प्रिय ब्लागर मित्रगणों,
आज वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में सुश्री वाणी शर्मा की रचना पढिये.
लेखिका परिचय ....
नाम : वाणी शर्मा
शिक्षा : एम . ए .(इतिहास ), एम . ए प्रिविअस (हिंदी )
साधारण गृहिणी ...पढने का अत्यधिक शौक और कभी कभी लिख लेने का प्रयास हिंदी ब्लोगिंग तक ले आया है ...
ब्लाग : ज्ञानवाणी
ताऊ तेरी रामप्यारी !!
उस दिन जब ताऊ अपने ब्लॉग पर रचनाएँ आमंत्रित कर रहा था ...रामप्यारी की बहुत सी सखियों की तो बांछें खुलगयी ...ज्यादा क्या कहूं ..आप सब जानते हो इस युग के सखा और सखियों के बारे में...सारी की सारी लग गयी ...अबआयेगा मजा ...जम कर रामप्यारी की पोल खोलेंगे ....पर ये ताऊ कम ना है ...पूरी फीडबैक रखे है ...झट रचनाएँआमंत्रित करने का आप्शन रद्द कर दिया ...मगर रामप्यारी की सखिओं को जो खडबडी लग गयी ...कहाँ मानती...बहुत मान मनौवल करने लगीं ...अपने ब्लॉग पर ही लगा दो हमरी पोस्ट ...वोह ताऊ तो रामप्यारी के बारी में कुछछपने न देगा ... हमने भी सोचा ...के फरक पड़ेगा ...थोडी रामप्यारी की सखिओं की भड़ास निकल जायेगी ...तो फिरसुनो किस्सा ...
एक बार ताऊ के दरबरिओं ने भड़का दिया ताऊ को ...कुछ पता है तमने ...तुम तो बड़े खुश हो रहे हो ...की रामप्यारीको घर घर की निगरानी पर लगा दिया है ...कुछ पता है ...यूँ आँख मूँद कर भरोसा करना ठीक ना है ...किसीने तोरामप्यारी के पीछे भी लगा निगरानी करने को ...बात ताऊ के जच गयी ...
इब क्या था ...ताऊ ने अपने तोते रामखिलावन को लगा दिया रामप्यारी के पीछे ...
जहाँ जहाँ रामप्यारी जाती ...रामखिलावन भी पीछे लगा रहता ....रामप्यारी परेशान ...यह कुन है जो रात दिन पीछेलगा रहता है ...रामखिलावन अपनी मीठी मीठी बातों के जाल में रामप्यारी ने फांसने की कोसिस करने लागा ...
कान खड़े हो गए रामप्यारी के ...वा भी कोई कम ना है ...ट्रेनिंग जो ताऊ ने दी सै ...
तो ...एक दिन रामखिलावन बड़े लाड से बोला ...
रामखिलावन :- रे रामप्यारी ...तू मन्ने भोत अच्छी लागने लागी है ।
रामप्यारी :- तू भी मन्ने भोत अच्छा लागे है ।
रामखिलावन :- तो फिर बणा ले ना अपना ..
रामप्यारी :- ये तो कोई बात ना हुई ...काळ कोई और अच्छा लागने लगेगा ...।
रामखिलावन :- ना...रामप्यारी ...तू आखिरी होगी ।
रामप्यारी :- ओये रामखिलावन ...भीगी लकड़ी की जलावन ...मैं तेरी थोडी ना बोल री हूँ ...
मैं तो अपनी बात करे थी ...!!
बेचारा राम खिलावन जा पड़ा ताऊ के चरणों में ...ताऊ ये तेरी रामप्यारी !!
और ताऊ अपने मुछों पर ताव देता मुस्कुराता रहा ....देखा मेरी ट्रेनिंग का असर ....बेचारे दरबारी अपना मुंह लटका कररह गए ।
जैसा की रामप्यारी की सखी रामदुलारी ने बताया ...
7 comments:
28 May 2010 at 05:08
वाणी शर्मा जी को बधाई...
28 May 2010 at 05:08
बहुत खूब... बधाई मैम..
28 May 2010 at 05:41
ताऊ प्रभाव
28 May 2010 at 06:16
बहुत बढिया
28 May 2010 at 06:27
वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में सुश्री वाणी शर्मा जी का स्वागत एवं बधाई.
28 May 2010 at 11:10
बढ़िया व्यंग... :) :)
28 May 2010 at 14:08
बहुत खूब!
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