नमस्कार दोस्तों. मैं आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" आज सुबह की दिमागी कसरत की कक्षा मे आपका स्वागत करता हूं. आप अगर मेरी क्लास में नियमित आते रहे तो आपका दिमाग बिल्कुल मेरी तरह यानि तेज कैंची की तरह चलने लगेगा. तो आज हम आपको एक बिल्कुल सीधा सा सवाल पूछ रहे हैं. इसका जवाब दिजिये. फ़िर हम आपकी कापी चेक करके बतायेंगे कि आपके दिमाग की कसरत कितनी हुई?
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सितार बजा न क्यों...?
औरत नहाई न क्यों...?
तो फ़टाफ़ट जवाब दिजिये!
9 comments:
30 January 2010 at 08:04
पर्दा न था
30 January 2010 at 08:09
सितार में परदा (Wire Fret) मेटल से बनी मुड़ी हुई छड़ को कहते हैं जो डन्डी पर लगी रहती है
30 January 2010 at 08:14
पा नी नहीं था इसलिए सितार नहीं बजा |
पानी नहीं था इसलिए औरत नहीं नहाई |
30 January 2010 at 08:24
- परदा न था।
regards
30 January 2010 at 08:25
उत्तर - परदा न था। सितार के डाँड पर स, रे, ग, म आदि बजाने के लिए धातु के मोटे तार या ताँत से बँधे रहते हैं। इनकी संख्या प्राय: १३, १६, या १९ होती है। इन्हें परदा कहते हैं। इसके बिना सितार नहीं बज सकता। औरत के संबंध में पर्दा का अर्थ है, शरीर ढकने के लिए कपड़े का पर्दा। खुसरो के समय में आजकल की तरह स्नान घर नहीं होते थे। उन दिनों लोग नहाते समय, कपड़े का पर्दा लगाया करते थे।
regards
30 January 2010 at 08:38
साधना जी को बधाई...शायद!! :)
30 January 2010 at 10:03
हा-हा-हा-हा-हा उपरोक्त दोनों ही उत्तर 'श्रेष्ठ' है हा-हा-हा !
30 January 2010 at 10:06
मैं तो कहूँगा कि ठण्ड बहुत थी !इसलिए पंच्स्नान से ही काम चला लिया !:)
30 January 2010 at 11:07
ठंद इतनी है सितार कौन बजाये और कौन नहाये इस लिये दोनो दुबके रहे
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