ममता की छांव

आजकल मौसम शानदार और सुहाना है, ऊपर से   3 दिन की छुट्टी...यानि आज ईद.  कल शनिवार और फ़िर रविवार. इसी का फ़ायदा उठाकर आज का सारा दिन जंगलों में भटकते हुये बिताया.  परिवार के साथ बाहर घूमने का अपना आनंद है. आज का दिन बेहतरीन गुजरा.

ममता की छांव

जंगल में घुंमते हुये एक चट्टान पर एक मादा बंदर अपनी गोद में अपने लाडले को दुबकाये हुये  कितने ममत्व से भरी बैठी है.  उसको देखते हुये एक अजीब सी अनुभुति हुई...उसे देखता ही रह गया.

यह इधर उधर उछल कूद कर रही थी और मैं उसकी एक अदद फ़ोटो खींचने के मूड में था....आखिर काफ़ी देर बाद उसने इस अंदाज में शान से पोज दिया.

एक उदास शाम


पता नही ये शाम इतनी उदास सी क्यों हो गई है? शायद इसने  भी अपने किसी जाने वाले की याद में खामोशी ओढ ली  है.




ताऊ को ध्यान मुद्रा की दिक्षा देने वाला गुरू है या गुरूमाई?

मेरे घर की छत पर रोज कुछ पक्षी दाना चुगने और पानी पीने आते हैं. अपनी खुराक लेकर वो अगले दिन तक के लिये अपने काम धंधे पर लग जाते हैं. लेकिन दो तीन दिन से एक कबूतर निर्विकार भाव से 5/7 मिनट तक मुंडेर पर बैठा रहता है.  और मैं चुपचाप खडा उसे देखता रहता हूं.

ताऊ को ध्यान मुद्रा की दिक्षा देने वाला गुरू या गुरूमाई?

ऐसा लगता है जैसे ये ताऊ को ध्यान मुद्रा की दीक्षा देना चाहता है. ध्यान पूर्वक  इसकी तस्वीर देखते रहने से आपको भी   इतनी शांति महसूस होती जान पडेगी कि देखते देखते आपका  मन भी  शांत हो जायेगा.

आज इस गुरू की  फ़ोटो Canon 650D कैमरे से अपरेचर कम करके खींची. मैं अपरेचर कम इस लिये कर देता हूं जिससे सिर्फ़ आब्जेक्ट स्पष्ट आये, बैक ग्राऊंड की वजह से ध्यान इधर उधर भटकता है.

हां एक बात, आप में से कोई यह बता सकता है कि ताऊ को ध्यान मुद्रा सिखाने वाला यह गुरू है या गुरूमाई?:)

आपके जवाब का इंतजार रहेगा.

एक हसींना के इश्क में गिरफ़्तार ताऊ


ताऊ को एक हसीं परी जैसी सख्शियत से इश्क हो गया. वो अपनी दो चार सहेलियों के साथ रोज सुबह व  दोपहर आने लगी. दोनों का इशक परवान चढने लगा.  अपनी मधुर स्वर लहरियों में वो  कई कई राग सुनाती.  मुलाकातों का दौर बढता ही गया.

ताऊ अपने कमरे की खिडकी से बाहर बगीचे की तरफ़ उसके इंतजार में झांकता रहता. ताऊ को इस तरह खोया खोया सा रहता देखकर ताई ने पूछा - तुम्हें ये क्या होता जा रहा है? कहीं किसी भूत प्रेत या जिन्न का साया तो नही आ गया तुम पर?

ताऊ ने जवाब दिया - नही नही, तुम और तुम्हारे लठ्ठ के रहते  भूत प्रेत जिन्न तो क्या उनके वालदेन भी यहां नही फ़टक सकते.

ताई बोली - फ़िर तुम खोये खोये से  खिडकी के  बाहर क्या देखते रहते हो? कभी मुझे भी देख लिया करो.

ताऊ बोला - तुमको देखने के पहले ही मुझे तुम्हारा लठ्ठ दिखाई पडने लगता है.

ताई के पास उस समय लठ्ठ नही था सो भुनभुनाती हुई अपने काम में लग गई. ताई के जाते ही ताऊ की माशूक फ़िर  आ गई. ताऊ उसकी मधुर स्वर लहरियां सुनते हुये उसके निष्पाप सौंदर्य को निहारने  लगा.

ताऊ ने उससे कहा - मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है. तुम दोपहर बाद तो आती ही नही हो? तुम अपना एक फ़ोटो खिंचवा लो जिसे मैं हमेशा अपने पास जेब में रखूंगा.

वो बोली - ना ताऊ, तुम मेरे पास मत आना. तुम जैसे ताऊ मनुष्यों से दूर की दोस्ती ही अच्छी है. तुम्हारा क्या भरोसा? और यह कहते हुये वो छूमंतर हो गयी.

    ताऊ की प्रेमिका - Red-Vented Bulbul

ताऊ ने भी ठान लिया  कि अब इसकी तस्वीर तो खींच के ही रहुंगा पर वो इतनी चंचल शोख थी कि कैमरे की फ़्रेम में आ ही नही पाती थी. कैमरे की क्लिक के पहले ही इधर से उधर हो जाती.


आखिर आज सुबह ताऊ को वो खिडकी के बाहर केबल वायर पर बैठे दिख ही गयी और हमेशा के लिये ताऊ की जेब में (कैमरे में)  कैद हो गयी. फ़ोटो Canon 650D कैमरे से अपरेचर कम करके ली गई है, जिससे बैकग्राऊंड गायब होकर सिर्फ़ प्रेमिका ही दिखाई दे रही है.:)

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