्कार दोस्तों. मैं आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" आज सुबह की दिमागी कसरत की कक्षा मे आपका स्वागत करता हूं. आप अगर मेरी क्लास में नियमित आते रहे तो आपका दिमाग बिल्कुल मेरी तरह यानि तेज कैंची की तरह चलने लगेगा. तो आज हम आपको एक बिल्कुल सीधा सा सवाल दे रहे हैं. इसे हल करके जवाब दिजिये. फ़िर हम आपकी कापी चेक करके बतायेंगे कि आपके दिमाग की कसरत कितनी हुई?
एक थाल मोती से भरा। सबके सिर पर औंधा धरा।
चारों ओर वह थाली फिरे। मोती उससे एक न गिरे॥
तो फ़टाफ़ट जवाब दिजिये!
8 comments:
8 January 2010 at 08:14
तारों से भरा आसमान!!
8 January 2010 at 08:14
सॉरी....
जबाब है:
तारों से भरा आसमान!!
Ha Ha, regards!!
8 January 2010 at 08:38
@ समीरजी , इतनी आसान पहेली का हल हम जैसे भेजाविहिनों को ही देने दिया होता ...:):)
8 January 2010 at 08:40
बचपन से सुनते आ रहे हैं .. इतनी आसान पहेली !!
8 January 2010 at 08:44
रात होने पर देख कर बताते हैं कि आसमान तारों भरा है या नहीं?
8 January 2010 at 08:47
सॉरी....
जबाब है:
तारों से भरा आसमान!!
Ha Ha, regards!!
(हा हा हा हा हा आज मिला हमे भी मौका copy oaste ka )हा हा हा हा हा
8 January 2010 at 09:34
समीर जी ने पहले ही जबाब दे दिया -
तारों से भरा आसमान
8 January 2010 at 10:47
तरों से भरा आसमान ये समीर जी भी तडके ही उठ जाते हैं सब से पहले आ धमकते हैं। एक आध पहएली हम जैसे नालायकों के लिये भी छोड दिया करें?
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