बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका आयोजक के बतौर हार्दिक स्वागत करता हूं.
जैसा कि आप जानते हैं कि अब खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी का आयोजन सिर्फ़ मंगलवार और शुक्रवार शाम को 6:00 PM पर किया जाने लगा है. आईये अब खेल शुरु करते हैं.
नीचे का चित्र देखिये और बताईये कि यह लहसुन के खेत के बीच मे कौन छुपा बैठा है?
तो अब फ़टाफ़ट जवाब दिजिये. आज मैं और डाक्टर झटका खेल दौरान आपके साथ रहेंगे.
टिप्पणियों मे लिंक देना कतई मना है..इससे फ़र्रुखाबादी खेल खराब हो जाता है. लिंक देने वाले पर कम से कम २१ टिप्पणियों का दंड है..अधिकतम की कोई सीमा नही है. इसलिये लिंक मत दिजिये.
26 comments:
19 February 2010 at 18:11
जैकाल या लोमड़ी
19 February 2010 at 18:12
गोदियाल जी राम राम
19 February 2010 at 18:14
गोदियाल जी रामराम.
19 February 2010 at 18:14
सभी को राम-राम !
19 February 2010 at 18:14
रामप्यारी-खाज वालो कु्करो दिखे सै।
19 February 2010 at 18:14
ललित अ
म्कल नमस्ते
19 February 2010 at 18:14
Lalit जी को भी,
19 February 2010 at 18:15
ताऊ जी को भी,
19 February 2010 at 18:15
डाक्टर झटका को bhee
19 February 2010 at 18:15
समीर लाल समीर जी को भी
19 February 2010 at 18:15
बच्चा मकरंद को भी
19 February 2010 at 18:15
एक बच्चा छुट्टी गया था अभी तक नहीं लौटा उन्हें भी !
19 February 2010 at 18:15
और अन्य सभी पधारने वाले महानुभाव को भी !
19 February 2010 at 18:16
मुझे तो ये लोमडी ही दिखती है.
19 February 2010 at 18:16
मकरंद को नमस्ते
19 February 2010 at 18:16
आज समीर अंकल नही दिखे?
19 February 2010 at 18:18
ललित जी प्रतियोगिता में कविता बहुत उत्तम थी !
19 February 2010 at 18:22
गोदियाल जी शुक्रिया आपको पसंद आई।
एक मत भी दे देना।
19 February 2010 at 18:53
जंगली कुत्ता है,
राम-राम
19 February 2010 at 19:07
भेदिया है.. नहीं तो बिल्ली पक्का...:)
19 February 2010 at 21:22
बकरा है जी!
19 February 2010 at 23:35
सभी को मेरा प्रणाम. जरा सी देर हो गई आने में.
19 February 2010 at 23:37
ललित भाई की प्रतियोगिता में फोटू क्या टंगी, मूंछ का स्टाईल ही बदल लिया और छुट्टी कुछ मोटे भी हो गये हैं. :)
20 February 2010 at 01:11
बकरा
20 February 2010 at 12:26
खेतो मैं कोई नही हैं यह तो software की मदद से चित्रों में फेर फार किया गया है
20 February 2010 at 14:02
पहाड़ी बकरा
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