आप मुझे भूल तो नही गये ना? जी हां मैं काल हुं जो आपको यह सब वृतांत बता रहा हुं. आखिर गधा सम्मेलन का दिन आ ही पहुंचा है. समीरा टेढी ने महाराज को द्वापर की राजशाही वेषभूषा छोडकर इस सम्मेलन के लिये आधुनिक सूट बूट धारण करने के लिये राजी कर ही लिया. महाराज कहीं सच में तो समीरा जी की तरफ़ आकर्षित नही होगये हैं? खैर ये तो आने वाला समय ही बतायेगा.
राजमहल में महाराज ताऊ श्री धृतराष्ट्र और समीरा जी सोफ़े पर बैठे हैं. महाराज मोबाईल पर गधा सम्मेलन की तैयारियों का स्वयम जायजा ले रहे हैं. महाराज को लगता है कि उनके सम्मेलन को भी कोई खलमाडी की नजर ना लग जाये. वो चिंतित से मिस समीरा से पूछते हैं कि सब कैसा चल रहा है?
मिस समीरा टेढी - महाराज आप मेरे रहते कोई चिंता मत किजिये. आईये मैं आपको स्वयम लेकर चलती हुं और सब तैयारीयों के बारे विस्तार से बताती हुं.
महाराज ताऊ श्री धृतराष्ट्र - समीरा जी आपके भरोसे पर ही हमने इतने बडे आयोजन का सोचा है वर्ना आजकल तो जलकूक्कड लोग आयोजन शुरु होने के पहले ही उसकी धुंआ निकाल देते हैं.
मिस टेढी - महाराज आप चिंता मत किजिये, मेरे रहते वही काम होगा जो आप चाहेंगे. आप दिन को रात कहें तो रात ही होगी महाराज. आईये अब आपको शुरुआत से सब तैयारियों के बारे में बताती हूं.
मिस टेढी - महाराज ये ऊपर आप जो देख रहे हैं यह हमारा खासमखास चीफ़ ट्रांसपोर्टर है. हमने सारा ठेका इसको देदिया है और बदले में अपना कमीशन पूरा वसूल कर लिया है. वैसे ये भी अपना दूर का सगा वाला है सो थोडा बहुत यह भी कमा खा लेगा बाकी सारा माल मैने खजाने में पहूंचवा दिया है.
और महाराज इस गधा सम्मेलन के ब्राडकास्टिंग के सारे अधिकार मैने ताऊ टीवी को देदिये हैं. ताऊ टीवी बहुत ही सनसनीखेज रिपोर्टिंग करता है और हमारा खास ख्याल रखता है. इसीलिये सारी रिपोर्टिंग वही कर रहा है और अपने कमीशन के अलावा मुनाफ़े में भी अपना परसंटेज नक्की कर लिया है.
ताऊ टीवी ने मेहमानों के आने के रास्ते मे जगह जगह अपने संवाददाता और कैमरामैन लगा रखे हैं जो चप्पे चप्पे पर नजर भी रखे हुये हैं और पल पल की खबर भी प्रसारित कर रहे हैं.
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र - अरे वाह वाह समीरा जी, आपने तो हमारे मन की कर दी. काश द्वापर मे श्री कृष्ण भी हमारे फ़ेवर में काम करते तो आज कहानी ही बदली हुई होती. खैर....आगे बताईये.
मिस टेढी - देखिये महाराज ये ताऊ टीवी का लाईव प्रसारण शुरु होगया है. आप देख तो नही पायेंगे पर मैं टीवी का वाल्युम बढा देती हूं आप खुद ही सुन लिजिये.
महाराज तनिक नाराज होकर कहते हैं - समीरा जी, आप हमारा दिल क्यों तोडने पर तुली हैं? आप जानती हैं कि हम द्वापर से इस नामुराद रामप्यारे की आवाज सुन सुन कर पक चुके हैं. आप तो अपनी मीठी और सुरीली आवाज में हमे बताईये कि कहां क्या हो रहा है?
मिस समीरा - जो आज्ञा महाराज ताऊ श्री. ये देखिये सामने से एक कोई अतिथी आता दिखाई पड रहा है...साफ़ दिखाई नही पड रहा है...(समीरा जी रामप्यारे को मोबाईल पर कहती हैं कि जरा क्लोज अप दिखाया जाये). जैसे ही कैमरा जूम होता है समीरा जी खुशी से चीख उठती है...अरे महाराज ये लो ..अभनपुर नरेश महाराज ललितानंद जी पधार चुके हैं. बस वो सम्मेलन स्थल से ७० किलोमीटर की दूरी पर ही हैं...आते ही होंगे.
ताऊ महाराज - यह अति शुभ समाचार सुनाया आपने. अभनपुर नरेश की सवारी आन पहुंची है यह सुनकर हमें अतीव प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है. अब आगे सुनायें कि और कौन कौन आरहा है?
मिस टेढी - जी महाराज यह सामने ही पाताल लोक से कनाडा नरेश भी आते दिखाई देने लगे हैं....हां बिल्कुल वही
है.....अभी वो रेगिस्तान पार करते दिखाई दे रहे हैं.
ताऊ महाराज - वाह वाह समीरा जी, पाताल नरेश स्वयम पधार रहे हैं यह जानकर तो हम गदगदायमान हो रहे हैं. उनके साथ और भी कोई आरहा है क्या? यानि उनकी महारानी और बच्चे....?
मिस टेढी - महाराज अभी रामप्यारे ने कैमरा दूसरी तरफ़ घुमा दिया है जैसे ही अगला सीन दिखाई देगा मैं आपको बताऊंगी कि और कौन कौन उनके साथ आ रहा है अरे महाराज अब तो एक पूरा कारवां ही आता दिखाई देरहा है और बहुत ही नजदीक आचुका है....अभी बताती हूं कि कौन कौन हैं?
मिस टेढी - महाराज अब मुझे साफ़ दिखाई देरहा है कि काशी नरेश की सवारी बडे ही शाही शान से चली आ रही है और हां महाराज उनके ठीक बांये तरफ़ दिल्ली नरेश की सवारी भी दिखाई देने लगी है....और हां उनके ठीक बांये तरफ़ जरा सा ही पीछे जर्मनी नरेश की सवारी चल रही है...और साथ में सभी के लाव लश्कर भी चले आ रहे हैं.
ताऊ महाराज - ओहो समीरा जी कहीं खुशी के मारे हमारा दम ही ना निकल जाये? हमारे सभी इष्ट मित्र पधार रहे हैं यह जानकर हम प्रफ़ुल्लित हो रहे हैं. हमारा मन कर रहा है कि आपका मुंह हीरे मोतीयों से भर दें...
बात बीच मे काटकर मिस टेढी बोली - महाराज हीरे मोती से मुंह भरोगे और हीरा कहीं पेट मे चला गया तो जान ही चली जायेगी आप अगर प्रसन्न है तो दस बीस करोड मेरे स्विस बैंक में ही जमा करवा देते...?
ताऊ महाराज - अरे रे हम तो भूल ही गये थे कोई बात नही....बाद में देखेंगे अब आगे का हाल बताईये आप तो....
मिस टेढी - जी महाराज...अनेको अतिथी चले आरहे हैं और एक जगह सुरम्य वादियों में उनके खाने पीने का इंतजाम करवा दिया गया है. सबकी फ़रमाईश पर उनके पसंदीदा गुलाब जामुन, रसमलाई और समोसे का नाश्ता चल रहा है. सभी अतिथी बडे ही चाव से नाश्ता कर रहे हैं. और हां महाराज आजकल नवरात्र के उपवास को ध्यान में रखते हुये ही व्रत वाले अतिथियों के लिये साबूदाने की विशेष मेवा वाली फ़लाहारी खिचडी भी परोसी गई है.
ताऊ महाराज - वाह वाह समीरा जी, आपने तो कोई कसर बाकी नही छोडी...हम बडे प्रसन्न हैं. आगे बताईये.
मिस समीरा टेढी - जी महाराज ये जगह बिन बुलाये या बिना रजिस्ट्रेशन कराये जो मेहमान सम्मेलन में टपकेंगे उनके ठहरने के लिये चालू टाईप की व्यवस्था करवा दी है. वैसे कछुआ छाप अगरबत्ती और चाय पानी का इंतजाम भी वहां करवा दिया है. इसमे ज्यादा खर्चा कुछ भी नही आया है और हम इसका सारा बजट हडप जायेंगे. वैसे हमने ऐसी व्यवस्था की थी कि हमारे अपने वालों के अलावा सम्मेलन में कोई नही आ पायेगा. यानि रेवडी अपने अपने वालों को बांटने का पूरा इंतजाम करके रखा गया है महाराज.
ताऊ महाराज - हां ये बहुत अच्छा किया आपने, रेवडी तो होती है अपने वालों को खिलाने के लिये...दूसरा कोई क्यों खा जाये? पर हमारे जो खासमखास मेहमान आ रहे हैं उनको भी इसी में ठहरना पडेगा क्या? ये तो कोई अच्छी बात नही है...
मिस टेढी - नही महाराज आप समझते क्यूं नही हैं? आपके खासमखास मेहमानों के लिये तो उधर नदी किनारे की वादियों में एयरकंडीशंड फ़ाईव स्टार टेंट की व्यवस्था की गई है. सम्मेलन मे आपके खास मेहमानों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है. आखिर हस्तिनापुर के महाराज के खास मेहमानों का ध्यान रखना मेरा फ़र्ज बनता है.
ताऊ महाराज - अरे वाह वाह मिस टेढी...आपने तो हमारी इज्जत में चार की जगह आठ चांद लगा दिये....ये बताईये कि हमारे मेहमानों के मनोरंजन का इंतजाम किया या नही?
मिस टेढी - महाराज की जय हो...आपके मेहमानों के मनोरंजन के लिये मैने नृत्यशाला भी बनवा दी है और नृत्य का खास प्रबंध किया है?
ताऊ महाराज - वाह वाह आपने तो हमारे मुंह की बात छीन ली समीरा जी. आखिर हमारी राजनर्तकी को भी कुछ काम तो मिला. यह बहुत अच्छा किया आपने.
मिस टेढी - महाराज उदघाटन समारोह में कत्थक नृत्य राजनर्तकी नही बल्कि मैं करूंगी....
महाराज बीच में ही बोले - क्या कहा ? आप कत्थक डांस करेंगी? आप डांस जानती हैं? अरे वाह आपकी हमारी पसंद कितनी मिलती जुलती है? आईये मैं आपको कत्थक की प्रेक्टिस करवा देता हूं. और महाराज समीरा जी का हाथ पकडकर उठ गये. मिस टेढी फ़िर चकित रह गई कि ये ताऊ धृतराष्ट्र महाराज सच में ही अंधे हैं या द्वापर से अभी तक नाटक ही किये जा रहे हैं?
(क्रमश:)
67 comments:
9 October 2010 at 21:07
हा हा !! तो सम्मेलन चालू हो गया क्या ताऊ...पहला आईटम क्या है..डांस तो सांस्कृतिक कार्यक्रम में शाम को रखा होगा??
9 October 2010 at 21:08
ये कनाडा नरेश इसी सवारी पर आये हैं क्या कनाडा से?? :)
9 October 2010 at 21:13
रामप्यारी सम्मेलन में नहीं आई क्या??
9 October 2010 at 21:16
Mujhe sammelan me nahi bulaya, iska jabab dijiye.
9 October 2010 at 21:20
सम्मेलन की पहली रिपोर्टिंग शानदार तरीके से पेश की गई, लेकिन नास्ते में रबड़ी जलेबी भी होनी चाहिए थी।
9 October 2010 at 21:30
मिस समीरा के डांस की अलग से टिकिट बिक रही है क्या.
9 October 2010 at 21:31
Yah sammelan kitne baje se shuru hoga?
9 October 2010 at 21:31
या देवी सर्व भूतेषु सर्व रूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
-नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं-
9 October 2010 at 21:32
यह पोस्ट चोरी नही हुयी.
9 October 2010 at 21:34
ये तो लम्बर एक सम्मेलन है जी
9 October 2010 at 21:35
इस सम्मेलन की इंट्री फ़ीस कितनी थी और कब तक खुली थी? स्पष्ट किया जाये
9 October 2010 at 21:36
काहे राजी हो रहे हैं? बंटी चोर आता ही होगा.:)
9 October 2010 at 21:39
साउंड सिस्टम ठीक नहीं लग रहा है। जरा उसे ठीक करवाईए।
9 October 2010 at 21:39
बात बीच मे काटकर मिस टेढी बोली - महाराज हीरे मोती से मुंह भरोगे और हीरा कहीं पेट मे चला गया तो जान ही चली जायेगी आप अगर प्रसन्न है तो दस बीस करोड मेरे स्विस बैंक में ही जमा करवा देते...?
महाराज के सम्मेलन का बजट कितना था? अमंजूरी ली या नही?
9 October 2010 at 21:40
अरे ललित जी साऊंड सिस्टम बिल्कुले सुनाई नही देरहा है.
9 October 2010 at 21:41
ललित जी कहां गये?
9 October 2010 at 21:42
उडनतश्तरी जी आप कहांं हो?
9 October 2010 at 21:46
अरे भैया खर सम्मेलन में चलो आपने हमारी सुधी ले ली। हम तो अपने गधे को ढूंढ रहे हैं उसे भी नाश्ता पानी करवा दें।
9 October 2010 at 21:48
अरे ललित भाई आपका गधा तो किसी दूसरे सम्मेलन में जलेबियां ऊडा रहा है.:)
9 October 2010 at 21:48
डांस की रिह्र्सल में लगे हैं और कहाँ होंगे... :)
9 October 2010 at 21:49
Dance ka thaka to mujhe dena tha darling.
9 October 2010 at 21:50
लाईव रिपोर्टिंग कौन कर रहा है?
9 October 2010 at 21:52
लाईव रिपोर्टिंग तो रामप्यारे और श्यामप्यारे संभाले हैं.:)
9 October 2010 at 21:52
समीर अंकल नाम्स्ते बहुत दिनों बाद दिखे?
9 October 2010 at 21:53
राजेश स्वार्थी अंकल नाम्स्ते
9 October 2010 at 21:53
ललित अंकल नाम्स्ते
9 October 2010 at 21:53
संजय तिवारी अंकल नमस्ते
9 October 2010 at 21:54
बेटा मकरंद...होमवर्क छोड़ कर यहाँ डांस देखने चले आये...नवरात्रि की पूजा करो..
9 October 2010 at 21:54
आर के गुप्ता अंकल नाम्स्ते
9 October 2010 at 21:54
ढपोरसंख अंकल नाम्स्ते
9 October 2010 at 21:55
कोई तो नमस्ते का जवाब दिजिये वर्ना मुझे मेरी मम्मी बुला रही है. जाऊं क्या?
9 October 2010 at 21:55
नमस्ते तो कर दिया...अब क्या दंडवत करें??
9 October 2010 at 21:56
समीर अंकल आजकल होमवर्क नही गरबे में डांडिया डांडिया खेलने जाता हूं. यहाअं समीरा आंटी के साथ डांडिया गरबा खेलने आगया हूं.
9 October 2010 at 21:56
मकरंद नमस्ते
9 October 2010 at 21:57
ये राम प्यारे नहीं दिखाई दे रहा है।
जरा कैमरे का मुंह इधर घुमाना तो।
भाषण चालु होने वाला है।
9 October 2010 at 21:58
अच्छा अंकल अब चलता हूं गरबा शुरू होगये हईं, अमिं तो चला गरबे खेलने.
9 October 2010 at 21:58
अब ललित भाई का अध्यक्षिय भाषण शुरु...
9 October 2010 at 22:00
:) :)
शुरुआत बढ़िया है सम्मलेन की
9 October 2010 at 22:02
हां तो देवियों और सज्जनों अब सम्मेलन के अध्यक्ष महोदय का भाषण शुरू होने वाला है जरा शांति से सुनिये.
सेक्रेटरी सम्मेलन
9 October 2010 at 22:04
हां तो देवियों और सज्जनों.
आज सम्मेलन का एजेंडा आपको बता देते हैं. ललित भाई जरा सम्मेलन के एक्जेंडे पर प्रकाश फ़ेंकिये तनि
9 October 2010 at 22:08
बहुत मजेदार और गजब की पोस्ट है. मजा आगया पूरी पोस्ट पढके, वाकई आजकल गधे ही गुलाब जामुन खाते हैं. क
9 October 2010 at 22:57
भाई मज़ा आ गया ........ आज तो ताऊ ने मौज कर राखी से......
9 October 2010 at 23:02
आपकी प्रविष्ठि पढ़ और देख भावविभोर हो गया.
आपने ब्लागिंग के सही मायने बता दिए हैं .
साथ ही आपके सहयोगियों की भी दाद देना होगी .
जो बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है.
निश्चित रूप से आप जैसे वरिष्ठ ब्लागरों से नवागंतुकों को
काफी कुछ सीखने को मिल रहा है. और उम्मीद करते हैं कि
भविष्य में भी आप जैसे वरिष्ठों का मार्ग दर्शन मिलता रहेगा .
हिंदी ब्लागिंग के उज्जवल भविष्य की कामना सहित.
9 October 2010 at 23:29
हा हा हा हमने तो अपना थर्ड एसी का ऐसा मजा लिया कि क्या कहें ..ये सम्मेलन तो हिट सुपर हिट हो गया ..
हुड हुड हुड दबंग ..हुड हुड दबंग ...
10 October 2010 at 05:19
यह तो समानांतर कांफ्रेंस शुरू हो गयी -मगर "उधर नदी किनारे की वादियों में एयरकंडीशंड फ़ाईव स्टार टेंट की व्यवस्था की गई है. " -यह तो पक्षपात है ..काशी नरेश को आपने खच्चरों के अस्तबल वाली जगह बिना ऐ सी वाली दी रखी है और आपने चेलो चपाटों को नदिया किनारे वाला ऐ सी ...यह तो बहुत अंधेरगर्दी है --अंधी व्यवस्था है ..जाईये मै तो चला !
10 October 2010 at 07:33
देख ली सम्मलेन की तैयारी ..फिर क्या हुआ ...!
10 October 2010 at 11:02
ताऊ रामराम,
हम तो सैं बिना रजिस्ट्रेशन वाले, उस हैंगिंग खटौले में ही पड़ ज्यांगे, पर खान पीन ताईं रसमलाई और गुलाब जामण तो चाहियें ही चाहियें।
रामराम
10 October 2010 at 12:08
सम्मेलन किसका पहुंचे कौन, कौन, कौन :-)
10 October 2010 at 14:17
वाह ! यहाँ भी रेवड़ियाँ अपनों अपनों को !!
मजेदार :)
10 October 2010 at 16:05
हां ताजा सूत्रों के अनुसार ..एक अन्य सम्मेलन में तय किया गया है कि ...साले की जगह भाई साहब कहा जाएगा ..सो इस सम्मेलन में तय कर दिया जाए कि ...सालों को साला ही कहा जाएगा ....अरे वैसे भी अगर साले को भाई बोलेंगे तो फ़िर क्या भाई को साला बोलना पडेगा ......हद है यार ..ये भी साली कोई बात हुई ...
10 October 2010 at 16:11
अरे मैंने तो बहुत देर कर दी .......
इधर तो गज़ब का सम्मलेन चल रहा है .....
ओये कोए ....
समीर जी क्या लग रहे हैं ......
वाह....वाह....इन्हीं लोगो ने ले लीना दुपट्टा mera......
10 October 2010 at 17:43
हा हा हा……………सब नाटक है।
10 October 2010 at 18:06
हा हा अरे ताउजी जी मेहमानों की सुरक्षा के लिए जगह जगह इतजाम तो अपने किये नहीं हैं .... इस काम के लिए आप मुन्ना बदनाम की सेवाएं ले लें जी .... जिन मेहमानों का रजिस्ट्रेशन हो जायेगा उनके पास मच्छर नहीं फटकेंगे ... अरे वाह गजब की सोच है ...
10 October 2010 at 18:16
बहुत ही भव्य आयोजन लग रहा है ये तो!
--
कुछ भी यह तो मानना ही पड़ेगा कि
व्यंग्य लेखन में ताऊ की
कोई बराबरी नही कर सकता!
10 October 2010 at 20:49
ताऊ ये समीरा बी कैसे इतनी पतली हो गयी? कनाडा नरेश जर्मनी नरेश और भरत नरे की सवारी के क्या कहने। वाह ताऊ तुसी ग्रेट हो। राम राम।
11 October 2010 at 23:57
:-) बढ़िया सम्मेलन है |
17 October 2010 at 10:20
विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
आपकी पोस्ट ब्लॉग4वार्ता पर
23 October 2010 at 07:11
बड़ा ही भयंकर सम्मलेन है.
23 October 2010 at 21:16
हे बाबा विश्वनाथ...मेरो ताऊ को लम्बी उमर दे..उनका परिवार खुशहाल रहे....अभनपुर नरेश महाराज ललिता नंद, कनाडा नरेश समीरा नंद, दिल्ली नरेश, काशी नरेश, जर्मनी नरेश सभी खुश रहें..मस्त रहें..आज गधे पर हैं, कल हाथी पर हों..जय हो..जय हो..
1 November 2010 at 10:52
आज निगाह पडी इस रिपोर्टिंग पर ...अगला भाग कहाँ हैं ?
2 November 2010 at 11:58
व्यंगात्मक टिप्पड़ी ! अच्छी प्रस्तुति |
बहुत - बहुत शुभ कामना
2 November 2010 at 23:10
yeha to bahoot masala hai bhai......
5 November 2010 at 06:57
बहुत ख्हों ताऊ जी.. सुन्दर .. आपने तो कमाल कर दीया .. सबको सवार कर दीया है..
दीपावली प् शुभकामनाएं
5 November 2010 at 15:25
आप को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
मैं आपके -शारीरिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली की कामना करता हूँ
5 November 2010 at 16:00
nice yarr & wish u a happy diwali and happy new year
13 February 2011 at 20:57
एक निवेदन.......सहयोग की आशा के साथ....
मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष, जो मार्ग की शोभा बढ़ाता है, पथिकों को गर्मी से राहत देता है तथा सभी प्राणियों के लिये प्राणवायु का संचार करता है। वर्तमान में हमारे समक्ष अस्तित्व का संकट उपस्थित है। हमारी अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक लुप्त होने के कगार पर हैं। दैनंदिन हमारी संख्या घटती जा रही है। हम मानवता के अभिन्न मित्र हैं। मात्र मानव ही नहीं अपितु समस्त पर्यावरण प्रत्यक्षतः अथवा परोक्षतः मुझसे सम्बद्ध है। चूंकि आप मानव हैं, इस धरा पर अवस्थित सबसे बुद्धिमान् प्राणी हैं, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी रक्षा के लिये, हमारी प्रजातियों के संवर्द्धन, पुष्पन, पल्लवन एवं संरक्षण के लिये एक कदम बढ़ायें। वृक्षारोपण करें। प्रत्येक मांगलिक अवसर यथा जन्मदिन, विवाह, सन्तानप्राप्ति आदि पर एक वृक्ष अवश्य रोपें तथा उसकी देखभाल करें। एक-एक पग से मार्ग बनता है, एक-एक वृक्ष से वन, एक-एक बिन्दु से सागर, अतः आपका एक कदम हमारे संरक्षण के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।
22 February 2011 at 16:51
funny
interesting
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