प्रिय ब्लागर मित्रगणों,
आज वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में सुश्री सोनल रस्तोगी की रचना पढिये.
लेखिका परिचय
नाम-सोनल रस्तोगी
जन्मस्थान -फर्रुखाबाद
शिक्षा - पी.जी ,पत्रकारिता डिप्लोमा
शौक -नाटक,कविता कहानिया पढ़ना और लिखना
सारांश- महादेवी वर्मा की जन्मस्थली में साहित्य प्रेम के कीड़े ने काट खाया, बचपन से पढ़ लिख रहे है,बालसाहित्यकार के तौर पर कुछ रचनाये प्रकाशित.जीवन में computar के प्रवेश ने दिशा बदल दी ...पहले पढ़ा फिर पढ़ाया पिछले ५ सालों से गुडगाँव में इसी की कमाई खा रहे है.
हर मौसम में खिलने वाले प्रसून है हम
हाँ हाँ गर्मी से immune है हम
बिजली के जाते ही तुम तो
झट से कुम्हला जाते हो
वैरी हॉट -वैरी हॉट के नारे
जोर जोर से लगाते हो
हमसे पुछो २४ में से
४ घंटे ही तो पाई है
इससे ज्यादा बिजली की कृपा
हमारे गाँव में कब आई है
जब धार बहे पसीने की
तन से चिपके कुरते कमीज
मोक्ष सा आनंद पाया है
पंखे की डंडी से खुजा कर पीठ
सारी रात मछर का राग
छत उगलती हो जैसे आग
बीच बीच में ठंडी हवा ने
मानो लोरी सुनाई हो
खरबूजे,तरबूज ,बेल का आसरा
दरवाजे पर खस की टट्टी टांगना
मटके का पानी पी कर ही
ठन्डे-ठन्डे कूल है हम
हाँ हाँ गर्मी से immune है हम
तारीख 10 मई 2010
13 comments:
10 May 2010 at 05:34
बहुत बढ़िया
अच्छी पोस्ट
10 May 2010 at 05:41
बढ़िया प्रस्तुति!
"वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता मे : सुश्री सोनल रस्तोगी" को बधाई!
10 May 2010 at 06:23
वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता मे सुश्री सोनल रस्तोगी का स्वागत है इस बेहतरीन रचना के साथ.
10 May 2010 at 07:05
गर्मी में कूल रखने के सारे तरीके याद दिला दिये हैं।
बधाई अच्छी रचना के लिये।
10 May 2010 at 08:16
बहुत खूब. मौसम के अनुकूल एकदम फिट रचना ..वैशाखनंदन प्रतियोगिता में आपकी रचनाएँ पढ़ना बहुत अच्छा लगा....बधाई सोनल जी
10 May 2010 at 08:33
सोनल जी को बधाई एवं शुभकामना इस बिशिष्ट सम्मान के लिए। पोस्ट को पढ़ते ही कभी की लिखी ये पंक्तियाँ याद आयी -
बिजलियाँ गिर रहीं घर पे न बिजली घर तलक आयी।
बनाते घर हजारों जो उसी ने छत नहीं पायी।
है कैसा दौर मँहगीं मुर्गियाँ हैं आदमी से अब,
करे मेहनत उसी ने पेट भर रोटी नहीं खायी।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
10 May 2010 at 14:10
"वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता मे : सुश्री सोनल रस्तोगी" को बधाई!
10 May 2010 at 16:35
sonalji badhai.have a nice day.bahut hi khoobsoorat prastuti.
10 May 2010 at 16:37
sonalji badhai.sundar prastuti
10 May 2010 at 23:49
ये बेचारा मौसम का मारा.
अब एक गुजारिश ताऊ से...........क्या ताऊ अपना का भी नंबर आना है क्या???
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
3 November 2010 at 15:02
sonalji badhai.have a nice day.bahut hi khoobsoorat prastuti.
3 November 2010 at 15:03
sonalji badhai.have a nice day.bahut hi khoobsoorat prastuti.
jitendra rastogi
jrastogi2001@yahoo.co.in
3 November 2010 at 15:04
sonalji badhai.have a nice day.bahut hi khoobsoorat prastuti.
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