प्रिय मित्रगणों,
"वैशाखनंदन सम्मान पुरस्कार प्रतियोगिता" के अंतर्गत आज पढिये श्री रामकृष्ण गौतम की व्यंग कविता
नाम : राम कृष्ण गौतम
पता : जबलपुर [मध्य प्रदेश]
मो. नं. : +919981782045
परिचय : मध्य प्रदेश के एक छोटे से खूबसूरत शहर
जबलपुर में नईदुनिया दैनिक अखबार में संवाददाता
और उप सम्पादक के रूप में पिछले तीन वर्षों से कार्यरत|
शिक्षा : पत्रकारिता में स्नातक|
ब्लॉग का पता : http://dhentenden.blogspot.com
हमारे पड़ोसी खन्ना जी
महिला आरक्षण को लेकर
रो रहे हैं...
पहले तो सिर्फ
खाना पकाते थे
अब, बेचारे
कपड़े भी धो रहे हैं...
11 comments:
26 March 2010 at 04:56
बहुत सटीक!!
26 March 2010 at 07:59
खन्ना जी से सहानुभूति.
26 March 2010 at 10:26
खन्ना जी क्या हम भी धो रहे हैं। ,.....क्या?..........कपड़े,
हा हा हा लाजवाब चित्रांकन
26 March 2010 at 10:41
badhiya kam shabd me ek khubsurat hasya kavita..badhai gautam ji
26 March 2010 at 12:19
हा हा हा लाजवाब
26 March 2010 at 18:08
bechare khanna ji :)
26 March 2010 at 20:57
इसी डर से तो महिला आरक्षण बिल पास नहीं हो रहा है हा ...हा ...
26 March 2010 at 21:43
हा हा हा लाजवाब....
27 March 2010 at 08:07
bahut mazedaar kavita likhi hai Ramkrishn aap ne.badhayee aur shubhkamnayen.
31 March 2010 at 14:16
apane kapade dhona bura hai kya? are to mere patidev bhi karte hain. bas mere hi nahin dhote hain.
5 April 2010 at 00:40
बहुत बहुत आभार!!
"राम"
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