ताऊ की चौपाल मे : दिमागी कसरत - 59


नमस्कार दोस्तों. मैं आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" आज सुबह की दिमागी कसरत की कक्षा मे आपका स्वागत करता हूं. आप अगर मेरी क्लास में नियमित आते रहे तो आपका दिमाग बिल्कुल मेरी तरह यानि तेज कैंची की तरह चलने लगेगा. तो आज हम आपको एक बिल्कुल सीधा सा सवाल पूछ रहे हैं. इसका जवाब दिजिये. फ़िर हम आपकी कापी चेक करके बतायेंगे कि आपके दिमाग की कसरत कितनी हुई?

सवाल यह रहा :-


आप किसी जंगल में कितनी दूर तक अंदर जा सकते हैं?


तो फ़टाफ़ट जवाब दिजिये!

19 comments:

  मोहसिन

27 January 2010 at 08:07

MERE KHAYAL SE JUNGLE ME DUR TAK TO JAYA JA SAKTA HAI PAR ANDAR NAHI.

  Anonymous

27 January 2010 at 08:08

?? swaal samjh me nahi aaya:(

  Sadhana Vaid

27 January 2010 at 08:08

जितना बडा जंगल हो | पहले छोर से आख़िरी छोर तक |

  Anonymous

27 January 2010 at 08:09

jangal aur andar?

  Sadhana Vaid

27 January 2010 at 08:26

आज का सवाल मजेदार है | जंगल में अंदर जाने की तो कोई सीमा नहीं है बशर्ते जंगली जानवर जाने के लिए जीवित छोड़े | ज़िंदा रहे तो जंगल तो पार कर ही लेंगे |

  Udan Tashtari

27 January 2010 at 08:39

बहुत दूर तक... :)

  Udan Tashtari

27 January 2010 at 08:45

३.२५ किमी तक...फिर थक जायेंगे. :)

  दिनेशराय द्विवेदी

27 January 2010 at 09:09

जंगल के मध्य तक जा सकता हूँ। उसके बाद तो जंगल की दूरी कम होने लगेगी।

  निर्मला कपिला

27 January 2010 at 09:13

बस कुछ कदम

  seema gupta

27 January 2010 at 09:52

kuch confusion hai????

regards

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

27 January 2010 at 10:07

जहां तक चलने के लिए बाधारहित रास्ता मिले,

  संगीता पुरी

27 January 2010 at 10:08

इस सवाल में दिमाग के कसरत की जगह भी नहीं !!

  अंजना

27 January 2010 at 10:59

जहाँ तक आँखे जवाब दे।

  अंजना

27 January 2010 at 11:31

जवाब है:-जितनी दूर तक जंगल ले जाये।

  मोहसिन

27 January 2010 at 14:28

जितनी इच्छा । ये जंगल में जाने वाले व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है।

  अन्तर सोहिल

27 January 2010 at 15:34

हम तो उतनी दूर तक जा पायेंगें जी जहां तक गाईड ले कर जायेगा :)

प्रणाम

  seema gupta

27 January 2010 at 16:38

आधे जंगल तक ही अंदर जासकते हैं, उसके बाद तो बाहर निकल रहे होंगे.:)

regards

  दिगम्बर नासवा

27 January 2010 at 18:23

This comment has been removed by the author.
  दिगम्बर नासवा

27 January 2010 at 18:24

pahle aadhe raste tak andar .... doosra aadha rasta baahar ...Seema ji ka jawaab sahi lag raha hai ....

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