महिला दिवस तो साल म्ह एक बार ही आवै सै : ताऊ

मैं ताऊ टीवी का मुख्य रिपोर्टर रामप्यारे, महिला दिवस पर आपका हार्दिक अभिनंदन करता हुं. आज मैं इस दिवस की महता देखने के लिये सुबह से ही ताऊ और ताई की दिन चर्या पर विशेष ध्यान लगाये हुये था.

सुबह होते ही आज ताऊ ने चाय बनाकर ताई के सामने हाजिर की और एक शरीफ़ पति की तरह व्यवहार कुशलता दिखाने लगा. ताई बडे अचरज में पड कर सोचने लगी कि ये दो चार लठ्ठ खाये बगैर कोई काम ढंग से नही करता फ़िर आज ऐसा कौन सा पहाड टूट गया कि ताऊ इतना शरीफ़ बना हुआ है?

ताई को मैने याद दिला दिया कि आज महिला दिवस है और इसी खुशी में ताऊ आपको इज्जत बख्स रहा है सो आप भी जो जो काम करवाना है आज करवा ही डालो कल तो ये फ़िर से वही ताऊ बन जायेगा.

ताई ने मौके का फ़ायदा उठाते हुये ताऊ को पैर दबाने का आदेश दिया, ताऊ ने बिल्कुल प्रसन्नता पूर्वक यह काम भी किया, दोपहर का खाना भी बनाया, बर्तन भी धोये, कपडे भी धो दिये, यानि घर के सारे काम कर डाले.

ताई बडी प्रसन्न थी, वो बोली - रामप्यारे क्या ये महिला दिवस रोज रोज नही आ सकता?

मैने कहा - ताई ये तो एक ही दिन आयेगा, पर तू अब मत चूक, घर का सारा काम तो करवा ही लिया, अब मेड-इन-जर्मन और फ़टकार दे ताऊ की पीठ पर, फ़िर अगले साल से पहले ये मौका नही मिलेगा.

ताई ने आव देखा ना ताव, लठ्ठ उठाकर दे दनादन ताऊ की धुनाई कर डाली....अब ताऊ से रहा नही गया और बोला - इब बहुत अति हो गई सै...पर तू नू समझ ले कि तेरा ये महिला दिवस तो साल म्ह एक बार ही आवै सै और बाकी के ३६४ दिन तो पुरुष दिवस ही हौवैं सैं.... और ताई का हाथ लठ्ठ लिये ऊपर ही रूक गया.

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