गुडी पडवा एवम नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं : रामप्यारी


नव वर्ष और नवरात्र की हार्दिक बधाई
और शुभकामनाए.


आज उपवास में मैने
सिर्फ़ मलाई वाला
भैंस का दूध पिया
और
आराम से
नींद निकाल रही हूं.


भैंस का दूध बडा स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है.
बहुत जल्दी ही चमडी मोटी हो जाती है.


सादर

मिस. रामप्यारी

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फ़िर आगे जाकर कलम (brush) पर करियेगा.

आज शाम को 6:00 बजे खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी
के 200 वें अंक मे आपसे मुलाकात होगी.

तब तक के लिये रामराम.

10 comments:

  aarya

16 March 2010 at 13:05

भारतीय नववर्ष 2067 , युगाब्द 5112 व पावन नवरात्रि की शुभकामनाएं
रत्नेश त्रिपाठी

  पी.सी.गोदियाल "परचेत"

16 March 2010 at 13:23

Aapko aur Rampyari ko bhee !

  Alpana Verma

16 March 2010 at 13:26

kaun si kalam Rampyari??mujhe to koi kalam dikhaayee nahin de rahi..is tasveer mein to tum so rahi ho!
---
badhayee nav varsh ki tumhen bhi.

  Amitraghat

16 March 2010 at 14:09

This comment has been removed by the author.
  Amitraghat

16 March 2010 at 14:12

नव वर्ष की शुभकामनाएँ......हम भी आ गए आपके पास बिगड़ने के लिये....."
प्रणव सक्सैना
amitraghat.blogspot.com

  अन्तर सोहिल

16 March 2010 at 16:33

प्यारी प्यारी रामप्यारी
कितनी बार तेरी पूंछ पै चूहे नै पैर (हाथ)धरा
पर तू तो नूं की नूंए आंख मींचे पडी रही
इब के करां

जै राम जी की

  संजय भास्‍कर

16 March 2010 at 17:59

बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।

  Udan Tashtari

16 March 2010 at 18:56

आप को नव विक्रम सम्वत्सर-२०६७ और चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ .....

  डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

16 March 2010 at 20:52

बहुत बढ़िया!
भारतीय नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!

  अंजना

16 March 2010 at 23:23

नव विक्रम संवत-2067 और चैत्र नवरात्रि की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ .....
कलम का कमाल बहुत बढिया लगा ।पहले उछल कूद कर गमला तोड दिया फिर दूध पीकर मस्त सो गई।काश हमारे पास भी ऎसी कलम होती तो .....

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