ताऊ की चौपाल मे : दिमागी कसरत - 64


नमस्कार दोस्तों. मैं आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" आज सुबह की दिमागी कसरत की कक्षा मे आपका स्वागत करता हूं. आप अगर मेरी क्लास में नियमित आते रहे तो आपका दिमाग बिल्कुल मेरी तरह यानि तेज कैंची की तरह चलने लगेगा. तो आज हम आपको एक बिल्कुल सीधा सा सवाल पूछ रहे हैं. इसका जवाब दिजिये. फ़िर हम आपकी कापी चेक करके बतायेंगे कि आपके दिमाग की कसरत कितनी हुई?

सवाल यह रहा :-


-
अनार चखा न क्यों...?
वज़ीर रखा न क्यों...?



तो फ़टाफ़ट जवाब दिजिये!

17 comments:

  Anonymous

1 February 2010 at 08:05

दाना न था

  Anonymous

1 February 2010 at 08:07

दाना = बुद्धिमान
"हम कहां के दाना थे, किस हुनर में यकता थे..." ग़ालिब

  मोहसिन

1 February 2010 at 08:08

shayad paise nahi the isliye.

  Rahul Rathore

1 February 2010 at 08:09

"झूंठा" था |

  Udan Tashtari

1 February 2010 at 08:16

क्या पता !!

  Anonymous

1 February 2010 at 08:17

dono jo mitti ke bane hue khilone hai isliye;)

  Udan Tashtari

1 February 2010 at 08:19

दाना न था( अनार का दाना और दाना=बुद्धिमान)

  Udan Tashtari

1 February 2010 at 08:19

दाना न था( अनार का दाना और दाना=बुद्धिमान)

  Sadhana Vaid

1 February 2010 at 08:20

कच्चा था |
अनार कच्चालिये खाने योग्य नहीं था | वजीर अनुभवहीन था |

  seema gupta

1 February 2010 at 08:30

उत्तर— दाना न था( अनार का दाना और दाना=बुद्धिमान)

regards

  seema gupta

1 February 2010 at 08:31

उत्तर— दाना न था( अनार का दाना और दाना=बुद्धिमान)
regards

  Unknown

1 February 2010 at 10:17

शक्की और कंजूस होगा।

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

1 February 2010 at 10:45

मंदी की मार की वजह से,
महंगाई इतनी बढ़ गई, ऊपर से जो पैसे शेयर मार्केट में लगाये थे वो भी डूब गए और आपको मजाक सूझ रहा है :)

  किरण राजपुरोहित नितिला

1 February 2010 at 13:16

This comment has been removed by the author.
  किरण राजपुरोहित नितिला

1 February 2010 at 13:17

हर बात का कोई कारण थोड़ी होता है भाई साहब!
वैसे सच ही है दाना न था।

  shikha varshney

1 February 2010 at 17:38

are koi jaruri hai sab kaam kiye hi jayen :) vaise DANA NA THA

  RAJNISH PARIHAR

1 February 2010 at 22:31

tau,sahee me daana na tha...

Followers